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    Bihar News: बिहार के इस यूनिवर्सिटी के 12000 छात्रों पर स्नातक परीक्षा से वंचित होने का खतरा, वजह आई सामने

    Bihar News वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के स्नातक (यूजी) सेमेस्टर वन सत्र 2023-27 के 12 हजार छात्र-छात्राओं पर सेमेस्टर वन की परीक्षा से वंचित होने का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि अभी तक विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने इन छात्र -छात्राओं का पंजीकरण नहीं किया है। बिना पंजीकरण का परीक्षा नहीं हो सकती है। 94 हजार छात्र-छात्राओं का एडमिट कार्ड तैयार हो रहा है।

    By rana amresh singh Edited By: Sanjeev KumarUpdated: Sat, 13 Jan 2024 09:23 PM (IST)
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    वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के 12000 छात्रों पर परीक्षा देने का खतरा (जागरण)

    जागरण संवाददाता, आरा। Bihar News: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के स्नातक (यूजी), सेमेस्टर वन, सत्र 2023-27 के 12 हजार छात्र-छात्राओं पर सेमेस्टर वन की परीक्षा से वंचित होने का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि अभी तक विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने इन छात्र -छात्राओं का पंजीकरण नहीं किया है। बिना पंजीकरण का परीक्षा नहीं हो सकती है।

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    परीक्षा नियंत्रक प्रो शिव परसन सिंह ने बताया कि 94 हजार छात्र-छात्राओं का एडमिट कार्ड तैयार हो रहा है। उन्होंने बताया कि सभी कालेजों को 13 जनवरी तक शेष छात्र -छात्राओं का पंजीयन का निर्देश दिया गया है। पंजीयन से वंचित विभिन्न कालेजों के 12 हजार छात्र-छात्राएं मिड टर्म परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे।

    बताते चलें कि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय में एक लाख छह हजार छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है। सेमेस्टर वन की परीक्षा 18 से 23 जनवरी के बीच होगी।अभी तक वंचित विद्यार्थियों को पंजीयन कापी व नहीं मिली है। पंजीयन कापी पर विद्यार्थी का विवरण होता है।

    राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के सत्र को लेकर कही थी बड़ी बात

    कोरोना महामारी के बाद बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में सत्र एक से तीन साल पीछे थे। कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सभी विश्वविद्यालयों में एक साथ सत्र संचालन हो। इसके लिए च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत स्नातक का चार वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू किया था।

    वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ने सबसे पहले नामांकन प्रक्रिया शुरू की। मिड टर्म परीक्षा भी नवंबर में आयोजित की। पंजीयन करने में विलंब के पीछे मेजर के साथ माइनर विषयों का चयन में तकनीक सूझबूझ था। जबकि विश्वविद्यालय ने सभी जिलों में कालेजों के साथ कार्यशाला आयोजित किया था। बावजूद कालेज छात्र -छात्राओं का पंजीयन सही समय पर कराने में कामयाब नहीं रहे।

    परीक्षा नहीं होने पर मिलेगी फटकार

    च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत समय परीक्षा नहीं कराने वाले विश्वविद्यालय को राजभवन की फटकार मिल सकती है। अभी तक बिहार के पटना, बिहार समेत आठ विश्वविद्यालयों ने मिड टर्म और सेमेस्टर वन की परीक्षा आयोजित की है।

    जानकार लोगों ने बताया कि राजभवन की पिछली बैठक में भी राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों को हर हाल में स्नातक की परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था।छात्र-छात्राओं को चार वर्षों में आठ सेमेस्टर की परीक्षा देनी होगी। इसमें कुल 52 पेपर की परीक्षा होगी। सिलेबस तीन वर्ष की जगह भले चार वर्ष का हो गया है, लेकिन डिग्री लेने में खास अंतर नहीं है।

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