जवइनिया कटाव पीड़ितों के समक्ष खाने के लाले, सामुदायिक रसोई हुआ बंद
आरा के जवइनिया गांव में कटाव पीड़ितों के लिए चल रही सामुदायिक रसोई को बंद करने का आदेश दिया गया है जिससे पीड़ितों में आक्रोश है। महिलाओं ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। गंगा में कटाव के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं और बांध पर रहने को मजबूर हैं। पीड़ितों का कहना है कि सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है।

संवाद सूत्र,शाहपुर(आरा)। जवइनिया गांव के कटाव पीड़ितों के लिए बांध पर चलाई जा रही सामुदायिक रसोई को तीन अक्टूबर से बंद करने का फरमान जारी कर दिया गया है। यदि ऐसा होता है तो कटाव पीड़ितों के समक्ष खाने पीने के लाले पड़ जाएंगे। कटाव पीड़ित पूछ रहे हैं कि आखिर हमारे जीवन शैली में कौन सा बदवाल आ गया है कि प्रशासन खाना पीना भी बंद करने पर तुली हुई है।
वहीं पीड़ित सैकड़ो महिलाओं ने कहा सामुदायिक रसोई बंद होने पर भूख हड़ताल करने की बात कर रहे हैं। हमलोगों को कटाव के दर्द से अलावे मिला क्या है! यदि प्रशासन नही सुनेगा तो हाइवे भी जाम किया जाएगा। जिसके बाद बांध पर विस्थापित हजारो लोगो के समक्ष खाने पीने की समस्या उत्पन्न होने वाली है।
वार्ड संख्या चार व पांच पूरी तरह से कटाव में विलीन
पीड़ित विस्थापितों का कहना है कि जब घरबार नहीं रहा, जीविकोपार्जन का फ़िलहाल कोई संसाधन नही है। ऐसे में सामुदायिक रसोई का बंद कराने का मतलब लोगो को भूखा मारने जैसा है। गंगा नदी में व्यापक कटाव के कारण दामोदरपुर पंचायत के जवइनिया गांव के वार्ड संख्या चार व पांच पूरी तरह से कटाव में विलीन हो गया।
कटाव में पिछले दो वर्षों में करीब तीन सौ परिवारों का घर जलप्रलय का भेंट चढ़ गया। लोग अपनी जान व माल की सुरक्षा को लेकर तटबंध पर तिरपाल व झोपड़ीनुमा अस्थाई घर बनाकर रहने को विवश हैं।
सरकार उनके साथ कर रही अन्याय
कटाव पीड़ितों की मानें तो सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है। आखिर इस मुसीबत के समय जब खेतीबारी है ना ही कोई काम धंधा। ऐसे में परिवार के पेट भरने तक के संसाधनों की भारी अभाव है। इधर स्थानीय विधायक राहुल तिवारी ने कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओ के बड़े बड़े दावे आज पीड़ितों के लिए बेमानी हो गए हैं।
आखिर कटाव पीड़ित परिवार रसोई बंद होने की सूरत में क्या खाएंगे। उनके परिवार के लोगो को भूखों मरने वाली बात है। कटाव पीडितो के लिए पिछले तीन माह से दामोदरपुर बांध पर सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा था।
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