Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mahashivratri 2025 Date: कब है महाशिवरात्रि, किस समय करें महादेव की पूजा? यहां जानें शुभ मुहूर्त

    Updated: Mon, 17 Feb 2025 03:06 PM (IST)

    महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिव और शक्ति की मिलन की रात है। आध्यात्मिक रूप से इसे प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात के रूप में बताया गया है। शिव भक्त इस दिन व्रत रखकर अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

    Hero Image
    कब है महाशिवरात्रि, किस समय करें महादेव की पूजा?

    संवाद सूत्र, भागलपुर। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि 26 फरवरी बुधवार को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि को लेकर शिवालयों में रंग-रोगन किया जा रहा है। शहर में जगह-जगह तैयारी हो रही है। उस दिन बाबा भोलेनाथ का विशेष शृंगार सहित अभिषेक और पूजा अर्चना की जाएगी। साथ ही वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह की रस्म होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विशेष संयोग: तिलका मांझी महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा ने बताया कि इस दिन कई शुभयोग बन रहे हैं। यह तिथि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि दिन में 9:31 बजे तक है। इसके बाद चतुर्दशी का प्रवेश हो जाएगा, क्योंकि महाशिवरात्रि चतुर्दशी के दिन ही होती है जो दूसरे दिन 27 फरवरी को गुरुवार के दिन प्रातः 8: 22 मिनट तक रहेगी।

    इस दिन परिघ योग और शिव योग बन रहा है। साथ ही इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा जो दूसरे दिन 3:44 तक रहेगा। चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेगा।

    मनोकामना होती पूर्ण: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए है, क्योंकि यह शिव और शक्ति की मिलन की रात है। आध्यात्मिक रूप से इसे प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात के रूप में बताया गया है। शिव भक्त इस दिन व्रत रखकर अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

    मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम दिन भर चलता है। खासकर बाबा बूढ़ानाथ महादेव, शिवशक्ति मंदिर आदमपुर, मनसकामना नाथ सहित अन्य मंदिरों में दिन भर लोग पूजा करते हैं। कुंवारी लड़की के व्रत करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

    किसी भी समय पूजा कल्याणकारी:

    हर चंद्रमास का 14 वां दिन अथवा अमावस्या से पूर्व का एक दिन शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस रात ग्रह का उत्तरी गोलार्ध इस प्रकार अवस्थित होता है कि मनुष्य के भीतर ऊर्जा का प्राकृतिक रूप से ऊपर की ओर जाती है। यह एक ऐसा दिन है, जब प्रकृति मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में मदद करती है। इस समय का उपयोग करने के लिए, इस परंपरा में उत्सव मनाते हैं, जो पूरी रात चलता है।

    महाशिवरात्रि का उत्सव पूरी रात मनाया जाता है। साधकों के लिए बहुत महत्व रखती है। यह उनके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है जो पारिवारिक परिस्थितियों में है और संसार की महत्वाकांक्षाओं में मग्न हैं।

    पारिवारिक परिस्थितयों में मगन लोग महाशिवरात्रि को शिव के विवाह के उत्सव की तरह मनाते हैं। उस दिन शिवजी की पूजा किसी समय में कल्याणकारी है।

    महाशिवरात्रि के दिन पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। अगर कन्या का विवाह काफी समय न हो रहा हो या किसी भी तरह की बाधा आ रही हो तो उसे महाशिवरात्रि का व्रत करना चाहिए।

    महाशिवरात्रि बुधवार को

    • निशित काल: 26 फरवरी की रात 12:6 मिनट से 12:55 मिनट तक
    • प्रथम प्रहरः 26 फरवरी की शाम 06:27 मिनट से 09:29 मिनट तक
    • द्वितीय प्रहरः 26 फरवरी की रात 9:29 मिनट से 12:31 मिनट तक
    • तृतीय प्रहरः 26 फरवरी की रात 12:31 मिनट से 03:32 मिनट तक
    • चतुर्थ प्रहरः 27 फरवरी की सुबह 03:32 मिनट से सुबह 06:34 तक

    ये भी पढ़ें- Masik Krishna Janmashtami की पूजा इस चालीसा के बिना है अधूरी, पाठ करने से सभी कष्ट होंगे दूर

    ये भी पढ़ें- Vijaya Ekadashi 2025: इन चीजों को खाने से विष्णु जी हो सकते हैं नाराज, जानें विजया एकादशी व्रत में क्या खाएं?