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    Strange Fish: बक्सर में मिली 4 आंख वाली मछली, हैरत में आए लोगों की जुटी भीड़; फोटो-वीडियो वायरल

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 03:25 PM (IST)

    डेरा के समीप बाढ़ के पानी में एक ऐसी मछली देखी गई है जिसकी आंखें चार हैं और रंग बेहद विचित्र है। इस असामान्य दृश्य ने ग्रामीणों को हैरत में डाल दिया है। लोग इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं और इसकी तस्वीरें व वीडियो इंटरनेट नेटवर्क पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।

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    बाढ़ के पानी में दिखी चार आंख और विचित्र रंग की मछली, गांव में मचा कौतूहल

    संवाद सहयोगी, सिमरी (बक्सर)। सिमरी प्रखंड की नियाजीपुर पंचायत में इन दिनों एक अनोखी मछली चर्चा का विषय बनी हुई है। गर्जन पाठक के डेरा के समीप बाढ़ के पानी में एक ऐसी मछली देखी गई है, जिसकी आंखें चार हैं और रंग बेहद विचित्र है।

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    इस असामान्य दृश्य ने ग्रामीणों को हैरत में डाल दिया है। लोग इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं और इसकी तस्वीरें व वीडियो इंटरनेट नेटवर्क पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।

    पूर्व मुखिया रामाशंकर बिंद ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी ऐसी मछली नहीं देखी। उनके अनुसार, यह मछली न तो हमारे इलाके की सामान्य प्रजातियों में से है, और न ही इसके रंग-रूप में कोई समानता स्थानीय मछलियों से मिलती है।

    उन्होंने इसे प्रकृति का अद्भुत करिश्मा बताया। स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि बाढ़ के चलते गंगा और अन्य जल स्रोतों से कई तरह की दुर्लभ प्रजातियां इलाके में पहुंच रही हैं।

    कुछ लोगों ने आशंका जतायी कि यह कोई विदेशी प्रजाति भी हो सकती है, जो पर्यावरणीय असंतुलन का संकेत हो सकती है।

    हालांकि अब तक मत्स्य विभाग या जीव वैज्ञानिकों की कोई टीम मौके पर नहीं पहुंची है। ग्रामीणों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मछली का वैज्ञानिक परीक्षण कराया जाए, ताकि इसके बारे में सही जानकारी मिल सके।

    एक्वेरियम में पलती है सकर माउथ कैटफिश

    इस मछली को सकर माउथ कैटफिश कहा जाता है। यह मछली मूल तौर पर दक्षिण अमेरिका की नदियों में पायी जाती है।

    लोग एक्वेरियम में पालने के लिए इसे खरीदते हैं और इसका आकार बढ़ जाने पर कई बार इसे नजदीक के जल स्रोतों में छोड़ देते हैं।

    इस मछली के लिए एक्वेरियम बड़े साइज का होना चाहिए, क्याेंकि इसका आकार बढ़ने पर यह 15 इंच तक लंबी हो सकती है।

    ऐसा माना जाता है कि यह मछली भारतीय नदियों के पारिस्थितिकि तंत्र को प्रभावित कर सकती है और स्थानीय जल जीवों की कुछ प्रजातियों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।