Buxar News: बक्सर में DEO ने दो एजेंसी से मांगा जवाब, इस मामले में हुई कार्रवाई
बक्सर जिले के विद्यालयों में साफ-सफाई के नाम पर सरकारी राशि के गबन के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण मांगा है। सिमरी और नवानगर प्रखंड के विद्यालयों में कार्यरत हाउसकीपिंग एजेंसियों द्वारा संतोषजनक सफाई न करने मजदूरी भुगतान न करने और राशि के गबन के आरोप हैं। विधायक द्वारा भी इस मामले में जांच की मांग की गई है।

संवाद सहयोगी, बक्सर। जिले के विद्यालयों में साफ-सफाई के नाम पर सरकारी राशि का चूना लगाने वाली हाउसकीपिंग एजेंसियों की जांच-पड़ताल में मनमानी की कलई खुल रही है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पांडे द्वारा जिले के सिमरी तथा नवानगर प्रखंड के विद्यालयों में साफ- सफाई संतोष जनक नहीं करने, मजदूरी भुगतान नहीं करने एवं सरकारी राशि के गबन के मामले में दोनों जांच एजेंसियों से स्पष्टीकरण देने की मांग की है।
डीईओ ने भेजा पत्र
डीईओ ने सिमरी में कार्यरत रुद्र सागर सेवा संस्थान नवानगर में कार्यरत फर्स्ट आइडिया नमक हाउसकीपिंग एजेंसी को भेजे गए पत्र में कहा है कि मेरे तथा प्रखंड स्तरीय अधिकारियों द्वारा कई विद्यालयों की जांच में साफ-सफाई का काम असंतोष जनक मिला।
सर्वाधिक विद्यालयों में शौचालय, परिसर, कमरा, बेंच-डेस्क आदि की सफाई एजेंसी के कार्यरत सफाई कर्मी द्वारा नहीं किया जा रहा है। कई विद्यालय के प्रधानाध्यापक को द्वारा बताया गया की सफाई कर्मी के मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया जाता है।
प्रधानाध्यापकों से जबरदस्ती हस्ताक्षर
डीईओ ने पत्र में यह भी लिखा है कि एजेंसी द्वारा दबाव देकर प्रधानाध्यापकों से जबरदस्ती हस्ताक्षर कर लिया जाता है। इसके अलावा कुछ प्रधानाध्यापकों के साथ मिली भगत कर सुनियोजित तरीके से सरकारी राशि का गबन किया जा रहा है।
उन्होंने स्पष्टीकरण पत्र में यह भी लिखा है कि डुमरांव के विधायक अजीत कुमार सिंह द्वारा पत्र लिखकर दोनों एजेंसियों बिना काम किए ही सरकारी राशि के गबन के मामले में जांच किया जा रहा है। दिशा की बैठक में भी विधायक द्वारा हाउसकीपिंग एजेंसियों पर सवाल उठाए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा है कि विभाग द्वारा विद्यालयों के बाहर-भीतर पूरी तरफ से साफ-सफाई नहीं करने के संबंध में कार्रवाई करने के लिए पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं।
जाहिर है विधायक द्वारा जिलाधिकारी को दिए गए पत्र के बाद ही शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा जांच-पड़ताल शुरू करने के बाद सरकारी राशि के दुरुपयोग का मामला उजागर हुआ है। पिछले कई महीने से सफाई के नाम पर यह खेल चल रहा है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा अब तक तीन हाउसकीपिंग एजेंसियों से स्पष्टीकरण पूछा गया है।
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