क्रिकेटर आयुष ने क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर मिथिला का नाम रोशन किया
दरभंगा के आयुष लोहारूका ने क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में शतक लगाने वाले सकीबुल गनी और वैभव सूर्यवंशी के साथ रिकॉ ...और पढ़ें

विजय हजारे ट्रॉफी में शतक लगाने वाले खिलाड़ी आयुष। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, दरभंगा। ताबड़तोड़ शतकों से भारत के क्रिकेट जगत में रिकॉर्ड बनाने वाले तीन दिग्गज खिलाड़ियों में दरभंगा जिले के आयुष लोहारूका भी शामिल हैं।
इन तीन दिग्गज खिलाड़ियों में विजय हजारे ट्रॉफी में शतक लगाने वाले बिहार टीम के कप्तान सकीबुल गनी, समस्तीपुर जिला के वैभव सूर्यवंशी और दरभंगा जिला के आयुष लोहारूका शामिल हैं। जिन्होंने ऐतिहासिक प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया है।
बिहार टीम के विकेटकीपर आयुष ने अरुणाचल प्रदेश के विरुद्ध खेलते हुए 56 गेंद में 116 रन बनाकर जलवा दिखाया। आयुष इसके पहले भी बिहार टीम की ओर से खेलते हुए अरुणाचल प्रदेश के विरुद्ध दोहरा शतक लगा चुका है। इसके साथ ही मुंबई, दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों की टीमों के विरुद्ध भी कई शतक ठोक चुका है।
आयुष लोहारूका अब तक बिहार की ओर से खेलने वाले हरेक मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। बिहार के रणजी ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के विरुद्ध खेलते हुए सत्र 25-26 में दोहरा शतक जमाया था। अरुणाचल प्रदेश के ही विरुद्ध सेंचुरी जमाया था।
इसके पहले रणजी ट्रॉफी मैच में बिहार की ओर से सत्र 24-25 में उत्तर प्रदेश के विरुद्ध शतक लगाया था। इनका बल्ला इतना ही पर नहीं थमा। बिहार अंडर-19 टीम की ओर से सत्र 20-21 में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ के विरुद्ध बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग का जौहर दिखाया है।
आयुष ने सत्र 22-23 में अंडर 23 टीम की ओर से खेलते हुए मुंबई और दिल्ली के विरुद्ध एक-एक शतक की शानदार बल्लेबाजी की थी। इसके अलावा हेमन ट्रॉफी मैच और अन्य मैचों में इनका प्रदर्शन लगातार आसमान ही छूता रहा।
आयुष के खेल में चमकदार प्रदर्शन का श्रेय गोपालगंज जिला के कोच राबिन का हाथ बताया गया है। आयुष गोपालगंज जिला में जाकर कोच राबिन के निर्देशन में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसी कोच के निर्देशन में क्रिकेट के अन्य नुस्खे के लिए आयुष हैदराबाद, लखनऊ और दिल्ली में जाकर प्रशिक्षण लिया। आयुष ने बिहार रणजी टीम के पूर्व कोच एवं पूर्व रणजी टीम खिलाड़ी तरीकुर रहमान से आयुष दिल्ली जाकर समय-समय पर प्रशिक्षण लेते हैं।
माता-पिता ने आयुष को किया प्रेरित
दरभंगा शहर के गुल्लोवाड़ा मोहल्ले के तंग गलियों में चार साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। इनकी प्रतिभा को देखते हुए माता-पिता ने आयुष का ऐतिहासिक राज मैदान में खेलने के लिए प्रेरित किया।
क्रिकेट खेल के दीवाने आयुष ने रात हो या दिन, ठंड हो या बरसात, इसकी परवाह नहीं करते हुए जहां भी मौका मिला खेलने का जज्बा नहीं छोड़ा। इस खेल को लेकर पढ़ाई भी बाधित हुई। लेकिन इसकी परवाह नहीं करते हुए क्रिकेट को ही अपना करियर बना लिया।
आयुष बीए पास है। वर्तमान में आयुष दरभंगा जिला के कादिराबाद क्रिकेट क्लब की ओर से खेलते हैं। आयुष ने बताया कि उनके क्रिकेट खेलने का हौसला अफजाई माता रश्मि लोहारूका और पिता आनंद लोहारूका का है। उनके पिता गल्ला व्यवसायी हैं। इस मुकाम पर आने के लिए हमारे कोच राबिन का महत्वपूर्ण योगदान है। बिहार रणजी टीम के पूर्व कोच तारिक उर रहमान ने बताया कि आयुष दिल्ली में आकर समय-समय पर प्रशिक्षण लेते रहते हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।