एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) तय करेगा कि भागलपुर में नया हवाई अड्डा कहां बनेगा। जिला प्रशासन ने नए हवाई अड्डे के निर्माण का प्रस्ताव AAI को भेज दिया है। प्री-फिजिबिलिटी स्टडी के लिए AAI की टीम कभी भी आ सकती है। सुल्तानगंज और गोराडीह में जमीन का अध्ययन किया जाएगा। रिपोर्ट मिलने के बाद जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। हवाई अड्डे का निर्माण कहां होगा, यह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Airport Authority Of India) तय करेगा। जिलाधिकारी ने नए हवाई अड्डे के निर्माण का प्रस्ताव एएआई को भेज दिया है। अब प्री-फिजिबिलिटी स्टडी के लिए एएआई की टीम कभी भी आ सकती है।
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जिले में प्रस्तावित हवाई अड्डा निर्माण के लिए चिह्नित भूमि की व्यवहार्यता अध्ययन के पूर्व 11 बिंदुओं पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई थी। सभी संबंधित विभागों से रिपोर्ट एकत्रित कर वायुयान संगठन निदेशालय मंत्रीमंडल सचिवालय विभाग हवाई अड्डा के निदेशक डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे को भेजी गई है।
सुल्तानगंज और गोराडीह में होगा जमीन का अध्ययन
रिपोर्ट गोराडीह और अजगैवीनाथ धाम दोनों की जमीन की भेजा गई है। जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को अब मंतव्य के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नई दिल्ली स्थित चेयरमैन को भेजा जाएगा। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद एएआई की टीम आएगी और सुल्तानगंज में 855 एकड़ व गोराडीह में 660.57 एकड़ जमीन का अध्ययन करेगी।
रिपोर्ट मिलने के बाद होगा जमीन का अधिग्रहण
इसके बाद यह तय हो जाएगा कि गोराडीह में हवाई अड्डा का निर्माण होगा या फिर अजगैवीनाथ धाम में। एएआई द्वारा तय की जमीन की रिपोर्ट मिलने के बाद जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। अधिग्रहित जमीन एएआई को मिलने के बाद केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट का निर्माण कराया जाएगा। पहले राजगीर की जमीन देखने एएआई की टीम आएगी और इसके बाद भागलपुर की बारी है।
अगले महीने भागलपुर आ सकती है AAI की टीम
माना जा रहा है कि अगले माह एएआई की टीम भागलपुर जमीन देखने आ सकती है। जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित भूमि पर नहर, सड़क, हाईटेशन लाइन से संबंधित नजरी नक्शा, हाईटेंशन लाइन की ऊंचाई, मिट्टी के प्रकार, आईएमडी से प्राप्त तापमान का आंकड़ा, समुद्र तल से ऊंचाई, ड्रैनेज लेआउट प्लान भेजा गया है।
मौसम विभाग और कृषि विभाग से मांगी रिपोर्ट
लघु सिंचाई विभाग ने डैनेज लेआउट का प्लान तैयार किया है। भवन प्रमंडल द्वारा समुद्र तल से ऊंचाई की रिपोर्ट बनाई है। बिजली विभाग की ओर से बिजली से संबंधित रिपोर्ट तैयार किया गया है। मौसम से संबंधित जानकारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय से मंगाकर तैयार किया गया है। मिट्टी से संबंधित रिपोर्ट कृषि विभाग की ओर से तैयार किया गया है।
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