डीएमसीएच में इंजेक्शन लगते ही मरीज की मौत, आक्रोशित परिजनों का हंगामा, नर्सों ने बंद किए दरवाजे
दरभंगा के डीएमसीएच में इंजेक्शन लगने के बाद एक मरीज की मौत हो गई, जिससे आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा किया। नर्सों को अपनी सुरक्षा के लिए दरवाजा बंद ...और पढ़ें

आईसीयू में शव के साथ स्वजनों का हंगामा। जागरण
संवाद सहयोगी, दरभंगा। डीएमसीएच औषधि विभाग के आइसीयू में रविवार को इलाज के दौरान मरीज की मौत पर जमकर हंगामा हुआ। इससे अफरातफरी की स्थिति हो गई। ड्यूटी पर तैनात नर्सों को अपनी सुरक्षा के लिए दरवाजा बंद करना पड़ा।
मौके पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड ने किसी तरह मोर्चा संभाला और स्वजन को शांत करने की कोशिश की। इस बीच सूचना पर बेंता थाने की पुलिस पहुंची। तब जाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया। पुलिस ने स्वजन को समझा-बुझाकर शव को घर भेजवा दिया।
बताया जाता है कि विशनपुर थाना क्षेत्र के डीलाही निवासी महावीर ठाकुर के पुत्र सुरेश ठाकुर (55) को डा. पंकज मोहन श्रीवास्तव की यूनिट में आइसीयू के नौ नंबर बेड पर भर्ती किया गया था। स्वजन ने कहा कि इंजेक्शन देने के तुरंत बाद ही उनकी मौत हो गई। इसे लेकर मृतक के पुत्र दिवाकर कुमार ठाकुर ने लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। देखते ही देखते ही परिवार के कई सदस्य भी जुट गए।
पुत्र ने कहा कि इंजेक्शन देने के समय पिताजी का शुगर लेवल सामान्य से नीचे था। अस्पताल कर्मियों ने बताया कि सुरेश ठाकुर पहले से ही डायबिटीज और किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। इसी वजह से उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया था।
मरीज की स्थिति पहले से ही नाजुक थी। इस बाबत पूछने पर डीएमसीएच के उपाधीक्षक डा. अमित कुमार झा ने बताया कि यूनिट हेड से बात हुई है। मरीज का डायबिटीज काफी बढ़ा हुआ था।
ब्लड प्रेशर भी बहुत हाई था और किडनी काम नहीं कर रहा था। बहुत ही गंभीर स्थिति में आइसीयू में भर्ती किया गया था। इलाज शुरू करने के पहले ही उसकी जान बचने की उम्मीद कम थी। फिर भी प्रयास किया गया लेकिन वह बच नहीं पाया। मरीज के स्वजन से बात कर इलाज किया नहीं जाता है। ऐसी स्थिति में आए दिन स्वजन आक्रोशित हो जाते ही हैं।

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