Buxar News: टाटा से बक्सर तक सीधी ट्रेन चलाने का बोर्ड को भेजा गया प्रस्ताव, 50 साल पुरानी मांग हो सकती है पूरी
Buxar News झारखंड के प्रमुख औद्योगिक शहर जमशेदपुर के नजदीकी रेलवे स्टेशन टाटा से बक्सर के बीच सीधी ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद एक बार फिर बढ़ी है। इस बारे में दक्षिण पूर्व रेलवे ने बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है। अगर यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है तो झारखंड के प्रमुख शहरों से आरा और बक्सर के साथ ही उत्तरप्रदेश के लोगों को भी सहूलियत होगी।

जागरण संवाददाता, बक्सर। झारखंड के प्रमुख औद्योगिक शहर जमशेदपुर के नजदीकी रेलवे स्टेशन टाटा से बक्सर के बीच सीधी ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद एक बार फिर बढ़ी है। इस बारे में दक्षिण पूर्व रेलवे ने बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है। अगर यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो झारखंड के प्रमुख शहरों से आरा और बक्सर के साथ ही उत्तरप्रदेश के बलिया और गाजीपुर जैसे जिलों के लोगों को भी सहूलियत होगी।
दरअसल बक्सर तक सीधी ट्रेन के लिए धनबाद के सांसद पशुपति नाथ सिंह और जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने रेलवे से कई बार मांग की थी। पहले बिहार को झारखंड से जोड़ने वाली पहले से चल रही कुछ ट्रेनों को बक्सर तक विस्तार देने की मांग हो रही थी।
इस बीच आरा के सांसद आरके सिंह ने इन शहरों के लिए आरा जंक्शन से ट्रेन शुरू करने की मांग रखी। दक्षिण पूर्व रेलवे ने इस चिर प्रतीक्षित मांग को पूरा करने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। इस रूट पर नई ट्रेन शुरू करने की योजना है। इसके लिए रैक भी पहले से उपलब्ध है।
दरअसल, इस रूट पर टाटा-गोड्डा एक्सप्रेस की रैक को इस्तेमाल करने की तैयारी है। यह ट्रेन सप्ताह में दोनों तरफ से केवल एक फेरा लगाती है और पांच दिन टाटानगर जंक्शन के यार्ड में खड़ी रहती है। इस ट्रेन में स्लीपर के 12, जनरल के तीन, थर्ड एसी के तीन, सेकेंड एसी और एसएलआर के दो-दो यानी कुल 22 कोच हैं।
चार से पांच दशक पुरानी है मांग
बक्सर से रांची, धनबाद, बोकारो और टाटा जैसे शहरों के लिए सीधी ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग करीब चार दशक पुरानी है। हालांकि बीते एक से डेढ़ दशक में इस मांग पर जिले से उठने वाले स्वर मंद हुए हैं। दरअसल, बक्सर के साथ ही पड़ोस के आरा, बलिया और गाजीपुर जैसे जिलों के लोगों का इन शहरों से नजदीकी नाता है। बड़े पैमाने पर इन जिलों के लोग झारखंड में बसे हुए हैं और वहां नौकरी या रोजगार करते हैं। इन चार जिलों से झारखंड के लिए रोजाना 100 से अधिक बसें खुलती हैं।
पूर्व मध्य रेलवे में फंस सकता है पेंच
दरअसल, दक्षिण पूर्व रेलवे इस प्रस्ताव पर हमेशा से सकारात्मक रहा है। मामला पूर्व मध्य रेलवे और दानापुर डिवीजन में आकर फंस जाता है। दानापुर डिवीजन में आने के बाद रेलवे के अधिकारी यह कहकर मामला टाल देते हैं कि बक्सर में एक्सप्रेस ट्रेन के रखरखाव के लायक सुविधाएं नहीं हैं।
यहां वाशिंग पिट बनाने के लिए जगह की कमी का बहाना बनाया जाता है, जबकि यह बहाना तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के दौर से चला आ रहा है, लेकिन इस समस्या के निराकरण के लिए कोई प्रयास कभी नहीं किए गए। जदयू के संजय सिंह राजनेता ने कहा कि अगर रेलवे ने इस समस्या के निराकरण की दिशा में गंभीरता दिखाई होती, तो चार से छह जिलों की आबादी को सीधा फायदा होता। साथ ही रेलवे को भी राजस्व मिलता।
रेडक्रास सोसाइटी के प्रदेश कोषाध्यक्ष दिनेश जायसवाल ने दी जानकारी
रेडक्रास सोसाइटी के प्रदेश कोषाध्यक्ष दिनेश जायसवाल ने कहा कि बक्सर से झारखंड के शहरों तक सीधी ट्रेन सेवा शुरू करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी दबाव बनाना चाहिए। रेलवे अगर चाहे, तो विकल्प निकलने में कोई परेशानी नहीं होगी। बलिया, गाजीपुर और पाटलिपुत्र जंक्शन से कम स्थान रेलवे के पास बक्सर में नहीं है।
अगर इन स्टेशनों से एक्सप्रेस ट्रेनें खोली जा सकती हैं, तो बक्सर से क्यों नहीं? यह सुखद संयोग है कि बक्सर के सांसद केंद्र में मंत्री भी हैं।उन्हें और जिले के तमाम जनप्रतिनिधियों को इसके लिए मुहिम चलानी चाहिए।
स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बक्सर स्टेशन पर राजधानी और संपूर्ण क्रांति जैसी ट्रेनों का ठहराव देने के साथ ही झारखंड के लिए सीधी ट्रेन सेवा के लिए भी रेलवे के सामने प्रस्ताव दिया है। जिले के अन्य रेलवे स्टेशनों पर भी नई ट्रेनों के ठहराव देने के लिए रेलवे से बात रखी गई है।
रेलवे ने हाल के दिनों में बक्सर में कई नई ट्रेनों का ठहराव दिया है। शेष प्रस्तावों पर सकारात्मक तरीके से विचार कर रहा है। जल्दी ही इसके नतीजे सामने आएंगे।
- राजवंश सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष, भाजपा
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