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    दरभंगा में पुत्र की मौत में न्याय नहीं मिलने पर मां ने जहर खाकर दी जान

    By Mirtunjay BhardwajEdited By: Dharmendra Singh
    Updated: Tue, 30 Dec 2025 05:21 PM (IST)

    दरभंगा में पुत्र कश्यप कुमार की तीन माह पूर्व माउंट समर कॉन्वेंट स्कूल में हुई मौत के मामले में न्याय न मिलने से आहत मां मनीषा कुमारी ने जहरीला पदार्थ ...और पढ़ें

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    इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    जागरण संवाददाता, दरभंगा । बहादुरपुर थाना क्षेत्र के संचालित माउंट समर कान्वेंट स्कूल के छात्रावास में तीन माह पूर्व पुत्र कश्यप कुमार (10) की हुई मौत मामले में न्याय नहीं मिलने से आहत मां ने रविवार की शाम जहरीला पदार्थ खा लिया। स्वजन पहले उसे एक निजी अस्पताल में ले गए।

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    सोमवार को चिकित्सक के रेफर करने पर रात में उसे डीएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार की सुबह 10 बजे डीएमसीएच की इमरजेंसी में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

    मूल रूप से समस्तीपुर जिले के नगर थाना के घोष लेन गुदरी बाजार निवासी लव कुमार की पत्नी मनीषा कुमारी (35) नगर थाना क्षेत्र के मलेच्छ मर्दनी के समीप किराये के मकान में रहती थी और एक साड़ी दुकान में काम करती थी। उसका मायका लहेरियासराय थाना क्षेत्र के हनुमाननगर भटियारी सराय में है।

    पति लव कुमार समस्तीपुर में ई-रिक्शा चलाते हैं। उसकी मौत के बाद भाई शिवशंकर साह ने आरोप लगाया कि पुत्र की मौत में न्याय नहीं मिलने से आहत उनकी बहन ने अपनी जान दे दी है। जानकारी के अनुसार, लहेरियासराय थाना क्षेत्र के केएम टैंक मोहल्ले में संचालित माउंट समर स्कूल में कश्यप कुमार (10) में दूसरी कक्षा में पढ़ता था।

    10 सितंबर 2025 को उसका नामांकन हुआ था। दुर्गा पूजा के अवसर पर मां मनीषा कुमारी उसे अपने साथ ले गई थी। सात अक्टूबर को सुबह सात बजे कश्यप कुमार को स्कूल पहुंचाकर अपने काम पर चली गई। उसी राेज रात करीब आठ बजे स्कूल से उसे काल आया कि आपके बच्चे की तबीयत बिगड़ गई है।

    जिसे लहेरियासराय के दारू भठ्ठी चौक स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। इस सूचना के बाद मनीषा अपने भाई एवं अन्य स्वजन के साथ हास्पिटल पहुंची तो चिकित्सकों ने बताया कि यहां पहुंचने से पहले कश्यप की मौत हो चुकी थी।

    मामा शिव शंकर साह ने बताया कि बच्चा सुबह तक बिल्कुल ठीक था और हंसते हुए स्कूल गया था। घटना से आक्रोशित लोगों ने शहर के भटियारीसराय स्थित दोनार-नाका पांच पथ को जाम कर दिया।

    स्वजन और मोहल्लावासी पुलिस के रवैये से आक्रोशित थे। आरोप लगाया कि स्कूल वालों ने हमारी इकलौती संतान की हत्या की है। स्कूल वालों ने पहले उसकी बुरी तरह पिटाई की। पिटाई के कारण जब वह मर गया तो हत्या के अपराध से बचने के लिए उसे नर्सिंग होम में भर्ती किया गया। उन्होंने कहा था कि दूसरी कक्षा का 10 वर्षीय बच्चा भला गले में फंदा डालकर आत्महत्या कैसे कर सकता है।

    यदि उसने आत्महत्या ही की थी तो स्कूल वालों ने न तो स्वजन को सूचना दी और ना ही पुलिस को बुलाया। बिना किसी को सूचित किए फंदा पर से कैसे उतारा गया। बाद में पुलिस के आश्वासन पर स्वजन शव को दाह संस्कार के लिए ले गए थे। इस मामले में बहादुरपुर थानाध्यक्ष प्रसुंजय कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट व छानबीन के आधार पर कश्यप की मौत को आत्महत्या मानते हुए अंतिम प्रपत्र समर्पित कर दिया गया।


    न्याय के लिए अधिकारियों के यहां भटकती रही मां

    इधर, मां मनीषा कुमारी न्याय के लिए अधिकारियों के यहां भटकती रही। भाई शिवशंकर साह ने बताया कि रविवार की शाम मनीषा भटियारीसराय में जहर खा ली। उल्टी करने लगी तो इसकी जानकारी उन्हें हुई।

    बहन को एक निजी अस्पताल में ले गए। जहां चिकित्सक ने जहरीला पदार्थ खाने की बात कही। होश में आने पर मनीषा ने उन्हें बताया कि बेटा नहीं रहा, न्याय की कोई उम्मीद नहीं रही। इसलिए सल्फास की गोली खा ली है। बेंता थाना पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया है।