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    KK Pathak: केके पाठक ने कर दिया वह काम, जो 75 साल में कभी नहीं हो सका, बिहार के बच्चे हमेशा रखेंगे याद

    By Shubh Narayan Pathak Edited By: Sanjeev Kumar
    Updated: Sat, 03 Feb 2024 12:47 PM (IST)

    Bihar News बिहार में शिक्षा जगत में बड़े स्तर पर सुधार लाने वाले वरिष्ठ अधिकारी केके पाठक फिर से चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने बिहार के छात्रों को ऐसी समस्या से मुक्त करा दिया है जिससे उन्हें इतिहास में भी याद रखा जाएगा। केके पाठक के इस फैसले से छात्रों को बड़ी राहत मिलने वाली है। यह समस्या आजादी के बाद से ही बनी हुई थी।

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    केके पाठक के इस योगदान को हमेशा याद रखेगा बिहार (जागरण)

    जागरण संवाददाता, बक्सर। KK Pathak: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने ऐसा काम कर दिया है जिसे कोई अधिकारी अभी तक नहीं कर पाए। उन्होंने बिहार के छात्रों के हित में बड़ा फैसला लिया है।

    दरअसल, राज्य के किसी भी स्कूल में बच्चे अब फर्श पर बैठकर पढ़ाई नहीं करेंगे। शिक्षा विभाग सभी स्कूलों में पहली अप्रैल से पहले बेंच-डेस्क की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। दरअसल, ज्यादातर प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुसार बेंच-डेस्क का अभाव है।

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    कई स्कूलों में तो बेंच-डेस्क हैं ही नहीं। ऐसे स्कूलों में बच्चों ने कड़ाके की ठंड में बोरा और प्लास्टिक की चादरों पर बैठकर पढ़ाई पूरी की। यह समस्या शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) तक पहुंची तो उन्होंने इसे प्राथमिकता के आधार पर दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है।

    1 अप्रैल से कोई छात्र फर्श पर नहीं बैठेगा

    पहली फरवरी को सभी जिलों के उप विकास आयुक्त, शिक्षा विभाग के सभी क्षेत्रीय उप निदेशक और सभी जिला शिक्षा अधिकारी को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य के सभी स्कूलों में पहली अप्रैल से कक्षा एक से 12वीं तक का कोई भी बच्चा फर्श पर बैठकर पढ़ाई नहीं करेगा।

    सभी स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था इससे पहले की जानी है। इसके लिए विभाग ने 700 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करते हुए सभी जिलों में आवंटित कर दी है।

    सभी जिलों में फर्नीचर उपलब्ध कराने के लिए इंपैनल कर दिया गया

    सभी जिलों में फर्नीचर उपलब्ध कराने के लिए वेंडरों को भी इंपैनल कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि 28 अप्रैल तक सभी स्कूलों में फर्नीचर की खरीद और आपूर्ति का काम पूरा कर लिया जाए।

    साथ ही इससे संबंधित विपत्र 15 मार्च तक कोषागार में प्रस्तुत कर दिया जाए, ताकि किसी हाल में इस मद की राशि सरेंडर करने की नौबत नहीं आए। उन्होंने अपने पत्र में पैनल के सभी वेंडर को समान रूप से आर्डर देने और फर्नीचर की गुणवत्ता का ध्यान रखने का भी निर्देश दिया है।

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