Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तिमांविवि : डीएन सिंह कॉलेज कनीय शिक्षक को बना दिया प्रभारी प्राचार्य, मामले ने प‍कड़ा तूल तो होने लगी जांच

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 31 May 2022 04:53 PM (IST)

    TMBU डीएन सिंह कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य का मामला तूल पकड़ लिया है। इसकी शिकायत कुलपति से की है। आरोप है कि वीरयता क्रम की अनदेखी की गई है। विवि ने जो वीरयता क्रम की रिपोर्ट जारी की है उसी के आधार पर प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति हो।

    Hero Image
    तिमांविवि : डीएन सिंह कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य मामले में विवाद।

    संवाद सूत्र, रजौन (बांका)। डीएन सिंह डिग्री महाविद्यालय रजौन में कनीय शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाने का मामला तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर वरीयतम शिक्षक डीएन सिंह महाविद्यालय संस्कृत विभाग के अशोक प्रसाद सिंह ने कुलपति को आवेदन इसकी शिकायत की है। अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि वर्तमान सचिव कालेज में पिछले 14 वर्षों से महाविद्यालय शासी निकाय के सदस्य हैं और वर्तमान प्रभारी प्राचार्य सीनेट के सदस्य हैं। कालेज कर्मी के आवेदन को ठंडे बस्ते में डालने का भी आरोप लगाया है। वर्तमान समय में कालेज सेवा आयोग से अनुशंसित विश्वविद्यालय से अनुमोदित 31 दिसंबर 1997 नियुक्ति की प्रभावी तिथि वाले पांच शिक्षक हैं। यह शिक्षक स्वयं अपनी विधिवत नियुक्ति योगदान के अनुसार छह जनवरी 1998 मानते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, विश्व विद्यालय चयन समिति से अनुशंसित विश्वविद्यालय से अनुमोदित स्वीकृत पद पर कार्यरत तीन अक्टूबर 1983 से पांच जनवरी 1990 के बीच इनकी संख्या आठ है। पूर्व प्राचार्य की सेवानिवृत्ति 2017 में हुई है। सेवानिवृत्ति के बाद कालेज सेवा आयोग से अनुशंसित शिक्षकों के नियुक्ति की प्रभावी तिथि 1997 से बदलकर 1981 कर प्रभारी बनाने का आरोप लगाया है। आवेदन में 25 मई 2022 तक वरीयतम शिक्षक को प्रभारी बनाने की मांग की है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर प्रभारी प्रो प्राचार्य जीवन प्रसाद सिंह ने बताया कि मेरी नियुक्ति तिथि 20 जुलाई 81 ई है। जबकि अशोक सिंह की चार अक्टूबर 1983 है। इसकी सत्यता की जांच वेतन भुगतान पंजी के आधार पर किया जा सकता है।

    मामले की जांच करने मंगलवार को रजौन राजस्‍व अधिकारी डीएन सिंह कॉलेज पहुंचे। उन्‍होंने संबंधित पक्षों से बात की। अशोक प्रसाद सिंह से उन्‍होंने कहा कि आप पांच दिन और रुके। मामले की जांच कराई जा रही है। उन्‍होंने उनके सामने तिमांविवि के कुलसचिव डा निरंजन यादव से बात की। उन्‍हें इसकी सारी जानकारी दी। अशोक प्रसाद सिंह ने राजस्‍व अधिकारी से कहा कि वरीयता सूची के आधार पर प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति की जाए। विवि ने वरीयता सूची की रिपोर्ट जारी की है। इसी के आधार पर प्रभारी प्राचार्य की नियुक्‍ति‍ हो। इस सूची के अनुसार अशोक प्रसाद सिंह वरीयता में प्रथम स्‍थान पर हैं।