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    Buxar News: बक्सर में जहां रुकता था शेरशाह का कारवां, उस तालाब का अस्तित्व है असुरक्षित, पशु भी जाने से कतराते

    Updated: Sat, 15 Jun 2024 04:57 PM (IST)

    Buxar News कोरान सराय के तालाब का अतीत स्वर्णिम है। अपनी भव्यता और रमणीयता के लिए प्रसिद्ध इस ऐतिहासिक तालाब का अस्तित्व आज असुरक्षित है। कोरान सराय-चौगाईं रोड में एक विशाल भू-भाग पर स्थित इस तालाब के चारों किनारे से अतिक्रमण का खेल पिछले कई वर्षो से शुरू है। तालाब में गंदगी के अंबार के कारण आदमी तो दूर पशु भी प्रवेश करने से कतराते हैं।

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    बक्सर का ऐतिहासिक कोरान सराय का तलाब (जागरण)

    रंजीत कुमार पांडेय डुमरांव (बक्सर)। Buxar News: कोरान सराय के तालाब का अतीत स्वर्णिम है। अपनी भव्यता और रमणीयता के लिए प्रसिद्ध इस ऐतिहासिक तालाब का अस्तित्व आज असुरक्षित है। कोरानसराय-चौगाईं रोड में एक विशाल भू-भाग पर स्थित इस तालाब के चारों किनारे से अतिक्रमण का खेल पिछले कई वर्षो से शुरू है।

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    पूर्व में कई बार स्थानीय युवाओं और गांव के प्रबुद्धजन द्वारा इस तालाब की दयनीय दशा की ओर स्थानीय प्रतिनिधियों सहित अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया, परंतु आज तक इसके जीर्णोद्धार के लिए किसी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

    तालाब में गंदगी के अंबार के कारण आदमी तो दूर, पशु भी प्रवेश करने से कतराते हैं। हर साल इस तालाब के चारों ओर अतिक्रमण बढ़ रहा है। कोरानसराय के सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं युवाओं द्वारा प्रतिवर्ष साफ-सफाई कराकर यहां भगवान भुवन भास्कर की पूजा-अर्चना और छठ व्रत बड़े ही धूमधाम के साथ किया जाता है, लेकिन उसके बाद स्थिति पहले की तरह हो जाती है।

    तालाब का इतिहास

    सैकड़ों वर्ष पहले डुमरांव नगर के एक चर्चित व्यवसाई ने कुल 12 एकड़ भू-भाग पर इस तालाब की खोदाई कराई थी। इसके तट पर त्रिपुर सुंदरी, भगवान शंकर एवं बजरंग बली की प्रतिमा आकर्षक मंदिरों के बीच स्थापित कराई गई।

    शेरशाह सूरी इसी ऐतिहासिक तालाब के पास रुकता था

    अफगानी शासक शेरशाह का कारवां जब सासाराम से चलता था, तो इसी ऐतिहासिक तालाब के पास रुकता था। यहीं नहीं इस मंदिर की रमणीयता और भव्यता के संबंध में ग्रामीण कमलाकांत तिवारी का कहना है कि सुबह से शाम तक यहां श्रद्वालुओं द्वारा पूजा-अर्चना के लिए काफी भीड़ लगती थी।

    इस त्रिपुर सुंदरी मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास जुड़ी है। आज इस तालाब में स्नान की बात कौन कहे पूजा-अर्चना भी नहीं होती है। धीरे-धीरे इस तालाब के चारों ओर अतिक्रमण होते देखकर इसके निर्माण कर्ता महाजन परिवार द्वारा दशकों पूर्व आठ लोगों के बीच इस तालाब की जमीन को बेच दिया गया।

    इसकी भनक लगते ही ग्रामीणों ने विरोध जताया। तब खरीदारी करने वाले कुछ लोगों ने यह शर्त रखी कि सरकार अगर सभी अतिक्रमण कारियों को हटा दे, तो वे भी जमीन छोड़ने को तैयार हैं। परन्तु आज तक इस गंभीर समस्या की ओर किसी अधिकारी या प्रतिनिधि का ध्यान आकृष्ट नहीं हुआ।

     क्या कहते है ग्रामीण

    इस ऐतिहासिक तालाब के जीर्णोद्धार के लिए स्थानीय विधायक सहित सभी प्रतिनिधियों और सरकारी हुक्मरानों से गुहार लगाई गई, लेकिन आज तक इस गंभीर समस्या की ओर किसी का ध्यान आकृष्ट नहीं होना चिंता की बात है।

    दयाशंकर तिवारी 

     सरकारी स्तर पर जलाशयों को बचाने के लिए सार्थक प्रयास होनी चाहिए। फिलहाल इस तालाब की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा कर इस ऐतिहासिक धरोहर के गौरवशाली अस्तित्व को असुरक्षित होने से बचाने का प्रयास करना नितांत आवश्यक है।

    संजय प्रसाद

     तालाब की जमीन पर कब्जा जमाने वालों पर प्रशासन के द्वारा कार्रवाई होनी चाहिए। इससे पूरे इलाके में तालाबों एवं कुओं को मिटाने वालों को सबक मिलेगा।

    मोहन जी तिवारी

    तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए सामाजिक स्तर पर या प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रयास होना नितांत जरूरी है, अन्यथा आने वाले कुछ ही दिनों में अगली पीढी को इतिहास से वंचित रहना पडेगा।

    सुमित कुमार गुप्ता 

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