Ara News: न डिग्री न प्रमाण पत्र, धड़ल्ले से चल रहे थे प्राइवेट क्लीनिक; टीम गठित कर शुरू हुई कार्रवाई
भोजपुर जिले में कई अल्ट्रासाउंड सेंटर बिना प्रमाण पत्र के चल रहे हैं और सैकड़ों निजी अस्पताल बिना पंजीकरण के मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं। सिविल सर्जन डॉ. एसके सिन्हा ने इन अवैध सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच टीम ने कई क्लीनिकों में अनियमितताएं पाईं जहां डॉक्टर और प्रबंधक गायब थे और कई क्लीनिकों का पंजीकरण नहीं था।

जागरण संवाददाता, आरा। जिले में अल्ट्रासाउंड तकनीक के जरिए मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति का प्रमाण देने वाले कई अल्ट्रासाउंड सेंटरों के पास खुद को प्रमाणित करने का कोई प्रमाण नहीं है।
इसके अलावा जिले में सैकड़ों की संख्या में मानक के विरूद्ध संचालित गैर निबंधित निजी अस्पतालों की भी जानकारी मिली है, जिनके खिलाफ भोजपुर सिविल सर्जन डॉ. एसके सिन्हा ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसे लेकर सीडीओ डॉ. ए. अहमद एवं जिला कल्याण पदाधिकारी नवीन कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर बुधवार और गुरुवार को आरा शहर में सघन जांच की गई। डॉ. ए. अहमद ने बताया कि मरीजों द्वारा की गई शिकायत के आधार पर स्थानीय महावीर टोला, रमना पकड़ी रोड स्थित दर्जन भर क्लीनिकों की जांच की गई।
जांच के दौरान अधिकांश क्लीनिकों के प्रबंधक और डॉक्टर तक गायब पाए गए। इसमें कई क्लिनिकों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, तो कइयों का रजिस्ट्रेशन फेल है। बताते चलें कि इससे पहले भी वर्ष 2023 और 2024 में हुई जांच के दौरान कई अल्ट्रासाउंड सेंटर और निजी क्लीनिक मिले थे। जिनके संचालकों के पास न तो कोई अधिकृत डिग्री थी, न ही कोई प्रमाण था।
यही नहीं इन सेंटरों के बोर्ड पर फर्जी डॉक्टरों का नाम तक बेखौफ लिखा मिलता है। इन तमाम बातों से अनजान मरीज और उनके स्वजन इन फर्जीवाड़ों के चक्कर में फंस कर जांच और इलाज के नाम पर मोटी रकम तो गवांते ही हैं, इन्हें बीमारी से संबंधित सही रिपोर्ट तक नहीं मिल पाती।
शहर के कई निजी क्लीनिक तो क्लीनिकल एक्ट के मानक तक को पूरा नहीं करते। जबकि सिविल सर्जन, भोजपुर निजी अस्पतालों की जांच के बाद गैर निबंधित सभी निजी अस्पतालों को निबंधन की हिदायत बार-बार देते रहे हैं। किंतु उनके आदेश को ताक पर रखकर अधिकांश निजी अस्पताल बिना निबंधन के ही चल रहे हैं।
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