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    Buxar News: अचानक गंगा किनारे क्यों पहुंचे बक्सर के DM? अधिकारियों में मचा हड़कंप; बड़ी वजह आई सामने

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 05:05 PM (IST)

    Buxar News बक्सर के जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने गुरुवार को गंगा के कटाव स्थल का जायजा लिया और बाढ़ नियंत्रण विभाग को तत्काल कटाव निरोधी कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कटाव की स्थिति गंभीर है और इसके लिए कार्यपालक अभियंता को कारण पृच्छा नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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    गंगा किनारे कटाव का निरीक्षण करते बक्सर के डीएम (जागरण)

    संवाद सहयोगी, सिमरी (बक्सर)। Buxar News: फूली मिश्र के डेरा गांव के सामने पिछले 10 दिनों से जारी गंगा कटाव को जिला प्रशासन ने काफी गंभीरता से लिया है। गुरुवार को बक्सर के डीएम अंशुल अग्रवाल ने कटाव स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान स्थिति की भयावहता को देखकर उन्होंने बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को तत्काल कटाव निरोधी कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी ने कहा कि कटाव की स्थिति गंभीर है।

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    डीएम ने कार्यपालक अभियंता को थमाया नोटिस

    अब तक विभागीय स्तर पर आवश्यक कार्रवाई शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके लिए उन्होंने बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता को कारण पृच्छा नोटिस जारी किया है। इस मौके पर डीडीसी महेंद्र पाल, एसडीएम राकेश कुमार एवं धीरेन्द्र मिश्रा, सीओ वीएस पाण्डेय सहित बाढ़ नियंत्रण विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे।

    बताते चलें कि फूली मिश्र के डेरा के सामने जारी कटाव के कारण सिमरी प्रखंड के कई गांवों का अस्तित्व खतरे में है। बक्सर कोईलवर तटबंध से गंगा की दूरी मात्र सौ गज के आसपास रह गई है। यदि तत्काल कटाव निरोधी कार्य नहीं कराया गया तो दिसंबर के अंत तक तटबंध के गंगा में विलीन होने कि संभावना से इंकार नही किया जा सकता। केशोपुर पंचायत के बीडीसी प्रमोद मिश्रा का कहना है कि यदि इलाके में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा प्रस्तावित होती है तो क्षेत्रीय लोग उनसे मिलकर कटाव स्थल निरीक्षण करने का अनुरोध करेंगे।

    भोजपुर के डीएम अंशुल अग्रवाल की कुछ बड़ी बातें

    • भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2016 बैच के अधिकारी अंशुल मूल तौर पर राजस्थान के कोटा शहर के रहने वाले हैं। उनके पिता कोटा के बड़े व्यवसायी हैं।
    • उन्होंने आइआइटी मुंबई से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित 2015 की संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में 47वां स्थान हासिल किया था।
    • उन्होंने ठीक इसके पहले वाली यूपीएससी परीक्षा में भी कामयाबी हासिल की थी। हालांकि, तब उन्हें 389वीं रैंक हासिल हुई थी।
    • केंद्रीय उत्पाद एवं कर विभाग में प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए उन्होंने फिर से प्रयास किया और आइएएस बनकर अपना मुकाम हासिल कर लिया।
    • 2012 में बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने एक साल तक निजी कंपनी में नौकरी भी की।
    • लेकिन, इसमें उनका मन नहीं लगा और इसके बाद वे यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। इनकी पत्नी अलंकृता पांडेय भी 2016 बैच की आइएएस अधिकारी हैं।

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