Bihar Election: संदेश में चिराग ने चली थी चाल, JDU का बिगड़ा था खेल; किरण ने रचा इतिहास
2020 के संदेश विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की रणनीति ने जदयू का समीकरण बिगाड़ दिया। लोजपा से श्वेता सिंह के उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया। महागठबंधन की किरण देवी ने जदयू के विजेंद्र सिंह को 50,677 मतों से हराकर रिकॉर्ड जीत दर्ज की। चिराग की चाल से भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी और स्वर्ण मतदाता विभाजित हो गए, जिससे जदयू को हार का सामना करना पड़ा।
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
संवाद सूत्र, उदवंतनगर (भोजपुर)। संदेश विधानसभा सीट पर 2020 के चुनाव में चिराग पासवान की एक चाल ने जदयू का पूरा समीकरण बिगाड़ दिया।
खुद को 'मोदी का हनुमान' कहने वाले चिराग ने जब लोजपा (रामविलास) के सिम्बल पर श्वेता सिंह को मैदान में उतारा, तो संदेश का मुकाबला एक झटके में त्रिकोणीय हो गया। परिणाम ऐसा निकला कि जदयू का पूरा खेल ही उलट गया।
महागठबंधन की ओर से उतरीं किरण देवी ने न केवल जीत दर्ज की, बल्कि ऐसा अंतर बनाया जो अब तक का रिकॉर्ड बन गया। उन्होंने जदयू प्रत्याशी व पूर्व विधायक विजेंद्र सिंह को 50,677 मतों से हराकर नया इतिहास रच दिया। किरण देवी को 79599 वहीं विजेंद्र कुमार सिंह को 28992 तथा श्वेता सिंह को 28500 मत मिले।
चिराग की रणनीति बनी जदयू की हार की वजह
संदेश सीट सीट बंटवारे में जदयू के खाते में गई थी, जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी। भाजपा से टिकट की प्रबल दावेदार सक्कड़ी पंचायत की तत्कालीन मुखिया श्वेता सिंह ने बगावत का बिगुल फूंकते हुए लोजपा (रामविलास) का हाथ थाम लिया।
यहीं से समीकरण बिगड़ने शुरू हो गए। स्वर्ण मतदाता (खास कर राजपूत समाज के वोट) दो फाड़ हो गए। एक हिस्सा भाजपा-जदयू गठबंधन से अलग होकर श्वेता सिंह के साथ चला गया जिससे जदयू को पराजय का मुंह देखना पड़ा।
महागठबंधन को मिला अप्रत्याशित लाभ
कानूनी प्रक्रिया झेल रहे पूर्व विधायक अरुण यादव की जगह महागठबंधन ने उनकी पत्नी किरण देवी पर दांव लगाया था। जनता ने भरोसा जताया और उन्हें ऐतिहासिक जीत दिलाई।
2015 में जहां अरुण यादव ने भाजपा के संजय सिंह टाइगर को 25,427 मतों से हराया था, वहीं 2020 में किरण देवी ने यह बढ़त दोगुनी से भी अधिक कर दी।
भोजपुर की तीन सीटों पर असर
चिराग पासवान की इस रणनीति का असर सिर्फ संदेश तक सीमित नहीं रहा। अगिआंव और जगदीशपुर सीटों पर भी जदयू को भारी नुकसान उठाना पड़ा। चिराग की जदयू विरोधी चाल ने भोजपुर में नीतीश कुमार की पार्टी की जमीन हिला दी।
राजनीतिक पंडितों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान ने अपने सीमित संगठन के बावजूद 2020 में बिहार की राजनीति में 'किंगमेकर' की भूमिका निभाई थी। संदेश विधानसभा की यह जीत उसकी सबसे बड़ी मिसाल मानी जाती है।
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