Bihar Teacher News: निगरानी ने बिहार के दो शिक्षकों पर की FIR, 300 से ज्यादा रडार पर; सामने आई ये बड़ी वजह
निगरानी ने फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले दो शिक्षकों के खिलाफ FIR की है। इनमें तरारी प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पनपुरा की प्रखंड नियोजित शिक्षिका कुमारी सुनीता और न्यू प्राथमिक विद्यालय अमावस टोला पंचायत कौरा जगदीशपुर के संजय चौधरी का नाम शामिल है। सुनीता ने मैट्रिक का फर्जी प्रमाण पत्र तो वहीं संजय चौधरी ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना का फर्जी प्रमाण पत्र लगाया था।
जागरण संवाददाता,आरा। भोजपुर जिले के तरारी और जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत दो शिक्षकों के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने फर्जी प्रमाण पत्र पर कार्य करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई है।
निगरानी के इंस्पेक्टर अरुण पासवान के द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार तरारी प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पनपुरा में तैनात प्रखंड नियोजित शिक्षिका कुमारी सुनीता और न्यू प्राथमिक विद्यालय अमावस टोला पंचायत कौरा, जगदीशपुर के संजय चौधरी पर प्राथमिक की दर्ज कराई गई है।
मैट्रिक का प्रमाण पत्र फर्जी
शिक्षिका कुमारी सुनीता पर आरोप है कि वर्ष 2006 में पंचायत शिक्षक के रूप में नियोजन के दौरान इन्होंने मैट्रिक का फर्जी प्रमाण पत्र लगाया था। इनका प्रमाण पत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग इलाहाबाद बोर्ड का था। जांच में वहां के बोर्ड ने लिखा कि इस प्रकार का कोई भी प्रमाण पत्र कुमारी सुनीता नाम के अभ्यर्थी को नहीं दिया गया है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना का फर्जी प्रमाण पत्र
दूसरी तरफ जगदीशपुर के न्यू प्राथमिक विद्यालय अमावस टोला पंचायत कौरा के संजय चौधरी के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्र देकर शिक्षक के रूप में नौकरी करने का मामला दर्ज कराया गया है।
इन पर आरोप है कि इन्होंने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर वर्ष 2007 में नियोजन कराया था। संजय चौधरी मूल रूप से उदवंतनगर के गजराजगंज थाना क्षेत्र में वामपाली के निवासी हरिहर चौधरी के पुत्र हैं।
निगरानी इंस्पेक्टर को मिले सबूत
दोनों के खिलाफ निगरानी के इंस्पेक्टर ने फर्जी प्रमाण पत्र का सबूत लगाते हुए लिखा है कि इस फर्जी षड्यंत्र में और कई अज्ञात लोग शामिल हैं, जिनके खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए। निगरानी की इस कार्रवाई के बाद फर्जी ढंग से कार्य करने वाले शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
अब तक सैकड़ों फर्जी प्रमाण पत्र वाले गुरुजी पर हो चुकी है प्राथमिकी
भोजपुर जिले में अब तक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले 400 से ज्यादा फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। इनमें से कई को हटाया जा चुका हैं और कई अभी भी ऊपरी न्यायालय से न्याय की गुहार लगाए हुए हैं।
मालूम हो जिले में 2000 के दशक में इस तरह के बड़े पैमाने पर अवैध लेने-देन कर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षकों की बहाली हुई थी, जिसका निगरानी जांच में खुलासा हो रहा है।
300 से ज्यादा फर्जी की आशंका वाले शिक्षकों के प्रमाण पत्र की चल रही जांच
निगरानी के द्वारा वर्तमान में लगभग 300 से ज्यादा फर्जी की आशंका वाले शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। इन सभी का फोल्डर शिक्षा विभाग के द्वारा पहले ही निगरानी को सौंपी गई थी।
इन सभी के जांच में निगरानी के पास जैसे ही फर्जी का प्रमाण आ रहा है इन पर कार्रवाई की जा रही है। जिले में भी सैकड़ों फर्जी शिक्षक निगरानी की रडार पर हैं।
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