सीबीआई का दावा- राजनीतिक प्रतिशोध में हुई थी ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या, आरोप को लेकर हुलास पांडेय ने कही ये बात
रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर सिंह उर्फ बरमेश्वर मुखिया की हत्या राजनीतिक प्रतिशोध में की गई थी। यह दावा केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने आरा जिला एवं सत्र न्यायालय के सेशन जज-तृतीय के कोर्ट में दायर 24 पन्नों के पूरक आरोप पत्र (चार्जशीट) में किया है। सीबीआई के डीएसपी वी. दीक्षित ने हत्या आर्म्स एक्ट एवं साजिश अधिनियम के तहत यह आरोप पत्र दाखिल किया है।

जागरण संवाददाता, आरा। रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर सिंह उर्फ बरमेश्वर मुखिया की हत्या राजनीतिक प्रतिशोध में की गई थी। यह दावा केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने आरा जिला एवं सत्र न्यायालय के सेशन जज-तृतीय के कोर्ट में दायर 24 पन्नों के पूरक आरोप पत्र (चार्जशीट) में किया है।
सीबीआई के डीएसपी वी. दीक्षित ने हत्या, आर्म्स एक्ट एवं साजिश अधिनियम के तहत यह आरोप पत्र दाखिल किया है। इस मामले में सोमवार को सुनवाई की तारीख थी, लेकिन जिला सत्र न्यायालय सेशन-03 ने तीन जनवरी को सुनवाई की नई तारीख तय की है।
पूरक चार्जशीट के अनुसार सीबीआई को जांच में पता चला कि जुलाई, 2011 में जेल से बाहर आने के बाद बरमेश्वर मुखिया की बक्सर, भोजपुर, रोहतास, जहानाबाद, गया और औरंगाबाद जिलों में विशेष जाति, किसान और मजदूरों के बीच बढ़ती लोकप्रियता से प्रतिद्वंद्वी के राजनीतिक करियर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना शुरू हो गया था।
सीबीआई ने चार्जशीट में कहा है कि बरमेश्वर मुखिया ने इन क्षेत्रों के किसान और मजदूरों को एकजुट करना शुरू कर दिया था और राष्ट्रवादी किसान संगठन का गठन किया था।
साक्ष्य के तौर पर यह भी जिक्र है कि उस समय हुलास पांडेय का समर्थन क्षेत्र भी भोजपुर, बक्सर और रोहतास जिलों में मुख्य रूप से एक ही समुदाय विशेष के बीच था और उन्होंने 2010 में आरा-बक्सर स्थानीय निकाय से एमएलसी (विधान पार्षद) का चुनाव जीता था।
सीबीआई के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि अपने राजनीतिक पतन के डर से पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय ने अभय पांडेय, नंद गोपाल पांडे उर्फ फौजी, रितेश कुमार उर्फ मोनू सिंह, अमितेश कुमार पांडे उर्फ गुड्डु पांडे, प्रिंस पांडे, बालेश्वर रा मनोज के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची है।
हुलास पांडेय ने लोजपा (रामविलास) के प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से दिया स्तीफा
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय ने सोमवार को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
उन्होंने यह कदम रणवीर सेना के प्रमुख रहे ब्रह्ममेश्वर मुखिया हत्याकांड की सीबीआई जांच के बाद आरा व्यवहार न्यायालय में समर्पित चार्जशीट में अपना नाम आने पर उठाया है। उन्होंने कहा कि मैंने नैतिकता के आधार पर पार्टी के प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दिया है।
पटना में पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में हुलास पांडेय ने अपने ऊपर लगे आरोप को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि ब्रह्ममेश्वर मुखिया से कभी मेरा संबंध नहीं रहा है।
सीबीआई के आरोपों को चुनौती देंगे हुलास
लगता है किसी ने जांच एजेंसी को गुमराह किया है। मुझे चार्जशीट की सूचना मीडिया से मिली है। मेरे खिलाफ सीबीआई द्वारा न्यायालय में समर्पित पूरक चार्जशीट (आरोप पत्र) न्यायसंगत नहीं है। हम न्यायालय की शरण में जाएंगे और अपने ऊपर लगे आरोप को चुनौती देंगे।
हुलास ने पत्रकारों से कहा कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि मुझे इंसाफ मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि घटना के दिन मैं अपने पटना स्थित सरकारी आवास पर था और सरकार द्वारा प्रतिनियुक्त कई अंगरक्षक मेरे साथ थे। फिर भी 10 वर्षों के बाद मेरा नाम अप्रत्याशित ढंग से आरोप पत्र में जोड़ा गया।
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