Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    क्या 2026 से बदलेगा दरभंगा? बंद पड़ी चीनी मिल से उठेगा धुआं और पूरे होंगे चार बड़े काम

    By Prince Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 10:34 PM (IST)

    दरभंगा में 2026 तक कई प्रमुख विकास परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद है। इनमें 1994 से बंद रैयाम चीनी मिल का पुनरुद्धार, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्य ...और पढ़ें

    Hero Image

    दरभंगा जिले में बंद पड़ी चीनी मिल। जागरण

    प्रिंस कुमार, जागरण . दरभंगा । नई उम्मीदों के साथ साल 31 दिसंबर को वर्ष 2025 विदा हो गया। नया साल हर बार कुछ आस जगाता है, पिछले से बेहतर करने और होने का। 2026 में जिले के लिए कई उम्मीदें हाथ फैलाई हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शिक्षा, स्वास्थ्य , उद्योग और पर्यटन के क्षेत्रों में दर्जनों नई योजनाएं जो, चल रही हैं, इसके पूरा होने का लक्ष्य 2026 रखा गया है तो कुछ के निर्माण का उम्मीद बरकरार है। जिले के केवटी प्रखंड की रैयाम चीनी मिल के पुनर्जीवन की उम्मीद जग गई है।

    मिल 1994 से मिल बंद है। 2010 में मिल का हस्तांतरण तिरहुत इंडस्ट्रीज को कर दिया गया। तब 2011 में मिल चालू करने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हाल ही में सरकार की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक नये साल में इसे चालू करने की दिशा में काम शुरू होगा।

    नये साल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में चार जिलों के छात्र-छात्राओं के लिए कई एकेडमिक योजनाएं पंख फैला रही है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को मल्टीडिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (मेरू) के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके तहत टेंडर के बाद काम भी शुरू है।

    इस कार्य के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय को छात्र और फैकल्टी के एक्सपोजर सहित 44 कंपोनेंट पर काम होना है।

    मिथिला सहित देश के 78 विश्वविद्यालयों में सेमिनार, रिसर्च, एक्सचेंज प्रोग्राम और ट्रेनिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पीएम- ऊषा योजना के तहत मेरू प्रोजेक्ट शुरू किया है। विश्वविद्यालय स्तर पर 44 कंपोनेंट में कई प्रकार के काम भी हो रहे हैं।

    इधर दरभंगा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर के बनाने की दिशा में रानीपुर पंचायत के बासुदेवपुर मौजा में 572 करोड़ रुपये खर्च कर सिविल एक्सटेंशन का निर्माण कार्य हो रहा है। अबतक 40 प्रतिशत बिल्डिंग निर्माण भी हो चुका है।

    वहीं दरभंगा एम्स निर्माण की दी दिशा में खिरोई नदी पर 11 करो़ड रुपये की लागत से पुर निर्माण कार्य का शिलान्यास हो चुका है। इससे शहर एवं आसपास के प्रखंडों के मरीज शुभंकरपुर, रत्नोपट्टी और गनौली होते हुए मात्र छह किलोमीटर की दूरी तय कर दरभंगा एम्स पहुंच सकेंगे। एम्स भवन निर्माण कार्य नये वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है।

    दरभंगा जंक्शन बन रहा विश्वस्तरीय

    मिथिला के लोगों की कनेक्टिविटी को सुगम बनाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 340 करोड़ की लागत से दरभंगा जंक्शन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने का काम शुरू है।

    इसके तहत स्टेशन की बिल्डिंग का रीडेवलपमेंट, आधुनिक यात्री सुविधाएं (एयरपोर्ट जैसी), 45 सालों की भविष्य की जरूरतों के हिसाब से चौड़े प्लेटफार्म, मल्टी-लेवल पार्किंग, और एक कामर्शियल माल का निर्माण शामिल है, हालांकि काम की धीमी गति को लेकर अधिकारी और सांसद भी चिंता जता रहे हैं और जल्द तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत स्टेशन को आधुनिक बनाने की कवायद चल रही है, जिसमें कई कार्यालयों को शिफ्ट किया जा रहा है और प्लेटफार्म नंबर छह के निर्माण पर काम जारी है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलें।

    परियोजना की मुख्य विशेषताएं

    आधुनिक स्टेशन भवन छह मंजिला भव्य इमारत जिसमें सभी कार्यालय एक ही छत के नीचे होंगे और एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी। सभी प्लेटफार्म की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी और सर्कुलेटिंग एरिया का विस्तार किया जाएगा। आधुनिक वेटिंग हाल, टिकट काउंटर, और बेहतर फुट ओवर ब्रिज की व्यवस्था होगी। वहीं दरभंगा मेट्रो परियोजना के पहले चरण में एलएनएमयू से लहेरियासराय तक भूमिगत मार्ग का निर्माण होगा, जिससे शहर में आवागमन आसान होगा।

    उम्मीदें 

    1. रैयाम चीनी मिल होगा चालू।
    2. एम्स भवन निर्माण कार्य होगा शुरू
    3. दरभंगा एयरपोर्ट पर सिविल एक्सटेंशन का निर्माण कार्य होगा पूरा
    4. मेरू के तहत लनामिवि में प्रयोगशाला, इंक्यूबेशन के क्षेत्र में आएगी क्रांति
    5. दरभंगा स्टेशन पर की बिल्डिंग का रीडेवलपमेंट, आधुनिक यात्री सुविधाएं होंगी बहाल