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    Bihar Dhan Kharid: 15 नवंबर से होगी धान की खरीद, नई सरकार से किसानों को राहत की उम्मीद

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 06:41 PM (IST)

    बक्सर जिले में चक्रवाती तूफान से धान की फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे कटाई में देरी हो रही है। 15 नवंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू होने वाली है, और किसान नई सरकार से फसल नुकसान की भरपाई और बेहतर समर्थन मूल्य की उम्मीद कर रहे हैं। सहकारिता विभाग ने खरीद की तैयारियां तेज कर दी हैं, और किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है।

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    15 नवंबर से होगी धान की खरीद, नई सरकार से किसानों को राहत की उम्मीद (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, बक्सर। हाल में आए चक्रवाती तूफान ने बक्सर जिले के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेतों में खड़ी धान की फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है, जबकि कई क्षेत्रों में जलभराव से फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। लगातार वर्षा के कारण खेतों की मिट्टी अत्यधिक गीली हो गई है, जिससे धान की कटाई में असामान्य विलंब हो रहा है।

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    आमतौर पर नवंबर के प्रारंभिक सप्ताह से धान कटाई शुरू हो जाती है, लेकिन दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद जिले में कटाई कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। इस बीच, 15 नवंबर से धान की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू होने वाली है, जिसे लेकर किसान चिंतित तो हैं, लेकिन आगामी नई सरकार से राहत की उम्मीद भी बांधे हुए हैं।

    जिले में 14 नवंबर को विधानसभा चुनाव की मतगणना होने वाली है, जिसके बाद नई सरकार का गठन निश्चित है। किसानों का मानना है कि नई सरकार फसल नुकसान की भरपाई और बेहतर समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी। इस बीच, सहकारिता विभाग ने धान खरीद की तैयारियां तेज कर दी हैं, ताकि प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।

    जिला सहकारिता पदाधिकारी चंद्रमा राम ने बताया कि इस बार भी केवल पंजीकृत किसानों से ही धान खरीदा जाएगा। किसानों को ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है और सभी प्रखंडों में खरीद केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

    उन्होंने आश्वासन दिया कि खरीद प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहेगी तथा भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाएगा। किसान कमलेश कुमार सिंह, सरोज कुमार मिश्रा, रामनजर यादव सहित अन्य किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि तूफान से हुए फसल नुकसान का सर्वेक्षण शीघ्र कराया जाए और मुआवजा राशि तुरंत वितरित की जाए।

    उनका कहना है कि जिन खेतों में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, वहां बिना सरकारी सहायता के अगली बुआई असंभव होगी। कुल मिलाकर, 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीद प्रक्रिया को लेकर बक्सर के किसान सतर्क और आशान्वित हैं।

    वे प्रार्थना कर रहे हैं कि नई सरकार उनके हितों को प्राथमिकता देगी और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहारा प्रदान करेगी।