दरभंगा में बेटे के बाद मां मनीषा की मौत, अब हर पहलू की होगी गहन जांच
दरभंगा में बेटे कश्यप की हास्टल में मौत के तीन माह बाद मां मनीषा ने डिप्रेशन में जान दे दी। पुलिस ने अब दोनों मामलों की गहन जांच शुरू की है। परिवार स् ...और पढ़ें

घटना के बाद मायूस स्वजन। जागरण
जागरण संवाददाता, दरभंगा। तीन माह पूर्व निजी स्कूल के छात्रावास में पुत्र और उसके बाद मां मनीषा कुमारी की हुई मौत मामले में वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी ने विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को जानकारी साझा की है।
कहा है कि पुत्र एवं मां की मौत मामले में सभी पहलुओं पर जांच एवं अनुसंधान किया जा रहा है। कोतवाली थाना के भटियारी सराय हनुमाननगर के शिवशंकर कुमार साह के लिखित आवेदन के आधार पर माउंट समर स्कूल, लहेरियासराय के हास्टल में पढ़ रहे अपने भांजा कश्यप कुमार के साथ मारपीट कर हत्या करने के आरोप में बहादुरपुर थाना कांड संख्या-450/25 आठ अक्टूबर को दर्ज किया गया है।
अनुसंधान के कम में कांड के घटनास्थल का निरीक्षण तत्क्षण जिला चलंत विधि विज्ञान प्रयोगषाला द्वारा किया गया, जिसमें घटनास्थल के पास दो मल्टीकलर रंग का गमछा जब्त किया गया।
विधि विज्ञान प्रयोगशाला टीम द्वारा प्रथम दृष्टया उक्त घटना को हैंगिंग होना बताया गया है, परंतु मौत के स्पष्ट कारण की जानकारी के लिए अंत्य परीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त होने का मंतव्य दिया गया।
कश्यप के शव का अंत्यपरीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। जिसमें चिकित्सक द्वारा मृत्यु का कारण एस्फीक्सिया ड्यू तो रिजल्ट आफ हैंगिंग बताया गया है। इसके अलावा मृतक के शरीर के किसी भी भाग पर अन्य कोई जख्म नहीं होना बताया गया है।
कांड के अनुसंधान के लिए एसडीपीओ सदर-वन के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया, जिसमें थानाध्यक्ष, बहादुरपुर, कांड के अनुसंधानकर्ता एवं डीआइयू टीम को प्राधिकृत किया गया। अनुसंधान के कम में यह बात प्रकाश में आयी है कि मृत कश्यप कुमार हास्टल में नहीं रहना चाहता था।
अक्सर हास्टल में रहनेवाले बड़े बच्चा को हास्टल से घर भाग जाने की बात करते थे। बताया गया कि कश्यप कुमार को मोबाइल देखने का लत रहने एवं घर जाकर मोबाइल देखने की बात करता था। अनुसंधान के कम में अनुसंधानकर्ता को माउंट समर स्कूल की वर्ग शिक्षिका बताई कि घटना की तिथि को स्कूल आने पर कश्यप काफी रो रहा था, जिसे काफी समझाने-बुझाने के बाद चुप हुआ तथा अपने वर्ग में गया।
इस मामले में आगे का अनुसंधान चल रहा है। इस कांड के मृतक कश्यप कुमार की मां मनीषा कुमारी की मौत इलाज के कम में होने की बात प्रकाश में आयी है। जिस संबंध में मृतका के भाई शिवशंकर साह के फर्द बयान पर कोतवाली थाना यूडी कांड संख्या-01/25 अंकित किया गया है।
फर्द बयान में बताया गया है कि उनकी छोटी बहन मनीषा कुमारी के पुत्र कश्यप कुमार की मौत तीन माह पहले माउंट समर स्कूल के हास्टल में हो गयी थी, जिस कारण मनीषा कुमारी डिप्रेशन में चल रही थी। 28 दिसंबर को घर पर समय शाम करीब छह-सात बजे कुछ खा ली थी।
तबीयत बिगड़ने पर स्वजन ने अल्लपट्टी के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। इलाज के कम में जब मनीषा होश में आयी तो वह बताई कि कुछ खा ली हू। बहुत डिप्रेशन में रहती हूं।
हालत और खराब होने लगी तो रात में डाक्टर द्वारा डीएमसीएच रेफर किया गया, जहां इलाज के कम में 30 दिसंबर को मनीषा की मौत हो गई। जिसमें किसी का दोष नहीं है। इस प्रकार दोनों घटनाओं के संबंध में सभी पहलुओं पर जांच-अनुसंधान जारी है।
