भागलपुर में 20 दिनों से ओ-ग्रास सिस्टम ठप, रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के काम अटके; उपभोक्ता परेशान
भागलपुर में जीएसटी दर घटने के बाद भी ऑटोमोबाइल सेक्टर में ग्राहकों को लाभ नहीं मिल रहा है। ओग्रास प्रणाली के ठप होने से गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन अटका है जिससे लगभग 600 गाड़ियां अटकी हुई हैं। ड्राइविंग लाइसेंस और ट्रैफिक चालान भी प्रभावित हैं जिससे लोग परेशान हैं। जिला परिवहन विभाग ने छोटे टैक्स के लिए ऑफलाइन व्यवस्था शुरू की है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जीएसटी दर घटने के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर में गाड़ियों के दाम तो कम हो गए, लेकिन उपभोक्ताओं को अभी तक उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जिले में गाड़ियों की बुकिंग तो हो रही है, मगर रजिस्ट्रेशन की समस्या के कारण उनकी डिलीवरी नहीं हो पा रही है। पिछले 20 दिनों से ऑनलाइन सरकारी रसीद लेखा प्रणाली (ओग्रास) के ठप पड़े होने से यह समस्या आई है।
उसकी वजह से गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन और नए ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी तरह प्रभावित हो गई है। यानी हम यह कह सकते हैं कि बिहार सरकार जितने प्रकार की भी टैक्स लेती है वह प्रक्रिया पूरी तरह से बंद है।
जिला परिवहन कार्यालय के मुताबिक अब तक करीब 600 से अधिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन अधूरा है। इस समस्या के कारण न तो लर्निंग लाइसेंस के चालान कट रहे हैं और ना ही स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई किया जा रहा है।
इसके अलावा जिन व्यक्तियों के ट्रैफिक चालान काटे गए हैं वह भी अपना चालान जमा नहीं कर पा रहे हैं। इसे लेकर लगातार उपभोक्ता परिवहन विभाग के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है। क्योंकि सिस्टम ऊपर से ही फेल है।
इस मामले में जिला परिवहन विभाग की तीन दिन पहले हुई विभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग में मुख्यालय ने एक सप्ताह में समस्या दूर करने का आश्वासन दिया है।
डीलर्स सिर्फ ले रहे बुकिंग, नहीं दे रहे डिलीवरी
ओ ग्रास सिस्टम फेल होने की वजह से शहर की ऑटोमोबाइल एजेंसियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। महिंद्र ऑटोमोबाइल्स के एजेंसी संचालक हर्षित संथालिया ने बताया कि नियमों के तहत बिना रजिस्ट्रेशन नंबर गाड़ी सड़क पर नहीं उतारी जा सकती।
इस कारण लगभग 100 गाड़ियों की डिलीवरी अटकी हुई है। वहीं, टू व्हीलर एजेंसी के संचालक अभिषेक ने बताया कि परिवहन विभाग में नए 45 वाहनों का रजिस्ट्रेशन रुका हुआ है। फिलहाल पिछले 20 दिनों से सिर्फ बुकिंग ली जा रही है पर डिलीवरी नहीं दे पा रहे हैं। इससे ग्राहकों में भी और असंतोष की भावना पनप रही है।
क्या है बिहार सरकार का ओ ग्रास
ऑनलाइन सरकारी रसीद लेखा प्रणाली (ओ ग्रास) बिहार सरकार का एक ऑनलाइन पोर्टल है। वह टैक्स और गैर राजस्व को इकट्ठा करने के लिए एक संग्रहित प्लेटफार्म है। इसका संचालन वित्त विभाग द्वारा किया जाता है। सिस्टम की ऑपरेशनल जिम्मेदारी टीसीएस को दी गई है।
इसके ठप पड़ने से हालात बिगड़ गए हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक आनलाइन प्रणाली बंद रहने से न केवल आम जनता परेशान है, बल्कि सरकार को भी बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है। जिन सेवाओं के लिए लोगों को भुगतान करना होता है, वे सभी कार्य प्रभावित हो गए हैं।
जिला परिवहन विभाग ने छोटे टैक्स जमा करने के लिए शुरू की है ऑफलाइन व्यवस्था
वहीं, जिला परिवहन विभाग द्वारा लंबे समय से ओ ग्रास सिस्टम फेल होने की वजह से छोटे टैक्स धारी के लिए जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, लर्निंग लाइसेंस, या अति आवश्यक टैक्स जमा करने के लिए ऑफलाइन व्यवस्था शुरू की गई है।
जिला परिवहन पदाधिकारी जनार्दन कुमार ने बताया कि लोगों की समस्याओं को देखते हुए यह व्यवस्था शुरू की गई है। ताकि सरकार को कुछ राजस्व प्राप्त होना जारी रहे। हालांकि, बड़ी राशियों की जो टैक्स जमा होती है, उसके लिए यह सुविधा नहीं है।
उन्होंने निर्देश दिया है कि इससे जो राशि आएगी वह फिलहाल जिला परिवहन विभाग के खाते में जमा होगी। ओ ग्रास सिस्टम शुरू होने के बाद उस राशि को पुनः सरकार के खाते में डाल दिया जाएगा।
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