Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार में नॉर्थ ईस्‍ट एक्‍सप्रेस जैसे हादसे को दावत दे रहा यह पुल, 161 साल पुराने ब्रिज के नट-बोल्ट गायब; अधिकारी बने बैठे अंजान

    By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Fri, 13 Oct 2023 04:04 PM (IST)

    North East Express Accident कोईलवर नदी पर बना अब्दुल बारी रेल पुल अब बूढ़ा हो चुका है। यह 161 वर्ष पुराना पुल है। इस रेल पुल की हालत यह है कि अब इसके नट-बोल्ट खुलकर नीचे गिर रहे हैं। दैनिक जागरण की टीम ने गुरुवार को जब इसकी पड़ताल की तो दृश्य चौंकाने वाले थे। कई हिस्सों में नट-बोल्ट खुले मिले।

    Hero Image
    कोईलवर नदी पर बने इस रेल पुल के नट-बोल्ट गायब, अधिकारी बने बैठे अंजान

    नीरज कुमार, कोईलवर (भोजपुर)। कोईलवर नदी पर 161 वर्ष पुराना रेल सह सड़क पुल है। इसका नाम है अब्दुल बारी रेल पुल। यहां पटरियों को बांधकर रखने वाले नट-बोल्ट गायब हैं।

    खतरनाक स्थिति की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। प्रभाव अंतत: यात्रियों पर पड़ता है। बुधवार की रात रघुनाथपुर में नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। प्रथमदृष्ट्या ट्रैक में खामी का भी अनुमान लगाया जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालांकि, अंतिम जांच रिपोर्ट के बाद ही निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा, पर कोईलवर पुल से गुजरने वाली ट्रेनों की सुरक्षा पर पटरियां प्रश्न खड़े कर रही हैं। यह आम जन भी बोल रहे हैं।

    कई हिस्सों में नट-बोल्ट खुले मिले

    दैनिक जागरण की टीम ने गुरुवार को जब इसकी पड़ताल की तो दृश्य चौंकाने वाले थे। देखरेख के अभाव में पुल पर लगे नट-बोल्ट खुलकर गिर रहे हैं। कई हिस्सों में नट-बोल्ट खुले मिले। कोईलवर में सोन नदी पर ऐतिहासिक रेल पुल है।

    यह हावड़ा-दिल्ली मेन लाइन को जोड़ता है। बूढ़ा हो चुका यह पुल अभी तक भार सह रहा है। इस पर बिछाई गई लोहे की चादरें जर्जर हो चुकी हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पुल से बड़े-बड़े लोहे के नट-बोल्ट खुल कर नीचे गिर रहे हैं, इस पुल के ठीक नीचे बनी सड़क से आने-जाने वाले राहगीर जख्मी हो रहे हैं।

    वजनी बोल्ट ने कंधे को किया जख्मी

    परेव के सोनू कुमार ने बताया कि पिछले दिनों पुल के सड़क मार्ग से घर लौट रहे थे, तभी बाएं कंधे पर वजनी बोल्ट ऊपर से गिर गया, इसका जख्म आज भी है। कई जगहों पर प्लेट को जोड़ने वाली जगह पर नट खुल कर नीचे गिरे दिखे। यही नट स्लीपर और ट्रैक को मजबूती से बांधे रहते हैं।

    ध्यान से देखने पर पता चला कि लंबे समय से नट-बोल्ट बदले नहीं गए और ट्रेन गुजरने के दौरान नट का गुणा कट जाने से बोल्ट ढीले होकर निकल रहे हैं। पुल के कोईलवर रेलवे स्टेशन की ओर से डाउन रेल लाइन पर पोल संख्या 578/2 से 587/26 तक 170 नट-बोल्ट खुले मिले।

    इससे स्थिति का सहज अंदाज लगाया जा सकता है। वहीं, दर्जनों नट-बोल्ट ऐसे थे जो कब खुल गिर जाएंगे, कहा नहीं जा सकता। एक कर्मचारी से बात हुई तो अपनी पहचान छिपाते हुए उन्होंने बताया कि पूरे पुल की यही स्थिति है। इससे अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है, लेकिन इसे बदलने की अभी तक कोई पहल नहीं की गई है।

    उनका कहना था कि हुक और क्लिट बोल्ट ढीला हो जाता है, नशेड़ी उसे खोल कर ले जाते हैं और कबाड़ में बेच देते हैं। 1440 मीटर लंबे पुल के अप और डाउन रेल लाइन को इधर-उधर खिसकने से रोकने के लिए क्लिट बोल्ट लगाए जाते हैं।

    धनडीहा के निवासी छोटे ने बताया कि ट्रेन के गुजरने के समय अक्सर नट-बोल्ट खुलकर गिरते हैं। इससे नीचे सड़क पुल पर चल रहे राहगीर जख्मी भी होते रहते हैं। इधर से गुजर रहे स्थानीय नागरिक अब्दुल कयूम ने कहा कि इसकी मरम्मत को लेकर सतर्कता नहीं बरती गई तो अनहोनी की संभावना है।

    स्थानीय राजकुमार ठाकुर कहते हैं कि यहां पुलिस बल की तैनाती की जानी चाहिए, ताकि नट-बोल्ट चोरी होने से भी बचाया जा सके। इस संबंध में सक्षम पदाधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया, पर रेल दुर्घटना के बाद राहत कार्य में व्यस्तता बताते हुए कुछ बता पाने में असमर्थता व्यक्त की।

    ये भी पढ़ें -

    तो कहां सुरक्षित हैं लड़कियां? बिहार में चचेरा भाई बहन के साथ करता रहा अश्लील हरकतें, अब जाकर पीड़िता ने तोड़ी चुप्पी

    जर्मनी के बाद इस जिले में बनती है नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के कोचों हटाने वाली क्रेन, 75 दिन में होती है तैयार