बक्सर में दौड़े UP, गुजरात और राजस्थान तक के घोड़े, कहां का है बाजी मारने वाला ‘उस्मान’?
बिहार के बक्सर में एक रोमांचक घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान तक के घोड़ों ने भाग लिया। इस प्रत ...और पढ़ें

घुड़दौड़ प्रतियोगिता का एक दृश्य। जागरण
संवाद सहयोगी, सिमरी (बक्सर)। प्रखंड क्षेत्र के डुमरी गांव स्थित डीके मेमोरियल महाविद्यालय के विशाल मैदान में श्री श्री 108 गोपाल दास फलहारी घोड़ा दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस अंतरराज्यीय प्रतियोगिता में बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के कई जिलों से पहुंचे अनुभवी घुड़सवारों ने अपने-अपने घोड़ों के साथ मैदान में एक से बढ़कर एक रोमांचक करतब दिखाकर दर्शकों का मन मोह लिया।
प्रतियोगिता करीब चार घंटे तक चली, जिसमें हजारों की संख्या में मौजूद दर्शक रोमांच से सराबोर रहे। आयोजन समिति द्वारा निर्धारित सभी मानकों पर खरे उतरते हुए सईद फरहान अहमद, रानी कोठी मोतिहारी के घोड़े ‘उस्मान’ ने शानदार प्रदर्शन कर प्रथम स्थान प्राप्त किया और शील्ड पर कब्जा जमाया।
गढ़वाल के रणजीत सिंह का घोड़ा दूसरे स्थान पर
घोड़े की रफ्तार, संतुलन और घुड़सवार की कुशलता ने निर्णायकों के साथ-साथ दर्शकों को भी खासा प्रभावित किया। वहीं गढ़वाल के रणजीत सिंह का घोड़ा दूसरे स्थान पर रहा, जबकि चंदौली के सोमारु पहलवान का घोड़ा तीसरे स्थान पर रहा।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुखिया प्रेमसागर कुंवर ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस तरह की पारंपरिक प्रतियोगिताएं न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखती हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और आपसी भाईचारे को भी मजबूत करती हैं।
उन्होंने अंतरराज्यीय घुड़सवारों द्वारा प्रस्तुत कला कौशल को बेमिसाल बताते हुए आयोजन समिति की सराहना की। आयोजन समिति के अध्यक्ष रजनीकांत चौबे ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं में हार-जीत से अधिक महत्वपूर्ण आपसी सौहार्द और एकता का संदेश होता है।
घुड़सवारी जैसी परंपरागत कला समाज को जोड़ने का कार्य करती है और नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ती है। मौके पर सिमरी पूर्वी जिला पार्षद कमलबास कुंवर, सिंकू सिंह, अशोक राय, मदन राय, तेज नारायण ओझा, भोला ओझा, सुनील राय, छोटू मिश्रा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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