मनीषा की मौत से मोहल्ले के लोग दुखी और आक्रोशित
तीन माह पहले पुत्र कश्यप की मौत से आहत मां के जीवनलीला समाप्त कर लेने की घटना से मायके भटियारीसराय हनुमाननगर मोहल्ला के लोग दुखी और आक्रोशित हैं। देर रात मनीषा का दाह संस्कार कर दिया गया। पति नहीं पहुंचा। बहन के बेटे ने मुखाग्नि दी। कश्यप को भी उसने ही मुखाग्नि दी थी। इधर,मनीषा की मौत के बाद बेंता थाना पुलिस ने भाई के बयान पर कांड दर्ज किया है।
मायके के स्वजन एवं मोहल्ले के लोग कश्यप की मौत मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि कश्यप ने आत्महत्या नहीं की थी। माउंट समर कन्वेट स्कृल के हाउसिंग कालोनी स्थित छात्रावास में उसकी हत्या की गई थी।
बहादुरपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी में भी छात्र कश्यप के संबंध में उसके मामा शिवशंकर कुमार साह ने कहा था कि स्कूल के छात्रावास में उसकी हत्या स्कूल वालों ने की थी। छात्र की मौत के बाद भटियारीसराय में स्कूल संचालक पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने के लिए भारी बवाल मचा था।
पुलिस ने मौके पर मोहल्ला वासियों को स्कूल संचालक के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने का आश्वासन देकर जाम को खुलवाया था। मोहल्ले वासियों का कहना है कि छात्र की मौत के बाद पुलिस ने अपने आश्वासन अनुसार स्कूल संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की।
कश्यप की मां मनीषा न्याय के लिए दौड़ती रही। पुलिस अनुसंधान के नाम पर उसे दौड़ाती रही। कश्यप के मामा ने प्राथमिकी में स्कूल संचालक सहित कुछ अन्य लोगों का नाम जोड़ने का जब थाना में आवेदन दिया तब पुलिस ने किसी का नाम नहीं जोड़ा। गिरफ्तारी क्या होती ,स्कूल संचालक हाकिमों के साथ बैठकर अपनी ऊंची पहुंच का रुआब दिखाता रहा।
बाल संरक्षण आयोग ने भी किया था निर्देशित
बाल संरक्षण आयोग की ओर से भी पुलिस को निष्पक्ष जांच के लिए निर्देशित किया था। मनीषा अपने पुत्र की हत्या के खिलाफ अधिकारियों के दरबार में गई। इस दौरान अपनी निजी नौकरी भी छोड़ दी। बस वह सबसे न्याय की गुहार लगाती रही।
अंतिम बार उसने नौ दिसंबर को न्याय के लिए एसएसपी को आवेदन दिया था। इसके बावजूद जब उसे लगा कि चमकते सिक्कों के आगे नतमस्तक व्यवस्था में उसे न्याय नहीं मिलेगा तो उसने अपनी जान देना बेहतर समझा। पुत्र के बाद मां की भी जान चली गई। अब मनीषा की आत्महत्या के लिए हमारी व्यवस्था किसे जिम्मेवार ठहराएगी।
पुलिस कह रही है कि छात्र की हत्या नहीं हुई थी। जबकि छात्र की मौत के बाद नर्सिंग होम में पुलिस पहली बार पहुंची थी। फिर वह किस आधार पर उसे आत्महत्या बता रही है। इसका अंतिम प्रपत्र भी अब तक न्यायालय में समर्पित नहीं किया गया है। कुछ तो गड़बड़ है।
बता दें कि मनीषा की शादी 2013 में समस्तीपुर जिले के पान मंडी गुदरी बाजार निवासी लव कुमार साह से हुई थी। पति नशेड़ी था और मारपीट करता था। 2014 में पुत्र कश्यप का जन्म हुआ था। पति के झगड़ा करने से तंग आकर 2018 में अपने पुत्र के साथ नगर थाना क्षेत्र के मलेच्छ मर्दिनी मंदिर स्थित किराये के मकान में रह रही थी। पुत्र को अच्छी शिक्षा देने के लिए स्कूल में नामांकन कराई थी।
नामांकन के एक माह बाद ही स्कूल के हास्टल में उसकी मौत हो गई। हालांकि जिस दिन पुत्र की मौत हुई उसी दिन सुबह में वह अपने पुत्र को स्कूल पहुंचाई थी। पुत्र की मौत के बाद वह सदमे में थी। इसके बाद वह अपने मायका में रह कर पुत्र के न्याय के लिए दर दर भटकती रही। मनीषा कपड़ा दुकान में काम कर अपना भरण पोषण करती थी। मनीषा दो भाई ,दो बहन है।

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