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    अमेरिका में बिहार के लाल ने रचा इतिहास, कुत्तों में एटोपिक डर्मेटाइटिस पर अहम खोज

    By Laltuna Jha Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Sun, 28 Dec 2025 07:29 PM (IST)

    Bihar Latest News : दरभंगा के अमेरिकी विज्ञानी डा. संतोष मिश्रा ने कुत्तों में एटोपिक डर्मेटाइटिस में न्यूट्रोफिल की भूमिका खोजी है। यह शोध, जर्नल ऑफ ...और पढ़ें

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    भारतीय मूल के अमेरिकी विज्ञानी डा. संतोष मिश्रा- फाइल फोटो। सौ. स्वजन 

    लाल टूना झा, बेनीपुर (दरभंगा) । दरभंगा जिले के चौगमा गांव के अमेरिकी विज्ञानी डा. संतोष मिश्रा ने कुत्तों में एटोपिक डर्मेटाइटिस में न्यूट्रोफिल्म की भूमिका की खोज की है। बताया जाता है कि यह शोध मनुष्यों पर भी अध्ययन के लिए उपयोगी साबित होगा।

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    वे नार्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी में वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनका शोध पत्र जर्नल आफ फ्रंटियर एलर्जी में प्रकाशित हुआ है। डा. संतोष मिश्रा ने विश्व खुजली कांग्रेस, जर्मनी 2025 में भाग लिया था। नार्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन में पाया गया है कि न्यूट्रोफिल्स श्वेत रक्त कोशिकाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है कुत्तों में एटोपिक डर्मेटाइटिस के शुरुआती लक्षणों में भूमिका निभाती है।

    यह शोध एलर्जी से होने वाली त्वचा की प्रतिक्रिया के शुरुआती चरणों में इन प्रतिरक्षा कोशिकाओं की भूमिका को समझने की दिशा में पहला कदम है। एटोपिक डर्मेटाइटिस से पीड़ित मनुष्यों के लिए भी इसके महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि एटोपिक डर्मेटाइटिस (एडी) एक प्रकार का एक्जिमा है जो एलर्जी प्रतिक्रियाओं से जुड़ा होता है और त्वचा पर सूजन और खुजली वाले धब्बों से पहचाना जाता है।

    हालांकि यह रोग कई प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाओं की परस्पर क्रिया पर निर्भर करता है, लेकिन न्यूट्रोफिल्स की भूमिका का व्यापक रूप से अध्ययन नहीं किया गया था।

    शोधकर्ताओं ने पाया कि न्यूट्रोफिल एलर्जी की प्रतिक्रिया के शुरुआती चरण में ही प्रभावित स्थान पर पहुंच जाते हैं, लगभग 48 घंटे में इनकी संख्या चरम पर पहुंच जाती है और 96 घंटे के बाद इनकी संख्या कम हो जाती है।

    डा. मिश्रा ने बताया कि प्रतिरक्षा प्रणाली में न्यूट्रोफिल की मुख्य भूमिका बाहरी तत्वों को हटाना है। ये ऐसे रसायन छोड़ते हैं जो अन्य कोशिकाओं को प्रभावित स्थान पर लाकर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कम या ज्यादा करते हैं।'

    इस समय, हमें यह नहीं पता कि वे अन्य प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को आकर्षित करने के लिए हैं या बाहरी तत्वों को हटाने के लिए और यह संभव है कि वे दोनों काम कर रहे हो लेकिन 48 घंटे इनकी गतिविधि का चरम समय होता है।

    शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह शोध, एलर्जी की प्रतिक्रिया में शामिल अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं के साथ इसके संबंध और पूरे समय के दौरान न्यूट्रोफिल की भूमिका का गहन अध्ययन करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

    उन्होंने बताया कि त्वचा एक जटिल प्रक्रिया है। यह बात हाल तक ज्ञात नहीं थी कि न्यूट्रोफिल्स अल्जाइमर रोग में एलर्जी प्रतिक्रिया में भूमिका निभाते हैं। अब हमारे पास उपचार खोजने के लिए एक और रास्ता है।