By Vikash Chandra Pandey Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 12 Jan 2024 09:03 AM (IST)
Bihar News सरकारी धन बैंक ऋण या राजस्व की राशि हड़पने वालों के दिन लदने ही वाले हैं। वर्षों तक राजस्व न्यायालयों के मुकदमों में फंसा कर राजस्व हड़पने का उपाय भी अब काम नहीं आएगा। ऐसे मुकदमों के शीघ्र निपटारे के लिए सरकार लोक मांग वसूली कानून में संशोधन करने जा रही है। उसके बाद सरकार का धन निगल जाने वालों की संपत्ति की नीलामी सहजता से हो सकेगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी धन, बैंक ऋण या राजस्व की राशि हड़पने वालों के दिन लदने ही वाले हैं। वर्षों तक राजस्व न्यायालयों के मुकदमों में फंसा कर राजस्व हड़पने का उपाय भी अब काम नहीं आएगा। ऐसे मुकदमों के शीघ्र निपटारे के लिए सरकार लोक मांग वसूली कानून में संशोधन करने जा रही है।
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उसके बाद सरकार का धन निगल जाने वालों की संपत्ति की नीलामी सहजता से हो सकेगी। बिहार-उड़ीसा लोक मांग अधिनियम-1914 में संशोधन के लिए गुरुवार को राजस्व पर्षद के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, पर्षद के सचिव अनिल कुमार झा और उप सचिव संजीव कुमार आदि उसमें उपस्थित रहे।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग से सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी और एडीएम जुड़े हुए थे। उल्लेखनीय है कि अभी सर्किल अफसर, डीसीएलआर, एसडीएम, एडीएम और डीएम से लेकर कमिश्नर और राजस्व पर्षद तक विचाराधीन लाखों मामलों में बिहार सरकार के करोड़ों का राजस्व फंसा हुआ है।
पब्लिक डोमन में संशोधन ड्राफ्ट डाल मांगा जाएगा सुझाव
इस अधिनियम को लागू हुए लगभग 110 वर्ष हो गए है। इससे उड़ीसा का नाम हटाया जाएगा और वसूली नियम को कठोर किया जाएगा। ऐसा राजस्व में वृद्धि और नीलामी की प्रक्रिया आसान करने के उद्देश्य से होगा। अधिनियम में संशोधन पर सुझाव देने के लिए इसका ड्राफ्ट पब्लिक डोमन में डाला जाएगा। अच्छे सुझावों का समावेश संशोधन में किया जाएगा।
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