Ara News: आरा के किसानों के सामने आई बड़ी समस्या, दफ्तर का चक्कर लगा-लगाकर हुए परेशान; अधिकारी नहीं बता रहे कारण
Ara News कार्यालयों में कर्मियों की मनमानी के कारण आरा के हजारों किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई मामलों में आवेदकों को महीनों से कार्य ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, अगिआंव (आरा)। Ara News: बिहार सरकार के निर्देश के बाद भी कार्यालयों मे कर्मियों की मनमानी के कारण आम लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग इस दफ़्तर से उस दफ़्तर चक्कर लगाने को मजबूर हैं। यहां अधिकारी व कर्मियों की लापरवाही के कारण इसका समुचित लाभ आवेदको को नहीं मिल पा रहा है। अंचल मे ऐसे कई मामले हैं, जिसमें किसी का काम चंद दिनों मे कर दिया गया है तो कोई महीनों से कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं।
अगिआंव मे ऐसे सैकड़ो आवेदक हैं, जिन्होंने दाखिल ख़ारिज के लिए आनलाइन आवेदन तो किया था, पर किसी कारण से रिजेक्ट हो गया। उसका नकल लेने के लिए लोग महीनों से चक्कर लगा रहे हैं। अहिले गांव निवासी प्रभावती देवी, कंचन देवी ने बताया की उनका दाखिल खारिज का आवेदन रिजेक्ट हो गया है।
उनसे रिजेक्ट कागजात का नकल देने के लिए क्लर्क नीरज कुमार द्वारा पैसा की मांग की जा रहा है। वही करबासीन गांव निवासी हरिशंकर सिंह ने बताया कि वे नजराना देने मे विश्वाश नहीं करते हैं, इसलिए उनका अभी तक नकल नहीं दिया गया। इस सम्बन्ध मे जानकारी लेने के लिए अंचलाधिकारी के मोबाइल नंबर 8544412479 पर संपर्क करने की कोशिश की गई। पर, उनसे संपर्क नहीं हो सका।
कैमूर में सब्जी की खेती के लिए 175 हेक्टेयर का लक्ष्य
कैमूर जिले के किसानों को सब्जी विकास योजना के अंतर्गत संकर प्रभेद गरमा के तहत सब्जी की खेती करने के लिए 175 हेक्टेयर का लक्ष्य मिला है। योजना के तहत खेती करने वाले किसानों को लागत खर्च पर 75 प्रतिशत का अनुदान भी मिलेगा। योजना का लाभ पाने के लिए किसानों से आनलाइन आवेदन लिए जा रहे है।
उद्यान विभाग किसानों को विभिन्न संचालित योजनाओं का लाभ देकर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में सकारात्मक पहल कर रहा है। जिसका सार्थक परिणाम भी जिले के किसानों मिल रहा है। इस संबंध में सहायक निदेशक उद्यान डा. अभय कुमार गौरव ने बताया कि जिले में सब्जी विकास योजना के तहत किसानों को संकर प्रभेद का बीज कदू, नेनुआ, करैला, भिंडी, मिर्च आदि का उपलब्ध कराया जाना है।
इन सब्जियों की खेती करने में आने वाली लागत खर्च पर किसानों को 75 प्रतिशत सहायता अनुदान दिया जाएगा। सहायक निदेशक ने कहा कि सभी प्रखांड क्षेत्रों में कुल 175 हेक्टेयर में संकर प्रभेद गरमा के तहत खेती की जानी है। इसके लिए किसानों से आवेदन विभागीय पोर्टल पर आनलाइन आमंत्रित किए जा रहे हैं।
6187 रुपये मिलेगा अनुदान
उन्होंने कहा कि कदू व नेनुआ की खेती करने पर 8250 रुपया की लागत खर्च निर्धारित है। जिस पर 6187 रुपये अनुदान देय होगा। जबकि करैला पर 17500 लागत खर्च आएगी। जिस पर 13125 रुपये अनुदान होगा। भिंडी पर 25000 रुपये लागत खर्च आएगा। जिस पर 18750 रुपये किसानों को अनुदान दिया जाएगा।
मिर्ची की खेती पर लागत खर्च 13500 रुपये है, जिस पर 10125 रुपये अनुदान मिलेगा। बता दें कि जिले में उद्यान विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ पाकर किसान अब परंपरागत खेती से हटकर फल, फूल, सब्जी की खेती के साथ आम, अमरूद व नारियल की खेती कर रहे हैं। जिले के किसान जिला स्तरीय, प्रमंडल व राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में फसलों का बेहतर उत्पादन करने में पुरस्कार प्राप्त कर जिले का मान पूरे राज्य में बढ़ा रहे हैं।

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