प्रदूषण से कराह रहा शहर, बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में गाइड लाइन की अनदेखी
दरभंगा शहर में बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है, जिससे आम लोग और स्कूली बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। नगर निगम की निष्क्रियता और बहुमंजिला इमारतों क ...और पढ़ें

दरभंगा शहर में निर्माणाधीन मकान के सामने जमा मिट्टी। जागरण
जागरण संवाददाता, दरभंगा । शहर में बढ़ते प्रदूषण से आमलोग परेशान हैं। इसे लेकर नगर निगम की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। शहर के बेंता चौक, लहेरियासराय, कर्पूरी चौक पर सर्वाधिक प्रदूषण का नजारा देखा जा रहा है।
अहले सुबह से ही सड़कों पर धूल ही धूल नजर आता है। स्कूली बच्चे इससे काफी प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही आमलोगों को भी इससे काफी नुकसान हो रहा है। इनके सेहत के साथ बहुमंजिला इमारत निर्माण करने वाले, लोोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। जिसे लेकर लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है।
इसे रोकने के लिए नगर निगम की ओर से कुछ नहीं किया जा रहा है। पूर्व में नगर निगम प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर वन और नगर वाटिका लगाने की योजना को काफी जोर शोर से प्रसारित किया। लेकिन उक्त योजना को धरातल पर नहीं उतारी गई। योजना फाइल में ही सिमट कर रह गई।
यह स्थानीय पर्यावरण और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है। पेड़-पौधे वायु प्रदूषण कम करने, शहरी हरियाली बढ़ाने और गर्मी से राहत देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हाल ही में शहर में एक्यूआई स्तर 155 दर्ज किया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। शहर में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
शहर के प्रमुख वायु प्रदूषण मापक यंत्र वर्षों से जले पड़े हैं। इससे शहरवासियों को यह पता नहीं चल पाता कि वे किस स्तर की दूषित हवा में सांस ले रहे हैं। अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार शहर की हवा दिन-ब-दिन अधिक प्रदूषित होती जा रही है।
अभी एक्यूआई का स्तर 150 के आस पास दर्ज किया जा रहा है जो ‘मध्यम से खराब’ श्रेणी में आता है। इससे पहले एक्यूआई 183 तक जा पहुंचा था, जो ‘खराब’ श्रेणी का है। लोगों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही और प्रदूषण की निगरानी प्रणाली सुचारू नहीं की गई तो शहर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर जा सकती है।
सर्दियों में तापमान गिरने और हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण जमीन के पास ही जमा हो जाते हैं, जिसके कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ता है। डाक्टरों का कहना है कि खराब हवा के कारण सांस लेने में कठिनाई, गले में जलन, सिर दर्द और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
रामानंद पथ निवासी चंद्र नारायण झा, चंद्र मोहन सिंह, मिथिलेश कुमार, अरुण कुमार लाल दास आदि ने कहा कि टाउन हाल परिसर में लगे वायू प्रदूषण स्टेशन के डिस्प्ले बोर्ड पर अंतिम बार 14 जनवरी 2023 को एक्यूआई की जानकारी दिखाई दी थी। उसके कुछ समय बाद ही स्टेशन में आग लग गई थी, जिससे सभी मशीनें जलकर नष्ट हो गईं। इसके बाद से स्टेशन पूरी तरह निष्क्रिय पड़ा है।
लोगों ने बताया कि कई बार इसकी मरम्मत और पुनः स्थापना की मांग की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। शहर में धूल नियोजन, सड़क की सफाई, पानी का छिड़काव, कूड़े का वैज्ञानिक निपटान जैसे आवश्यक उपाय या तो नहीं किए जा रहे या बेहद सीमित स्तर पर अधिकारियों के निवास स्थान के आसपास किए जा रहे हैं।
प्रदूषण विशेषज्ञों के अनुसार, अगर नगर निगम नियमित रूप से सड़क सफाई और धूल नियंत्रण की व्यवस्था करे तो प्रदूषण में 15-20 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। लेकिन अभी शहर के कई क्षेत्रों में नियमों की अनदेखी करते हुए भवन निर्माण के साथ ही अन्य कार्य किए जा रहे हैं। इससे वायु की गुणवत्ता खराब हो रही है।
शहर में पुराने व नए भवन निर्माण को लेकर नगर निगम की ओर से गाइड लाइन बनाया गया है। सड़क के किनारे निर्माण कार्य में उपयोग होने वाली सामग्री को गिराने को लेकर धावा दल जांच कर फाइन कर रही है। आमलोगों की शिकायत पर भी कार्रवाई की जाती है।
प्रदीप कुमार, नगर प्रबंधक, नगर निगम, दरभंगा।

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