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    Bihar Bhumi: सरकारी जमीन की कर दी फर्जी जमाबंदी, अब तत्कालीन CO और राजस्व कर्मचारी पर गिरेगी गाज

    Updated: Fri, 11 Apr 2025 04:30 PM (IST)

    आरा में सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी के मामले में खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम ने एडीएम को जांच के आदेश दिए हैं। तत्कालीन सीओ और राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों की जमीन की फर्जी जमाबंदी की गई। एडीएम को जल्द जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा करने को कहा गया है। इस आदेश के बाद फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मच गया है।

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    सरकारी जमीन की कर दी फर्जी जमाबंदी, अब तत्कालीन CO और राजस्व कर्मचारी पर गिरेगी गाज

    जागरण संवाददाता, आरा। सदर अंचल में सरकारी जमीन की फर्जी जमाबंदी कायम करने के मामले में दैनिक जागरण में गुरुवार को खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम पूरी तरह से एक्शन में आ गए हैं। मामले पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने एडीएम डॉ. शशि शेखर को अविलंब इस मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की अनुशंसा करने का निर्देश दिया है।

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    एडीएम से जांच और कार्रवाई की अनुशंसा तेजी से करने को कहा गया है। डीएम के इस आदेश के बाद सरकारी जमीन की फर्जीवाड़ा करने के मामले में शामिल पदाधिकारी, कर्मचारियों और अवैध लाभ लेने वालों में हड़कंप मच गया है।  मालूम हो आरा सदर अंचल में इस तरह के मामलों का खुलासा लगातर हो रहा है।

    क्या है पूरा मामला?

    तत्कालीन अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी की मिली भगत से करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी जमीन को लाखों रुपये के लेनदेन कर फर्जी जमाबंदी कायम कर दी जा रही है। यह मामला आरा शहर के मोती सिनेमा हाल के विपरीत राजेंद्र नगर मोहल्ला में स्थित जमीन से जुड़ा हुआ है।

    इस बेशकीमती जमीन का खाता 1083 खेसरा 2380 और 2379, थाना नम्बर 237 है। इसके खतियान पर नजर डाले तो यह जमीन गैर मजरूआ किस्म की है। इस जमीन को किसी भी कीमत पर किसी निजी व्यक्ति के नाम पर जमाबंदी कायम नहीं की जा सकती है। इसके बाद भी तत्कालीन सीओ राजकुमार ने वर्ष 2021 में पांच लोगों के नाम पर अवैध जमाबंदी कायम कर दी।

    जिन लोगों के नाम पर जमाबंदी कायम की गई उनमें रंजीत बहादुर माथुर, इंद्रजीत बहादुर माथुर, किशोर चंद्र माथुर, गिरजा बहादुर माथुर और गिरिराज बहादुर माथुर सभी पिता स्व: श्याम बहादुर माथुर सभी बाबू बाजार के निवासी शामिल हैं। इतना ही नहीं, इन सभी के नाम पर फर्जी ढंग से अवैध जमाबंदी कायम होने के साथ ही वर्ष 2022 से इन जमीनों की खरीद बिक्री भी शुरू हो गई।

    फर्जी जमाबंदी सफल रहने के बाद सीओ ने जमीन का बढ़ाया था रकबा

    वर्ष 2021 में सबसे पहले फर्जी ढंग से तत्कालीन सीओ के द्वारा जमाबंदी की गई। इसके बाद किसी भी प्रकार से इस मामले का खुलासा नहीं होने के बाद अगले कदम के रूप में सीओ ने अपने मन से जमीन का रकबा भी बढ़ा दिया। खाता 1083 खेसरा 2380 में 2.818 डिसमिल और खेसरा 2379 में रकबा जीरो डिसमिल पहले से दिखाया गया था।

    इसके बाद तत्कालीन सीओ ने खेसरा 2379 में जमीन का रकबा बढ़ाने के साथ दोनों खेसरा को एक में करके 5.3 डिसमिल रकबा अवैध ढ़ंग से दिखा दिया। अब इस जांच के बाद मामले का पूरा खुलासा होगा और दोषी पर बड़ी कार्रवाई होगी।

    फर्जिवाड़ा करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

    आरा सदर अंचल क्षेत्र में अवैध ढंग से सरकारी जमीन की जमाबंदी करने वालों के खिलाफ जांच का निर्देश दिया गया है। इस तरह का अवैध कार्य करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। एडीएम से रिपोर्ट मांगी गई है। - तनय सुल्तानिया, डीएम भोजपुर

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