Liquor Ban: 8 साल बाद भी नहीं छूटी आदत, भोजपुर में 6 महीने में जुर्माना देकर रिहा हुए दो हजार से अधिक शराबी
आठ साल पहले बिहार में शराबबंदी हुई थी लेकिन अब तक लोगों के बीच शराब पीने की आदत छूट नहीं पाई है। अगर भोजपुर की बात करें तो अकेले इस जिले में दो हजार से अधिक शराबी बीते छह माह में जुर्माना भरकर छूटे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आठ साल बाद भी बिहार में शराब की तस्करी क्यों नहीं रुक पाई है।

दीपक सिंह, आरा। बिहार में शराब बंदी कानून को लागू हुए आठ साल हो चुके हैं। इसके बाद भी दारू की तलब नहीं छूट रही है। इस कानून के तहत भोजपुर जिले में विगत छह महीने के अंदर जुर्माना देकर करीब 2527 शराबी छूटे हैं।
इसके अलावा, शराब बिक्री करने के आरोप में 1387 धंधेबाजों को जेल भेजा गया है। हालांकि, आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो शराब बिक्री करने वालों से दोगुना अधिक पीने वाले पकड़े गए हैं। साल 2024 के पुलिस सेल के आंकड़े यही बयां कर रहे हैं।
सेल के आंकड़ों के अनुसार, इन विगत छह महीने में अवैध शराब बिक्री को लेकर करीब 1109 मामले अल-अलग थानाें में दर्ज हुए है। इससे दोगुना अधिक सनहा हुआ है। साल 2023 मेें उत्पाद अधिनियम के तहत अलग-अलग थानों में करीब ढाई हजार, साल 2022 में 2761 केस अलग-अलग थानों में हुए थे।
साल 2021 में केस का आंकड़ा 2317 था। राज्य में वर्ष 2016 से ही शराबबंदी कानून लागू है। शराब बंदी कानून मेें अप्रैल 2022 में बदलाव किया गया था।जिसके बाद पहली बार शराब पीने पर दो से पांच हजार रुपये जुर्माना का प्रविधान लागू किया गया है।
मई महीने में सर्वाधिक शराबी पकड़े गए
चालू वर्ष के मई महीने में सर्वाधिक शराबी पकड़े गए हैं। पुलिस सेल के आंकड़ों को सच मानें तो मई महीने में शराब पीने में 999 शराब पकड़े गए थे। इसके पहले अप्रैल माह में 525 शराब पकड़े गए थे।
इसके बाद, जून महीने में 356 शराबियों को दबोचा गया था। सबसे कम शराबी मार्च महीने में पकड़े गए। आंकड़ा महज 188 के आसपास था।
छह महीने के अंदर उत्पाद अधिनियम के तहत मामलों पर नजर
माह | केस | बिक्री करने में गिरफ्तारी | पीने में गिरफ्तारी |
जनवरी | 125 | 363 | 230 |
फरवरी | 168 | 178 | 229 |
मार्च | 276 | 257 | 188 |
अप्रैल | 198 | 261 | 525 |
मई | 193 | 194 | 999 |
जून | 149 | 134 | 356 |
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