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    किडनैपिंग के बाद अंतिम संस्कार, फिर अचानक डेढ़ महीने बाद जिंदा लौटा 'भोला'; कोर्ट में मचा हड़कंप

    दरभंगा के मब्बी थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक अपहृत किशोर भोला कुमार राम को दाह संस्कार के डेढ़ महीने बाद जीवित पाया गया। पुलिस ने किशोर को मृत घोषित कर दिया था लेकिन वह नेपाल में मिला। अदालत ने भोला को उसके माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।

    By Mukesh Srivastava Edited By: Piyush Pandey Updated: Thu, 17 Apr 2025 09:21 PM (IST)
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    दाह संस्कार के डेढ़ माह बाद जिंदा मिला किशोर।

    संवाद सहयोगी, दरभंगा। मब्बी थानाक्षेत्र के सिमरा नेहालपुर निवासी जगदेव राम के अपहृत पुत्र भोला कुमार राम (17) के दाह संस्कार के डेढ़ माह उपरांत उसके जिंदा मिलने से हड़कंप मच गया।

    दरभंंगा एससी/एसटी अदालत के विशेष न्यायाधीश के समक्ष भोला को उसके बड़े भाई धीरज कुमार राम ने प्रस्तुत किया। साथ ही एक आवेदन भी समर्पित किया। इसमें अपने भाई भोला को जिंदा बताया है।

    उसने कहा कि पुलिस ने उसके भाई को मृत घोषित कर दिया था। 28 फरवरी 2025 को पुलिस ने उसे फोन कर डीएमसीएच बुलाया और विकृत चेहरा वाले अज्ञात शव को मुझसे जबरन पहचान कराई। इसके बाद एक मार्च को उसे शव सौंप दिया।

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    धीरज कुमार राम ने कहा कि उसके भाई की आयु 17 वर्ष है, जबकि, जो शव सौंपा गया उसकी उम्र लगभग 20-25 वर्ष थी। उसने बताया कि उन्हें व्हाट्सएप पर कॉल आया, बताया गया कि उनका भाई भोला नेपाल में है। पता भी बताया। इसके बाद नेपाल के इंडस्ट्रियल मिर्चाईया कटारी चौक से अपने भाई को लेकर दरभंगा पहुंचे।

    पूछताछ में भाई ने बताया कि विश्वविद्यालय मैदान में खेलने के दौरान पीछे से उसका मुंह आंख बंद कर अपहरण कर लिया। उसे एक कमरे में बंद कर रखा गया था। जहां से मौका मिलने पर वह फरार हो गया और वहां के लोगों को घटना की जानकारी दी। तब उसे नेपाल में हाेने की जानकारी मिली।

    उधर, स्पेशल पीपी संजीव कुमार कंवर ने इसकी जानकारी कांड के अनुसंधानक को दी। इसके बाद भोला राम को अभिरक्षा में लेकर कोर्ट में प्रस्तुत किया। साथ ही बीएनएसएस की धारा 183 के तहत बयान अंकित करने की याचना की।

    स्पेशल जज शैलेंद्र कुमार ने 183 बीएनएसएस के तहत बयान दर्ज करने के लिए सीजेएम को निदेशित किया। जहां उसका बयान दर्ज किया गया। अदालत ने जीवित भोला को उचित पहचान पर उसके माता-पिता को सौंप देने का आदेश पारित किया है।

    घर मिला बंद, स्वजन मिले गायब 

    भोला के जीवित होने की खबर आग की तरह फैल गई। काफी संख्या में लोग उसके घर पहुंचे। लेकिन, भोला का घर बंद पाया गया। घर के सभी सदस्य गायब मिले। कोर्ट में भी मात्र बड़ा भाई साथ में था। ऐसे में शेष दो भाई और माता-पिता कहां गए यह कोई बताने को तैयार नहीं थे।

    कल्याण विभाग से आश्रित ले चुके हैं चार लाख रुपये

    एससी-एसटी मामले को लेकर पुलिस की अनुशंसा पर कल्याण विभाग की ओर से भोला के आश्रित 4 लाख 12 हजार 600 रुपये प्राप्त कर चुके हैं। आरोप पत्र समर्पित होने पर कुल 8 लाख 50 हजार रुपये देने का आदेश पारित किया गया था।

    हालांकि, अभी आरोप पत्र दाखिल होना शेष था। इसके साथ ही एक आश्रित को सरकारी नौकरी भी मिलने वाली थी।

    मौत के सूचना पर हुआ था बवाल और आगजनी 

    बेंता थानाक्षेत्र के अल्लपट्टी रेलवे ट्रैक से 26 फरवरी को दो हाथ और एक पैर कटा हुआ अज्ञात जख्मी युवक को डीएमसीएच में भर्ती कराया गया था, जो इलाज दौरान दम तोड़ दिया। अज्ञात शव मिलने की सूचना पर पहचान के लिए स्वजन पहुंचे।

    जहां दूसरे नंबर वाला रवि राम ने शव की पहचान अपने भाई भोला के रूप में की। वह आठ फरवरी से लापता था। पोस्टमार्टम के बाद जब शव को घर ले जाया गया, तो ग्रामीणों ने विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के आजमनगर दुर्गा मंदिर स्थित कादिराबाद-शिवधारा मार्ग को बांस-बल्ला लगाकर जाम कर दिया। सड़क पर आगजनी कर दी।

    सूचना पर पहुंची डायल 112 की पुलिस पर लोग उग्र हो गए। बांस-बल्ला चलाकर पुलिस गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया। घंटों सड़क जाम रहा। समय रहते प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के आरोप में थानाध्यक्ष दीपक कुमार को निलंबित कर दिया गया।

    फोन पर मांगी गई 15 हजार फिरौती 

    भोला के भाई के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन आया, उसने कहा कि उनके भाई को बॉर्डर पार करने के दौरान बांग्लादेश की सीमा पर जवानों ने कैद कर लिया है। इसे लेकर 40 हजार रुपये लेकर आने को कहा। इसके एक नंबर पर 15 हजार रुपये की मांग की।

    फिर राहुल कुमार साह नामक एक अकाउंट पर रुपये भेज दिए। इस मामले में पुलिस ने सहरसा जिले के सौरवा थानाक्षेत्र के जकीरा गांव निवासी राहुल कुमार साह को पुलिस ने 11 मार्च को सुपौल जिले के निर्मली स्थित एक किराए के मकान से टावर लोकेशन के आधार पर गिरफ्तार कर लिया था। जो अब भी जेल में है।

    दाह संस्कार के बाद अज्ञात शव की शिनाख्त बनी चुनौती

    भोला के जिंदा मिलने के बाद उसके जगह जिस अज्ञात शव का दाह संस्कार कराया गया, उसकी शिनाख्त करना अब पुलिस के लिए चुनौती बन गई है।

    हालांकि, सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि उस दौरान डीएनए जांच के लिए सैंपल लिया गया था। शव की तस्वीर भी सुरक्षित है। इसे सघन प्रचार-प्रसार कराया जाएगा, ताकि, शव की शिनाख्त में मदद मिल सके।

    उन्होंने कहा कि अभी भोला से कोई पूछताछ नहीं की गई है। लेकिन, इस दिशा में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

    मामले में मालिक पर दर्ज है प्राथमिकी 

    भोला राम कादिराबाद चौक स्थित काफी हाउस में मजदूरी करता था। इसे लेकर भोला का भाई धीरज ने काफी हाउस के मालिक राहुल कांस्कार और उसके भाई को आरोपित किया। इसमें फोन पर रुपये मांगने वालों की भी चर्चा है।

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