बेटे ने दोस्त संग मिलकर की थी हवलदार पिता की हत्या, अनुकंपा पर नौकरी और संपत्ति के लालच में रची साजिश
बिहार के भोजपुर में एक बेटे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने हवलदार पिता की हत्या कर दी। हत्या का कारण अनुकंपा पर नौकरी और संपत्ति का लालच बताया जा रहा ...और पढ़ें

जागरण टीम, आरा/कोईलवर। भोजपुर जिले के चांदी थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव में करीब छह दिन पूर्व छुट्टी पर आए झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस मामले में मृतक के इकलौते पुत्र सहित उसके एक दोस्त को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गुरुवार को सदर एसडीपीओ-टू रंजीत कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में भगवतपुर गांव निवासी मृतक का पुत्र विशाल तिवारी तथा झारखंड के हजारीबाग जिले के लोहसिगना थाना क्षेत्र अंतर्गत लेक रोड, नूरा हजारीबाग निवासी उसका दोस्त मो. जिशान अहमद जिलानी शामिल है।
विशाल को उसके गांव से, जबकि जिशान को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया। कांड में प्रयुक्त मोबाइल जब्त है। बाइक हजारीबाग में है। इधर, एसडीपीओ ने बताया कि हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी 31जनवरी 2026 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। आरोपित पुत्र को चाहत थी कि यदि सेवा अवधि में पिता की मृत्यु हो जाती है तो उसे अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल सकती है। इसके साथ ही पैसों और संपत्ति पर कब्जा करने की नीयत से उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
डीएसपी के अनुसार विशाल तिवारी नशे का आदि है, जिस कारण पिता-पुत्र के संबंध तनावपूर्ण थे। हाल ही में हवलदार ने दो बीघा जमीन का एग्रीमेंट कराया था, जिसकी जानकारी पुत्र को नहीं दी गई थी। इसी बात को लेकर विशाल नाराज चल रहा था। उसे यह भी डर था कि पिता अपनी विवाहिता पुत्री प्रियंका तिवारी को संपत्ति सौंप सकते हैं, इसलिए हत्या के बाद भी अंगूठा काट दिया गया था। पूछताछ में दोनों संलिप्तता भी स्वीकार की है। पशुपति नाथ तिवारी हजारीबाग में पीसीआर शाखा में चालक हवलदार के पद पर तैनात थे।
हजारीबाग से ही हत्या करने के लिए लाए थे चाकू, भागते समय नदी में फेंका
एसडीपीओ ने बताया कि पूछताछ में दोनों आरोपितों ने स्वीकार किया कि वे 19 दिसंबर की शाम करीब छह बजे हजारीबाग से बाइक से निकले और रात करीब डेढ़ बजे भगवतपुर पहुंचे। घर के पास पेड़ के सहारे मकान में प्रवेश किया गया। इसके बाद बरामदे में पलंग पर सो रहे पशुपतिनाथ तिवारी की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई। पहले खुद बेटे ने और फिर उसके दोस्त ने चाकू से वार किया था। वारदात के बाद दोनों बाइक से वापस हजारीबाग की ओर फरार हो गए।
पहले बेटे ने और फिर उसके दोस्त ने चाकू से वारकर जान ली। हत्या में प्रयुक्त चाकू और दस्ताने (ग्लव्स) दोनों आरोपी थैले में साथ लाए थे। भागने के क्रम में भोजपुर के सहार पुल के पास सोन नदी में चाकू और ग्लव्स फेंक दिए गए। संदेह से बचने के लिए विशाल चौपारण टोल प्लाजा के पास से पत्नी के साथ गांव लौट आया, जबकि उसका दोस्त हजारीबाग चला गया।
इधर, तकनीकी अनुसंधान और सीडीआर के आधार पर पहले हजारीबाग से जीशान अहमद जिलानी को हिरासत में लिया गया और सख्ती से पूछताछ की गई तो हत्याकांड के बारे में चाैंकाने वाला खुलासा हुआ। इसके बाद पिता के हत्या में शामिल पुत्र विशाल तिवारी को गिरफ्तार किया गया।
दो साल पहले भी रची गई थी हत्या की साजिश
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पशुपतिनाथ तिवारी की हत्या की साजिश करीब दो साल पहले भी रची गई थी। उस समय बाइक दुर्घटना कराकर उन्हें मारने की योजना थी, लेकिन वह असफल रही। सेवानिवृत्ति की तिथि नजदीक आने के बाद पिछले दो-तीन महीनों से दोबारा हत्या की साजिश रची जा रही थी।
पुलिस ने यह भी बताया कि हत्या के बाद मृतक की पुत्री को भी रास्ते से हटाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। एसडीपीओ-टू ने बताया कि मृतक की पत्नी की भूमिका की भी जांच की जा रही है। यदि संलिप्तता के पुख्ता साक्ष्य मिलते हैं तो आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस हत्याकांड में मृतक की पत्नी मणी देवी के बयान पर चांदी थाना में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एसपी राज के निर्देश पर तकनीकी अनुसंधान और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के आधार पर जांच करते हुए पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा किया है।

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