Bihar सरकार ने इन सत्रों के असंबद्ध कॉलेजों को दी मान्यता, 3 लाख विद्यार्थियों को डिग्री मिलने का रास्ता साफ
बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के असंबद्ध कॉलेजों को अस्थाई संबद्धता प्रदान की है। शिक्षा विभाग के इस फैसले से करीब 3 लाख विद्यार्थियों को फायदा होगा। सरकार के इस फैसले से विद्यार्थियों के लंबित डिग्री मिलने का रास्ता भी साफ हो गया है। उच्च न्यायालय ने ही साल 2019 में बिना संबद्धता वाले कॉलेजों से पासआउट विद्यार्थियों को डिग्री देने से इंकार दिया था।
राणा अमरेश सिंह, आरा : जिले के वीर कुंवर सिंह विवि (Veer Kunwar Singh University) से स्नातक के सत्र 2015 से लेकर 2020 के पास आउट छात्रों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने इन सत्रों के असंबद्ध कॉलेजों को अस्थाई संबद्धता प्रदान की है।
इसको लेकर उच्च शिक्षा के निदेशक डॉ.रेखा कुमारी ने कुलसचिव प्रो. रणविजय कुमार समेत अन्य विश्वविद्यालयों को भेज दी हैं। इसमें विभिन्न सत्रों को प्रमाण-पत्र प्रदान करने के निर्देश दिया गए हैं। बता दें कि 2015-18, 2016-19 और 2019-20 के सत्र के दौरान 70,896 छात्र-छात्रा पास आउट हुए हैं।
अंगीभूत कॉलेजों के पासआउट विद्यार्थी भी शामिल
शिक्षा विभाग के इस फैसले से अब छात्र-छात्राओं को मूल प्रमाण-पत्र के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इस सत्र में संबद्ध कॉलेजों के अलावा अंगीभूत कॉलेजों के 51 विषयों में पासआउट छात्र-छात्राएं शामिल हैं।
कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने सरकार की ओर से छात्र हित में लिया गया फैसला बताया है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के बाद भी विद्यार्थियों को मूल डिग्री के लिए उच्च न्यायालय में गुहार लगाने के बाद डिग्री मिलती थी।
क्योंकि, उच्च न्यायालय ने ही वर्ष 2019 में बिना संबद्धता वाले कॉलेजों से पासआउट छात्र-छात्राओं को डिग्री देने से मना कर दिया था।
डिग्री जारी करने का रास्ता साफ
विगत अप्रैल में उच्च न्यायालय ने विवि को स्पष्ट निर्देश दिया था कि सभी पासआउट छात्र-छात्राओं को मूल प्रमाण-पत्र दिया जाए। न्यायालय के आदेश पर शिक्षा विभाग एक बार ऐसे सभी कॉलेजों को अस्थाई संबद्धता देकर डिग्री जारी करने का रास्ता साफ किया।
इससे इन सत्रों की छात्राओं को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान की राशि भी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता छोटू सिंह, चंदन तिवारी, जदूयू के छात्र नेता कृष्णा तिवारी, पूर्व सिनेटर अजय कुमार तिवारी मुनमुन समेत कई छात्र नेताओं ने शिक्षा विभाग को धन्यवाद दिया है।
कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने भेजा था प्रस्ताव
कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी के बाद उपर्युक्त सत्रों को संबद्धता दिलवाने के लिए सिंडिकेट से प्रस्ताव पास करके भेजा गया। उन्होंने लंबित सत्रों के प्रमाण-पत्र को जारी करने के लिए शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव से पहल की थी।
उन्होंने बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में इस तरह के लंबित सत्रों को संबद्धता देने की मांग की थी। सूत्रों के अनुसार, बिहार के सभी विवि उपर्युक्त सत्र के करीब तीन लाख विद्यार्थी प्रभावित थे। अब इन्हें आवेदन करने के बाद मूल प्रमाण-पत्र बिना विलंब के मिलने की संभावना है।
3 अंगीभूत कॉलेजों का भी प्रमाण-पत्र था प्रभावित
बिना संबद्धता का नामांकन केवल असंबद्ध कालेज ही नहीं लिये थे, बल्कि इससे अंगीभूत और स्थाई संबद्धता प्राप्त कॉलेज के लिए भी थे।
एमवी कालेज, बक्सर और महाराजा कालेज, आरा वाणिज्य विषय और महाराजा कॉलेज ने समाजशास्त्र में बिना संबद्धता के सैकड़ों छात्रों का नामांकन मनमानी तरीके से लिया था।
ये भी पढ़ें : Mukhymantri Swayam Sahayata Bhatta Yojana: युवाओं को हर महीने बेरोजगारी भत्ता दे रही सरकार; तुरंत उठाएं लाभ
निम्न सत्रों के 70,896 विद्यार्थियों का प्रमाण-पत्र था लंबित
कॉलेजों के मान्यता न मिलने से असंबद्ध कालेज के साथ-साथ अंगीभूत कॉलेज के असंबद्ध विभाग समेत कुल 51 संस्थान प्रभावित थे। इन संस्थानों से पासआउट छात्र-छात्राओं को मूल प्रमाण-पत्र देने पर रोक थी।
इसमें शैक्षणिक सत्र 2015-18 में 33,850, शैक्षणिक सत्र 2016-19 में 22,349 और शैक्षणिक सत्र 2017-20 में 14,696 छात्र-छात्राओं का मूल प्रमाण-पत्र जारी करने पर रोक थी।
ये भी पढ़ें : Sainik School: बिहार के भागलपुर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की सौगात, GRSSVM को मिली सैनिक स्कूल की मान्यता
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।