Bihar Flood News: गंगा-बूढ़ी गंडक नदी ने बरपाया कहर, इन जिलों के कई गांव हुए जलमग्न
भागलपुर सहित बिहार के कई जिलों में गंगा और बूढ़ी गंडक नदी में आई बाढ़ से हाहाकार मचा है। खगड़िया कटिहार भागलपुर और मुंगेर के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। भागलपुर में एनएच 80 पर पानी चढ़ने से मार्ग बंद कर दिया गया है। खगड़िया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे 17 पंचायतें प्रभावित हैं।

जागरण टीम, भागलपुर। गंगा और बूढ़ी गंडक उफान पर हैं। दोनों नदियों में आई बाढ़ से खगड़िया, कटिहार, भागलपुर और मुंगेर में सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं। शहर में भी पानी फैल गया है। भागलपुर में एनएच 80 पर ढाई से तीन फीट तक गंगा का पानी चढ़ जाने से अकबरनगर-भागलपुर मुख्य मार्ग पर आवागमन रोक लगा दी गई है। कहलगांव में तोफिल अनठावन गांव जलमग्न हो गया है। नाथनगर में बाढ़ का पानी बुनकरों के कारखानों में घुस गया है, जिससे कामकाज ठप है।
बाढ़ की वजह से कारीगरों का काम ठप (फोटो जागरण)
गंगा खगड़िया के खारा धार जलद्वार के पास खतरे के निशान से दो मीटर चार सेंटीमीटर ऊपर बह रही है और उच्चतम जलस्तर से मात्र 23 सेंटीमीटर नीचे है। बूढ़ी गंडक खगड़िया एनएच-31 ब्रिज (अघोरी स्थान) के पास खतरे के निशान से एक मीटर 73 सेंटीमीटर ऊपर है। जिले की 17 पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं।
गांवों में भरा पानी (फोटो जागरण)
बाढ़ प्रभावितों ने किया चक्का जाम
खगड़िया नगर परिषद के दो वार्ड और गोगरी नगर परिषद का कुछ हिस्सा भी बाढ़ की चपेट में है। खगड़िया शहर स्थित बापू मध्य विद्यालय में सामुदायिक रसोई शुरू की गई है। जिले के कुल 32 स्कूल बाढ़ के कारण बंद कर दिए गए हैं।
शनिवार को सदर प्रखंड की उत्तरी रहीमपुर पंचायत के बाढ़ पीड़ितों ने एनएच-31 को रहीमपुर ढाला के पास जाम कर दिया। वे पंचायत को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करते हुए राहत प्रदान करने की मांग कर रहे थे। सूचना पर अधिकारी पहुंचे और जाम हटाया। खगड़िया एसडीओ धनंजय कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए सूखा राशन की व्यवस्था की गई है और दो स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं।
कटिहार में ऊंचे स्थान पर भाग रहे लोग
कटिहार जिले के तीन प्रखंड बाढ़ की चपेट में है। लोग उंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं। अमदाबाद प्रखंड में 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 16 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। यहां भी दर्जन भर गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। कुरसेला में गंगा और कोसी का संगम होता है। इस कारण कोसी का भी जलस्तर बढ़ रहा है। जिले के कुरसेला, बारारी, मनिहारी तथा अमदाबाद के दियरा एवं निचले भागों की 20 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं।
बाढ़ की वजह से आवागमन बाधित (फोटो जागरण)
मुंगेर में गंगा का जलस्तर शुक्रवार की देर रात से धीमी गति से बढ़ रहा है। हर घंटे हाफ सेंटीमीटर से बढ़ने का रिकार्ड दर्ज किया गया है। यहां गंगा खतरे के निशान से 45 सेंटीमीटर ऊपर है। जिले के 22 गांव में पानी फैल गया है। साथ ही मुंगेर नगर निगम क्षेत्र के चार वार्ड भी बाढ़ से प्रभावित हैं।
फंसे लोगों को सुरक्षित नाव से ले जाते कर्मचारी (फोटो जागरण)
लाल दरवाजा चंडिका स्थान में चार से पांच फीट तक पानी जमा है। प्रशासन की ओर से दियारा में फंसे लोगों को सुरक्षित नाव से लाया जा रहा है। बबुआ घाट और केसी सुरेंद्र पार्क में अस्थाई बसेरा बनाया गया है। सदर और बरियारपुर प्रखंड में 38 जगह पर शरण स्थली और 13 जगह सामुदायिक रसोई शुरू की गई है।
कोसी ने भी दिखाया प्रकोप
इधर, सुपौल में कोसी नदी में बीते एक सप्ताह से पानी बढ़ने एवं घटने के कारण कोसी तटबंध के अंदर दुबियाही पंचायत के वार्ड नंबर सात एवं आठ में कटाव तेज हो गया है। यहां से अब तक 40 से अधिक परिवार अपने घरों को तोड़कर विभिन्न जगहों पर पलायन कर चुके हैं। मधेपुरा में कोस में आई बाढ़ नए इलाकों में फैल रहा है। यहां 11 पंचायत बाढ़ से घिर गए हैं। 50 हजार की आबादी प्रभावित है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।