बक्सर में विकास की बुलंद तस्वीरों के बीच, हादसों का गहरा दर्द देकर विदा हुआ साल 2025
बक्सर जिले के लिए वर्ष 2025 विकास और चुनौतियों का मिलाजुला साल रहा। चौसा थर्मल पावर प्लांट की पहली इकाई का उद्घाटन, जेके सीमेंट, पेप्सिको और कोका-कोला ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बक्सर। बीता साल 2025 जिले के इतिहास में एक ऐसा अध्याय बनकर दर्ज हुआ है, जिसमें विकास की बुलंद तस्वीरें भी रहीं और हादसों का गहरा दर्द भी। आज जब हम 2026 की दहलीज पर खड़े हैं, तो बीते 365 दिनों की उन प्रमुख घटनाओं को याद करना जरूरी है, जिन्होंने जिले की तकदीर और तस्वीर को प्रभावित किया।
बीते वर्ष में आधारभूत संरचनाओं के विकास के दृष्टिकोण से जिले को कई बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं। जिला मुख्यालय में कला भवन और स्टेडियम का निर्माण शुरू हुआ, तो डुमरांव में परिसदन का उद्घाटन हुआ। जिले में करीब 300 ग्रामीण सड़कों के नवनिर्माण का कार्य शुरू हुआ।
इनमें ब्रह्मपुर-नैनीजोर रोड, बक्सर-सिकरौल रोड, नारायणपुर-मठिला रोड जैसी प्रमुख सड़कें शामिल रहीं। ब्रह्मपुर बाजार में सड़क का चौड़ीकरण शुरू हुआ। पुराना भोजपुर-आशा पड़री-सिमरी सड़क का चौड़ीकरण भी शुरू हुआ।
सड़कों के चौड़ीकरण और नवनिर्माण के बाद हादसों और इनमें होने वाले नुकसान में वृद्धि देखने को मिली। खासकर एनएच पर हुए हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़ी।
हालांकि इसके पीछे का मुख्य कारण बेहतर सड़कों पर मिल रही बेहतर गति के अनुरूप सड़क सुरक्षा नियमों का अनुपालन सही तरीके से नहीं करना रहा। रघुनाथपुर में आरओबी का निर्माण शुरू हुआ।
औद्योगिक विकास में बड़ी छलांग
जिले ने औद्योगिक विकास के दृष्टिकोण से इतिहास की सबसे बड़ी छलांग लगाई। ब्रह्मपुर प्रखंड के कांट गांव के पास जेके सीमेंट कंपनी ने अपनी ग्राइंडिंग यूनिट लगानी शुरू की है। दूसरी तरफ नावानगर औद्योगिक क्षेत्र में पेप्सिको और कोका कोला ने उत्पादन शुरू किया।
यहां भारत प्लस एथेनाल की इकाई पहले ही कार्यशील हो चुकी है। नावानगर में विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना और इसके विकास की कवायद शुरू होना सबसे अधिक महत्वपूर्ण रहा।
ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग
वर्ष 2025 की सबसे बड़ी उपलब्धि चौसा थर्मल पावर प्लांट रही। 22 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्लांट की पहली 660 मेगावाट इकाई का उद्घाटन किया।

इस परियोजना से बिहार को अपनी बिजली जरूरतों का 85% हिस्सा मिलने की राह साफ हुई, जिससे औद्योगिक विकास को नई गति मिली। जल्दी ही इसकी दूसरी यूनिट भी उत्पादन शुरू करेगी।
मलई बराज और निकृष पंप नहर ने जगाई उम्मीदें
किसानों के लिए जून 2025 खुशियों की सौगात लेकर आया। राज्य सरकार ने लगभग 205 करोड़ रुपये की ''मलई बराज परियोजना'' को तकनीकी स्वीकृति दी।

