Bihar Politics: खरगे की सभा में खाली रह गई कुर्सी तो नप गए कांग्रेस जिलाध्यक्ष; विधायकों की भी बढ़ी टेंशन
Bihar Congress बक्सर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की रैली में कम भीड़ होने पर पार्टी ने कार्रवाई की है। जिला अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। रैली में कुर्सियां खाली रहने और पार्टी की अंदरूनी कलह के चलते यह कदम उठाया गया है। इस मामले में अन्य नेताओं पर भी गाज गिर सकती है।
जागरण संवाददाता, बक्सर। बीते रविवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की जिले के दलसागर स्थित खेल मैदान में आयोजित सभा में जन भागीदारी नहीं दिखने को लेकर पार्टी नेतृत्व ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
पार्टी ने इसे संज्ञान में लेते हुए इसकी आंतरिक समीक्षा शुरू कर दी है। साथ ही तत्काल प्रभाव से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार पांडेय को उनके पद से निलंबित कर दिया है। कुछ ही दिनों पहले उन्हें लगातार दूसरी बार जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसी कार्रवाई का दायरा और नेताओं तक बढ़ सकता है। जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में से दो में कांग्रेस के विधायक हैं। इसके बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण के दौरान सभा स्थल की 80 से 90 प्रतिशत कुर्सियां खाली रह गई थीं।
हालत ऐसी रही कि कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण के पहले ही आयोजकों ने सभा स्थल पर पीछे की ओर खाली पड़ी कुर्सियों को समेटना शुरू कर दिया था।
आयोजकों ने सभा में भीड़ को लेकर बहुत अधिक अनुमान लगा लिया था और सभा स्थल को जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर एक गांव के खेल मैदान में चुन लिया था। इधर सभा में 500 कुर्सियां भी नहीं भर पाईं।
दोनों विधायकों और अन्य नेताओं पर भी उठ रहे सवाल
बक्सर जिले में विधानसभा की चार में से दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। शेष दो सीटें भी क्रमश: राष्ट्रीय जनता दल और भाकपा माले के पास हैं। इनमें सदर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के ही संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी लगातार दूसरी बार अपना कार्यकाल पूरा करने वाले हैं। सभा स्थल इनके ही निर्वाचन क्षेत्र में था।
राजपुर से भी कांग्रेस के ही विश्वनाथ राम विधायक हैं। सभा के बारे में इन दोनों नेताओं की सक्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के संबोधन के समय सभा स्थल की कुर्सियों पर 300-400 से अधिक लोग मौजूद नहीं थे।
इस बारे में सदर विधायक का एक बयान सामने आ रहा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कड़ी धूप और गर्मी के कारण लोग कम आए।
खुलकर सामने आई पार्टी की आंतरिक गुटबाजी
कांग्रेस अध्यक्ष की सभा में भीड़ के मसले पर विफलता के लिए सबसे बड़ा कारण पार्टी की आंतरिक गुटबाजी को बताया जा रहा है। अंदरखाने चर्चा है कि जिला अध्यक्ष को नीचा दिखाने के लिए कुछ बड़े नेताओं ने कार्यक्रम के बारे में पूरी तरह चुप्पी साध ली थी।
जिला कांग्रेस में पहले से ही दो-तीन गुट साफ तौर पर दिखते रहे हैं। इस कार्यक्रम में राज्य स्तर की गुटबाजी का भी माहौल देखने को मिला। कार्यक्रम की निगरानी में लगे प्रदेश स्तर के नेताओं की कार्यशैली पर भी इससे सवाल खड़े हो गए हैं।
गठबंधन सहयोगियों ने किया किनारा
बिहार में कांग्रेस के गठबंधन सहयोगियों ने कार्यक्रम से लगभग किनारा कर लिया था। पूरे कार्यक्रम में राष्ट्रीय जनता दल की ओर से सांसद सुधाकर सिंह के अलावा कोई और बड़ा चेहरा मंच पर नजर नहीं आया।
जिले की ब्रह्मपुर सीट से राजद विधायक शंभू नाथ सिंह यादव और डुमरांव से माले के विधायक अजीत कुमार कार्यक्रम में नजर नहीं आए। यही स्थिति कार्यकर्ता स्तर पर भी दिखी।
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