Move to Jagran APP

...आखिर कहलगांव का विक्रमशिला महाविहार अब तक उपेक्षित क्यों है

अभी तक मात्र एक हिस्से की ही खुदाई हुई है जबकि विक्रमशिला कई किलोमीटर के दायरे में फैला था। यही नहीं विक्रमशिला का प्रमुख केंद्र जंगलेश्वर टीला की खुदाई भी आज तक नही हो पाई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 11:53 AM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 11:53 AM (IST)
...आखिर कहलगांव का विक्रमशिला महाविहार अब तक उपेक्षित क्यों है
...आखिर कहलगांव का विक्रमशिला महाविहार अब तक उपेक्षित क्यों है

भागलपुर [विजय कुमार विजय]। प्राचीनकाल में 400 वर्षो तक लगातार अंतराष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाली भारत की ऐतिहासिक धरोहर विक्रमशिला महाविहार आज सरकारी उपेक्षा उपेक्षा का शिकार बना है। पूर्व मुख्यमंत्री सह क्षेत्र के सांसद रहे भागवत झा आजाद के प्रयास से कुछ उद्धार हुआ था। पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग द्वारा कुछ खुदाई कराई गई थी। उसके बाद से आज तक उत्खनन बंद पड़ा है। इस ओर किसी जनप्रतिनिधियों और केंद्र एवं राज्य सरकार का ध्यान नहीं गया। विक्रमशिला की उपेक्षा पर स्थानीय लोगों मे जनप्रतिनिधियों और सरकार के प्रति काफी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि नालन्दा विकसित हो चुका है। पर, विक्रमशिला उपेक्षित पड़ा हुआ है।

loksabha election banner

अभी तक मात्र एक हिस्से की हुई है खुदाई

अभी तक मात्र एक हिस्से की ही खुदाई हुई है जबकि विक्रमशिला कई किलोमीटर के दायरे में फैला था। यही नहीं विक्रमशिला का प्रमुख केंद्र जंगलेश्वर टीला की खुदाई भी आज तक नही हो पाई है। जबकि इसे विक्रमशिला का खजाना कहा जाता है। स्थानीय लोग लगातार इसकी सम्पूर्ण खुदाई और विकास की मांग लगातार करते आ रहें हैं।

40 वर्षों से संघर्ष कर रही विक्रमशिला नागरिक विकास समिति

विक्रमशिला नागरिक विकास समिति कई वर्षों से विक्रमशिला को बौद्ध सर्किट से जोडऩे, पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, विक्रमशिला को पुनर्जीवित करने एवं विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने की मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करती रही है। अनेकों बार बिहार के कई सांसदों और विधायकों तथा मंत्रियों से मिलकर समिति के लोग गुहार लगा चुके हैं। परंतु इस राष्ट्रीय धरोहर की ओर किसी ने ध्यान नही दिया। राज्य सरकार की ओर से यहां विक्रमशिला महोत्सव का आयोजन बीच-बीच में किया जाता है। महोत्सव में शामिल होने वाले मंत्री, सांसद और विधायक यहां के विकास की घोषणा मंच से तो कर देते हैं। पर महोत्सव समाप्ति के बाद सबकुछ भूल जाते हैं।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी कही थी विकास की बातें

विक्रमशिला महाविहार के निकट पर्यटन विकास के लिए करीब 10 एकड़ जमीन अर्जित की गई है, जिस पर लोग फसल उपजा रहे हैं। यहां पर्यटकों को ठहरने एवं अन्य कोई भी सुविधाएं नही हैं। चार अप्रैल 17 को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आये थे। उन्होंने यहां के विकास की बातें कही थी। तीन साल पहले प्रधानमंत्री ने विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी। 500 करोड़ रुपये फंड भी आवंटित किया गया था। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आज तक प्रारम्भ नहीं हो सकी। मामला अधर में लटका हुआ है। विक्रमशिला के विकास के लिए विक्रमशिला मीडिया ग्रुप बौद्धिक अभियान चला रहा है। वेब पोर्टल का निर्माण किया है। राष्ट्रीय सेमिनार किया है। अब अंतराष्ट्रीय सेमिनार की योजना है।

-------------------

विक्रमशिला हमारी पंचायत में है। हम सौभाग्यशाली हैं। लेकिन आजतक इस ऐतिहासिक धरोहर का उद्धार नहीं हुआ। हमलोग लगातार यहां के विकास के लिए आंदोलन कर रहे हैं।

ललिता देवी, मुखिया, अंतीचक पंचायत

-------------------

इस राष्ट्रीय धरोहर के विकास की ओर किसी का ध्यान नही है। सिर्फ चुनाव के वक्त नेताओं का ध्यान जाता है। चुनाव के बाद भूल जाते हैं।

त्रिभुवन शेखर झा उर्फ बाबू झा, मुखिया, ओरियप पंचायत

-------------------

विक्रमशिला सिर्फ विश्व की धरोहर है। इसकी सम्पूर्ण खुदाई अभी तक नहीं हो पाई है। यह काफी दुखद है। नालन्दा विकसित हो चुका है। विक्रमशिला उपेक्षित पड़ा हुआ है।

अशोक खेमका

-------------------

विक्रमशिला की उपेक्षा अब बर्दास्त नहीं की जाएगी। इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण ही विकास नहीं हुआ है।

भोला प्रसाद साह

-------------------

विक्रमशिला की सम्पूर्ण खुदाई होनी चाहिए। बौद्ध सर्किट से जोड़ कर इसका विकास करना चाहिए। यह ऐतिहासिक धरोहर उपेक्षित पड़ा हुआ है। इसके लिए दोषी जनप्रतिनिधि हैं।

धीरेंद्र प्रसाद सिंह

------------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.