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    बक्सर में कड़ाके की ठंड से राहत... कंबल, तकिया और मच्छरदानी के साथ मुफ्त ठहरने की व्यवस्था

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 04:08 PM (IST)

    बक्सर में बढ़ती ठंड के बीच प्रशासन ने जरूरतमंदों के लिए ठोस इंतजाम किए हैं। आदर्श थाना के पास स्थित रैन बसेरा में प्रतिदिन 20-25 लोग आश्रय ले रहे हैं। ...और पढ़ें

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    कंबल, तकिया और मच्छरदानी के साथ मुफ्त ठहरने की व्यवस्था

    जागरण संवाददाता, बक्सर। बढ़ती ठंड के बीच जिले में जरूरतमंदों और बेसहारा लोगों के लिए प्रशासन की ओर से राहत के ठोस इंतजाम किए गए हैं। आदर्श थाना के समीप स्थित रैन बसेरा इन दिनों ठंड से बचाव के लिए राहत केंद्र के रूप में उभर कर सामने आया है। कड़ाके की ठंड से बचने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोग यहां आश्रय ले रहे हैं। प्रशासन द्वारा रैन बसेरा में कुल 50 बेड की व्यवस्था की गई है, ताकि ठंड से जूझ रहे लोगों को सुरक्षित और गर्म वातावरण मिल सके।

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    रैन बसेरा के केयर टेकर दिनेश कुमार ने बताया कि यहां ठहरने वाले लोगों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। प्रत्येक बेड पर कंबल, तकिया और मच्छरदानी उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा जरूरत के अनुसार अन्य आवश्यक संसाधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

    भवन की संरचना को ध्यान में रखते हुए ठहरने की व्यवस्था को अलग-अलग वर्गों में बांटा गया है। ग्राउंड फ्लोर पर दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए बेड लगाए गए हैं, जिससे उन्हें सीढ़ियों की परेशानी न हो। वहीं प्रथम तल पर पुरुषों और दूसरे तल पर महिलाओं के लिए अलग-अलग ठहरने की व्यवस्था की गई है। इससे रैन बसेरा में रहने वालों को सुरक्षित और व्यवस्थित माहौल मिल रहा है।

    सुरक्षा और स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए रैन बसेरा परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही पीने के लिए स्वच्छ पानी और शौचालय की समुचित व्यवस्था भी की गई है। जिलाधिकारी साहिला ने अपने पूर्व निरीक्षण के दौरान ठंड को देखते हुए व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद सुविधाओं में और सुधार किया गया।

    प्रशासन के अनुसार, रैन बसेरा में औसतन प्रतिदिन 20 से 25 जरूरतमंद लोग ठहर रहे हैं। बीते वर्ष रेलवे स्टेशन के समीप अस्थायी आश्रय स्थल बनाया गया था, लेकिन इस वर्ष सरकार के निर्देश पर स्थायी रैन बसेरा में ही लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। इससे जरूरतमंदों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं और ठंड के मौसम में उन्हें बड़ी राहत मिल रही है।