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    ग्रामीण बैंकिंग पर बड़ा फैसला, पंचायत सरकार भवन में खुलेंगी शाखाएं

    By Vinay Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 02:34 PM (IST)

    डीएम कौशल कुमार की अध्यक्षता में दरभंगा में हुई बैठक में ग्रामीण बैंकिंग सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पंचायत सरकार भवनों में ...और पढ़ें

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    डीएम की अध्यक्षता में हुई परामर्शदात्री समीक्षा समिति की बैठक में लिए गए कई निर्णय। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, दरभंगा। Panchayat Sarkar Bhawan Bank: ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाओं के लिए अब शहरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। दरभंगा जिले के पंचायत सरकार भवनों में बैंक शाखाएं खोलने की तैयारी शुरू हो गई है।इसको लेकर जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बैंकों को जल्द से जल्द सर्वे कराने का निर्देश दिया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं सुलभ हो सकें।

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    यह निर्णय समाहरणालय सभागार में डीएम की अध्यक्षता में आयोजित परामर्शदात्री समीक्षा समिति (डीसीसी) की बैठक में लिया गया। बैठक में विभिन्न बैंकिंग योजनाओं, ऋण वितरण, साख-जमा अनुपात और सरकारी योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई।

    पंचायत स्तर पर बैंकिंग सुविधा पर जोर

    डीएम ने वार्षिक शाखा विस्तार योजना के तहत बैंकों को आवंटित लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पंचायत सरकार भवनों में बैंक शाखा खुलने से ग्रामीणों को खाता संचालन, ऋण, सरकारी योजनाओं और भुगतान से जुड़ी सेवाएं गांव में ही मिल सकेंगी।

    लंबित ऋण आवेदनों पर नाराजगी

    डीएम ने जिला गव्य विकास योजना के तहत बैंक स्तर पर लंबित आवेदनों पर नाराजगी जताई और संबंधित बैंकों को 15 दिनों के भीतर निष्पादन का आदेश दिया।
    अग्रणी बैंक प्रबंधक विकास कुमार को साख-जमा अनुपात में सुधार और निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने को कहा गया। उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया गया कि वे प्रतिदिन बैंक-वार समीक्षा कर लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करें।

    लोक अदालत और वसूली मामलों की समीक्षा

    बैठक में नीलाम पत्र वादों की भी समीक्षा की गई। डीएम ने सभी बैंकों को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादित मामलों की रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराएं और शेष मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करें।

    किसानों को ऋण में नहीं होगी परेशानी

    डीडीएम नाबार्ड ने बैंकों को निर्देश दिया कि कृषि ऋण के सभी आवेदनों को अनिवार्य रूप से स्वीकार किया जाए और बिना ठोस कारण के अस्वीकृत न किया जाए।
    उन्होंने बताया कि मखाना बोर्ड का गठन हो चुका है, ऐसे में मखाना उत्पादन से जुड़े किसानों को ऋण में प्राथमिकता दी जाए। वेयरहाउस रिसिप्ट और ई-किसान उपज निधि से जुड़ी योजनाओं की जानकारी भी दी गई।