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    टीचरों पर गवर्नर ने कसा शिकंजा, अब राजभवन की निगरानी में होगी कॉलेजों की पढ़ाई; हर दिन देनी होगी ऑनलाइन रिपोर्ट

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 03:34 PM (IST)

    वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेजों में अब राजभवन शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए पाठ की निगरानी करेगा। राज्यपाल सचिवालय की वेबसाइट पर कक्षाओं मे ...और पढ़ें

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    वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, आरा। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय अंतर्गत सभी अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों में शिक्षकों ने वर्ग में क्या पढ़ाया है। अब इसकी जानकारी राजभवन सचिवालय की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।

    कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले पाठ की जानकारी विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। क्योंकि राज्यपाल सचिवालय से पठन-पाठन की निगरानी की जाएगी।

    इसको लेकर राज्यपाल सचिवालय की ओर से वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय समेत सभी विश्वविद्यालय को पत्र भेजा गया है। प्रधान सचिव डॉ. राबर्ट एल चांग्धू ने कुलपति प्रो. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी को पत्र भेजकर वेबसाइट को अपडेट कर इसे सुनिश्चित करते हुए 15 दिनों के भीतर इसे सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया है।

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    विश्वविद्यालयों को अपनी तैयारी और आदेश के अनुपालन की जानकारी लोक भवन को देनी है। इसमें कुल तीन बिंदुओं पर जानकारी अपलोड होगी। संकायवार दैनिक संचालित वर्ग की विवरणी प्राध्यापकों के नाम पोर्टल पर अपलोड करना है।

    15 दिनों के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश

    राज्यपाल सचिवालय ने विश्वविद्यालयों को 15 दिनों के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। राज्यपाल सचिवालय का मानना है कि कॉलेज के कक्षाओं से विद्यार्थी गायब होते है। नामांकन के साथ जब स्नातक और पीजी कोर्स के लिए प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं शुरू होती है तो शुरुआत के कुछ दिनों तक छात्र-छात्राओं की उपस्थिति अच्छी होती है।

    धीरे-धीरे कक्षाओं से विद्यार्थी गायब होने लगते हैं। जिन विषयी में 350 से अधिक नामांकन होते हैं उनकी कक्षाओं में केवल एक दर्जन और कभी कभी उससे भी कम उपस्थिति रह जाती है। इस कारण कई कॉलेजों में कम उपस्थिति के कारण शिक्षक भी वर्ग संचालन नहीं करते हैं।

    दूसरी ओर सेमेस्टर सिस्टम में स्नातक कोर्स के संचालन होने से अब हर छह महीने में परीक्षा होनी है। साथ ही इंटर्नल परीक्षा भी होती है। उसके बाद अगले सेमेस्टर में नामांकन, फॉर्म भरना और अन्य कार्य।

    इस कारण कक्षाओं के संचालन के लिए काफी कम समय मिलता है। दूसरी ओर सत्र को नियमित करने के नाम पर जल्दी जल्दी परीक्षा होती है। इस कारण कभी तीन महीने में तो कभी इससे भी कम समय में सेमेस्टर की परीक्षा कराई जाती है।

    आगामी परीक्षा और कैलेंडर भी करना होगा अपलोड

    विश्वविद्यालयों के वेबसाइट पर स्नातक से लेकर पीजी और अन्य आगामी परीक्षाओं का विवरण भी देना होगा। इससे यह जानकारी मिलेगी की कौन सी परीक्षा कब से शुरू हो रही है और कब समाप्त हो रही है। इससे छात्र-छात्राओं से लेकर कोई भी विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर जाकर परीक्षा कैलेंडर को देख सकता है।

    साथ ही इससे यह भी पता सकेगा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र पटरी पर है या नहीं। क्या विश्वविद्यालय केवल तर सत्र के लिए शैक्षणिक कैलेंडर ही तैयार करते हैं या इसके अनुसार परीक्षा और परिणाम भी जारी होता है।

    कोरोना काल में वेबसाइट पर डाले गए थे कंटेंट

    इससे पहले कोरोना काल में छात्र छात्राओं के पठन-पाठन के लिए पीजी विभागों से लेकर कॉलेजों की और से कंटेंट को वेबसाइट पर अपलोड किया गया था। इस दौरान कक्षाओं का लिंक से लेकर विषय से संबंधित कंटेंट और महत्वपूर्ण प्रश्न और वीडियो लेक्चर का लिंक वेबसाइट पर अपलोड किया गया था।

    उस समय दूरदराज के छात्र-छात्राओं के लिए पढ़ाई का यही माध्यम बना था। विगत विधानसभा चुनाव में महाराजा कॉलेज, जगजीवन कॉलेज, एचडी जैन कॉलेज आदि को जब जिला प्रशासन ने अधिग्रहित कर लिया था तो कॉलेज प्रशासन ने ऑनलाइन कक्षा संचालन का निर्देश दिया था।