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    Ghatora Wetland: मिनी चिलिका झील बनी भागलपुर की ये जगह, 12 देशों के पक्षियों का है बसेरा 

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 04:27 PM (IST)

    भागलपुर का घटोरा वेटलैंड मिनी चिलिका झील के रूप में उभरा है, जो 12 देशों के पक्षियों का बसेरा बन गया है। यह क्षेत्र प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपू ...और पढ़ें

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    सोनवर्षा घटोरा वैटलेंड का दौरा करते पर्यावरणविद्। फोटो जागरण

    मिथिलेश कुमार, बिहपुर। प्रखंड का सोनवर्षा घटोरा वैटलेंड समेत गंगा दियारा में इन दिनों यूरोपियन व मध्य एशिया समेत करीब 12 देशों के पक्षियों का बसेरा बना हुआ है। वहीं, बिहार एशियन जल पक्षी गणना समन्यक/एडब्लूसी दीपक कुमार झून्नू लगातार यहां पहुंचकर किसानों व ग्रामीणों को पक्षियों के संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

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    बीते दिनों घटोरा पहुंचे श्री झुन्नु द्वारा ग्रामीणों व किसानों को क्षेत्रीय अंगिका भाषा में बात कर उन्हें बताया गया कि पक्षी हमारे व पर्यावरण के लिए क्यों जरूरी है। यहां आने वाले देसी व विदेशी पक्षी जलीय वनस्पति को बड़े चाव से खाते हैं। जबकि इस महीने में यहां होने वाली गेंहू व सरसों की बुआई के निकलने वाले पौधे का उपरी सिरा खाते हैं।जो किसानों के खेती के लिए काफी फायदेमंद हो जाता है।

    श्री दीपक ने कहा कि उपरी खाने के बाद उक्त पौधे चार नए सिरा और निकलता है।वहीं इन पक्षियों का मल भी खेतों की उर्वरा के लिए काफी सहायक होते हैं।

    बता दें कि गौरीपुर से सोनवर्षा के बीच स्थित करीब1,120 एकड़ क्षेत्र घटोरा वेटलैंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त रामसर स्थलों में शामिल किए जाने की पूरी संभावना है। बिहपुर दक्षिण/सोनवर्षा पंचायत की मुखिया नीनारानी व अजय उर्फ लाली कुंवर बताते हैं कि पक्षी प्रेमियों,एशियाई जलपक्षी जनगणना टीम व वन विभाग के वरीय अधिकारियों के यहां पहुंचने व उनके द्वारा मिले फीडबैक के बाद से यह संभावना और बढ़ गई है।

    एडब्लूसी दीपक कुमार झून्नू बताते हैं कि बीते नौ दिसंबर को यहां यूरोपियन व मध्य एशिया समेत करीब 12 देशों चीन,मंगोलिया, तजाकिस्तान,कजाकिस्तान,अजरबैजान व साईबेरिया के पक्षी कुल 46 प्रजातियों के पक्षी मिले।जबकि कुछ वर्षों में साइबेरियाई समेत 80 प्रतिशत प्रवासी व 20प्रतिशत देसी पक्षियों दोनों के लिए लगभग पांच महीने का पसंदीदा शीतकालीन बसेरा बन गया है।

    पक्षी प्रेमियों ने साइबेरियाई पक्षियों और हंसों की कई प्रजातियों सहित 65-70 पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया है।यह क्षेत्र जैव विविधता, जलपक्षी,परिस्थिति संतुलन और टिकाऊ आजीविका को संरक्षित रखने के साथ-साथ ये प्रवासी प्रजातियों और अद्वितीय पारिस्थितिक तंत्रों के लिए काफी मुफीद है।

    घटोरा को पक्षीविदों ने मिनी चिलिका झील का दिया नाम

    बीते दिनों कई पक्षीविद और वन विभाग के वरीय अधिकारी यहां पहुंचने के बाद घटोरा वेटलैंड को उड़ीसा की विश्व प्रसिद्ध चिलिका झील की तरह समानता दिखने के कारण इसे 'मिनी चिलिका झील' का नाम दे दिया है।यह जानकारी देते हुए एडब्लूसी दीपक कुमार बताते हैं कि घटोरा वेटलैंड साइबेरियन पक्षियों को आकर्षित करती है।

    जो अपने भीषण ठंड के लिए जाना जाता है, जहां औसत तापमान करीब माईनस 25°सी तक रहता है।जिस कारण वहां उस मौसम में कई पक्षी प्रजातियों के लिए जीवित रहना मुश्किल हो जाता है।