दहिबर जहर कांड : जायदाद के लालच में पूरे परिवार को दिया था जहर, पिता-पुत्र की हो गई थी मौत
बक्सर के दहिबर गांव में जहरीले भोजन से पिता-पुत्र की मौत के मामले में पुलिस ने चंदन कुशवाहा को गिरफ्तार किया। उसने भोजन में जहर मिलाने से इनकार किया है लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य उसके खिलाफ हैं। 15 कट्ठा जमीन और घर के हाथ से जाने के डर से उसने यह कदम उठाया। वह जमीन अपने नाम कराना चाहता था लेकिन मां के रहते यह संभव नहीं था।

जागरण संवाददाता, बक्सर। औद्योगिक थाना क्षेत्र के दहिबर गांव में सोमवार की रात विषाक्त भोजन से पिता-पुत्र की मौत के मामले में आरोपित चंदन कुशवाहा ने भले ही भोजन में जहर मिलाने की बात स्वीकार नहीं की, लेकिन परिस्थितिजन्य तमाम साक्ष्य उसके विरुद्ध पाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
इस पूरी वारदात के पीछे सिर्फ 15 कट्ठा जमीन और घर के हाथ से जाने का उसके अंदर समाया हुआ भय समाया हुआ था। इसको लेकर उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया।
औद्योगिक थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि चंदन की मां और भाभी के बयान के अनुसार चंदन दिल्ली में ही अपने परिवार के साथ रह रहा था। अपने मां की न तो देखभाल करता था और न एक पैसा खर्चा देता था।
इसको लेकर उसकी मां चंदन को हमेशा धमकी भी देती थी कि वह सारा धन अपने भतीजे कृष्ण बिहारी को दे देगी। इसलिए पहले तो उसका प्रयास था कि मां को अपने साथ ही दिल्ली लेता जाए, जिससे संपत्ति हाथ से जाने का भय नहीं रहेगा।
जब उसकी मां इसके लिए तैयार नहीं हुई, तब उसने कोशिश शुरू की कि गांव की अपने हिस्से की जमीन और घर बेचकर सारा पैसा लेकर वह निश्चिंत होकर दिल्ली में रहे।
दूसरी तरफ उसकी मां पुश्तैनी जमीन बेचने के पक्ष में नहीं थी। इसको लेकर मां से उसका हमेशा विवाद होता था। इसी बीच राजस्व महाभियान के तहत जमीन और घर आदि की जमाबंदी अपने नाम कराए जाने की जानकारी मिलने के बाद वह आनन-फानन में दिल्ली से बक्सर आया था।
उसने सोचा था कि जमीन जब उसके नाम से हो जाएगी, तब किसी तरह की आशंका नहीं रहेगी। लेकिन यहां आने के बाद उसे पता चला कि मां के जिंदा रहते यह आसान नहीं होगा। पुलिस को आशंका है कि इसी वजह से उसने पूरे परिवार के भोजन में जहर मिला दिया।
अपनी पुत्री के हाथ से भोजन छीनकर फेंका
यहां पुलिस के पास एक और सबूत सामने आया है कि दिल्ली से घर आने और विवाद होने के बाद चंदन अपना भोजन अलग बनाने लगा था। जिस शाम भोजन में जहर मिलाने की बात सामने आ रही है, उसी शाम उसकी अपनी पुत्री दीपा ने भी पिता को भोजन में कुछ डालते देखा था।
दूसरा प्रमाण यह भी है कि परिवार के सारे लोग जब भोजन करने बैठे, तब वह अपने पुत्र को लेकर बाहर निकल गया तथा बेटी को दादी और चाची के साथ भोजन करने से मना कर दिया था, लेकिन छोटी बच्ची पाश्ता देख कर ललच गई और सामने आते ही उठाकर खाने लगी।
तभी चंदन ने दूर से उसे खाते देख दौड़ते हुए उसके पास पहुंचा और पुत्री के हाथ से खाने की सामग्री छीनकर फेंंक दिया। पर तब तक वह एक-दो कौर खा चुकी थी। हालांकि कम खाने के कारण उसकी तबीयत ज्यादा खराब नहीं हुई और जल्द ही वह ठीक भी हो गई।
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