कोयले की आपूर्ति को ताप घर तक बिछाई जाएगी रेल लाइन
जिले के चौसा में 1320 मेगावाट की मेगा विद्युत परियोजना का धरातल पर इसी माह से काम प्रारंभ होने वाला है। परियोजना का निर्माण पूरा होने के बाद इस थर्मल पॉवर प्लांट को अनवरत कोयले और पानी की आवश्यकता होगी। जिसे पहुंचाने के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने का काम शुरू हो गया है। प्लांट तक कोयला पहुंचाने के लिए कम्पनी द्वारा रेलवे लाइन बिछाई जाएगी।
बक्सर । जिले के चौसा में 1320 मेगावाट की मेगा विद्युत परियोजना का धरातल पर इसी माह से काम प्रारंभ होने वाला है। परियोजना का निर्माण पूरा होने के बाद इस थर्मल पॉवर प्लांट को अनवरत कोयले और पानी की आवश्यकता होगी। जिसे पहुंचाने के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने का काम शुरू हो गया है। प्लांट तक कोयला पहुंचाने के लिए कम्पनी द्वारा रेलवे लाइन बिछाई जाएगी।
वहीं, गंगा नदी से पानी की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन भी बिछायी जाएंगी। इसके लिए सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। भूमि खरीद अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। थर्मल पॉवर प्लांट का निर्माण कराने वाली एजेंसी एसजेवीएन के अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी रेल लाइन के लिए सर्वे का कार्य किया जा रहा था। हालांकि, तब पवनी, कमरपुर हाल्ट से ही रेल लाइन बिछाए जाने की बात सामने आ रही थी। उस समय कोयला बंगाल के खादान से आने की बात थी। अब कोयला आपूर्ति का समझौता झारखण्ड के खादान से होने के कारण रूट बदल सकते हैं। सर्वे से मिली जानकारी के अनुसार चौसा से प्लांट तक रेल लाइन बिछाई जाएगी। रेल लाइन चौसा स्टेशन के पास से होते हुए मुरा बाबा के पास जाएगी। वहीं, से प्लांट के अंदर कोयले से लदी ट्रेन अंदर जाएगी। राइट्स कराएगी रेल लाइन का निर्माण
रेल लाइन का निर्माण के लिए कम्पनी का चयन कर लिया गया है। रेलवे की कम्पनी राइट्स को निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि, पानी की जरूरत को गंगा नदी से पूरी किया जाएगा। इसके लिए भी भूमि सर्वे का कार्य किया जा चुका है।
बताया जाता है कि गंगा पम्प हाउस की तरह उसके बगल में एक और पम्प हाउस तैयार होगा। जिससे निकला पानी सीधे प्लांट में जाएगा। इसके लिए 80 एकड़ भूमि खरीद की जाएगी। इसकी पाइप अंडरग्राउंड होगी। उसके ऊपर सड़क मार्ग बनेंगे। वहीं, सड़क के अगल-बगल पौधरोपण भी किए जाएंगे। इस प्रक्रिया को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। थर्मल पॉवर का निर्माण करेगी एलएण्डटी
जिले के चौसा में 660-660 मेगावाट के थर्मल पॉवर इकाइयों का निर्माण होना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव से पहले नोयडा से ही परियोजना का शिलान्यास कर चुके हैं। परियोजना की नोडल एजेंसी एसजेवीएन ने एलएण्डटी को प्लांट के निर्माण का ठेका सौंपा है। एलएण्डटी को इसी महीने वहां काम शुरू कर देना है। इससे पूर्व निर्माण स्थल के लिए अधिग्रहित 11 सौ एकड़ जमीन को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की कड़ी सुरक्षा में सौंपने की तैयारी चल रही है। परियोजना का निर्माण कार्य साल 2023 में पूरा होना है।