इससे नावानगर, केसठ और चक्की जैसे प्रखंडों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचने का मार्ग प्रशस्त होता दिखा। इसी साल में निकृष पंप नहर से राजपुर और चौसा प्रखंड के गांवों को सिचांई के लिए पानी मिलना शुरू हो गया।
डुमरांव को मिली संगीत की विरासत
सांस्कृतिक क्षेत्र में यह वर्ष मील का पत्थर साबित हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डुमरांव में ''भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान संगीत महाविद्यालय'' की आधारशिला रखी। 13 करोड़ की लागत से बनने वाला यह संस्थान क्षेत्र की कलात्मक पहचान को पुनर्जीवित करने का काम करेगा।
सड़कों और पुलों का जाल विकास के लिए महत्वपूर्ण
बिहारशरीफ-डुमरांव एनएच-120 (बिक्रमगंज-नावानगर-डुमरांव खंड) के सुदृढ़ीकरण से ग्रामीण संपर्कता को नई मजबूती मिली। साथ ही बक्सर और भरौली के बीच गंगा नदी पर नए पुल के शिलान्यास ने अंतर्राज्यीय व्यापार की नई संभावनाएं खोल दीं।
बक्सर पुराना बाईपास रोड के चौड़ीकरण और नया बाईपास का निर्माण शुरू होने से भविष्य को लेकर उम्मीदें जगीं। बक्सर-कोईलवर तटबंध पर पक्की सड़क का निर्माण शुरू होने से दियारा क्षेत्र के विकास का नया अध्याय खुलने की उम्मीद है।
रेलवे के लिए भी बेहतर रहा 2025
बीता वर्ष जिले में रेल संरचनाओं के विकास के दृष्टिकोण से भी काफी बेहतर रहा। बक्सर से बिलासपुर के लिए सीधी ट्रेन सेवा शुरू हुई। यह बक्सर से खुलने वाली लंबी दूरी की दूसरी ट्रेन है। 2024 में बक्सर से टाटानगर के लिए सीधी ट्रेन मिली थी।
बक्सर रेलवे स्टेशन पर नई जलमीनार का कार्य आगे बढ़ा। बक्सर में दो नए प्लेटफार्म बनाने की योजना बनाकर मुख्यालय को भेजी गई। डुमरांव, रघुनाथपुर और चौसा रेलवे स्टेशन का विकास भी तेज हुआ।
धार्मिक पर्यटन के दृष्टिकोण से हुई अहम प्रगति
ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के विकास का प्रथम चरण 2025 में पूरा हुआ। मंदिर परिसर और तालाब का सौंदर्यीकरण किया गया।
साथ ही बक्सर के रामरेखा घाट पर आधुनिक रेस्तरां और पर्यटन सुविधाओं के लिए नई परियोजनाओं की नींव रखी गई। गोलंबर पर होटल विश्वामित्र विहार का जीर्णोद्धार शुरू हुआ।
जिन घटनाओं ने झकझोरा
अहियापुर कांड और गैंगवार का साया
अपराध के मोर्चे पर मई 2025 में राजपुर के अहियापुर में हुए तिहरे हत्याकांड ने पूरे जिले को दहला दिया। इस घटना की गूंज साल के अंत तक रही, जब दिसंबर 2025 में रसेन गांव के पास प्रतिशोध में रामाकांत पाठक की हत्या कर दी गई, जिससे गैंगवार का खतरा बढ़ गया।
भीषण बाढ़ और गंगा का रौद्र रूप
सितंबर 2025 में गंगा नदी ने जिले में लगातार चार बार तबाही मचाई। जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर 60.36 मीटर तक पहुंच गया, जिससे सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर के दर्जनों गांव प्रभावित हुए। हजारों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई और मवेशियों के लिए चारे का संकट उत्पन्न हुआ।
नाथ बाबा मंदिर में चंदन के पेड़ों की चोरी
साल के आखिरी महीने में नाथ बाबा मंदिर से कीमती चंदन के पेड़ों की चोरी ने कई रहस्य छोड़ दिए। रातोंरात चोर परिसर में लगे दो पेड़ काटकर लेते चले गए और बगल के कमरों में सोए मंदिर के सेवादारों को इसका पता तक नहीं चला।
ऐसा ही हाल ठीक बगल में स्थित सदर अनुमंडल पदाधिकारी आवास के कर्मचारियों और सुरक्षा गार्ड का रहा। पुलिस के दबाव में चोरी गई लकड़ियां तो एक सप्ताह बाद गंगा घाट से बरामद हो गईं, लेकिन चोर अभी पकड़ से बाहर हैं।

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