SM College Bhagalpur: छात्राओं के ड्रेस कोड पर मचा बवाल, रोड पर उतरे छात्र संगठन, प्राचार्य को हटाने की मांग
SM College Bhagalpur छात्राओं के ड्रेस कोड को लेकर बवाल शुरू हो गया है। विभिन्न छात्र संगठनों ने इसको लेकर विरोध शुरू कर दिया है। कुछ छात्र संगठनों ने प्राचार्य को हटाने तक की मांग की है। दरअसल ड्रेस कोड...!

जागरण संवाददाता, भागलपुर। एसएम कालेज में इंटर की छात्राओं को खुले बाल में प्रवेश नहीं दिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। छात्र संगठनों ने इस आदेश को तानाशाही बताते हुए विरोध शुरू कर दिया है। उन्होंने एसएम कालेज प्राचार्य को हटाने की मांग करते हुए कालेज का प्रभार महिला शिक्षिका को देने की मांग की है।
बता दें कि एसएम कालेज द्वारा दो दिन पूर्व इंटर के नए बैच की छात्राओं के लिए डे्रस कोड लागू किया गया है। ड्रेस कोड के साथ कालेज ने निर्देश जारी किया कि छात्राएं एक या दो चोटी में ही आ सकती हैं। अन्यथा छात्राएं कालेज में प्रवेश नहीं कर सकेंगी।
-एसएम कालेज प्राचार्य के खिलाफ छात्र संगठनों ने खोला मोर्चा
- छात्राओं को खुले बाल में कालेज में दाखिल नहीं होने देने के निर्देश पर भड़का है आक्रोश
- पुरुष प्राचार्य को हटाकर महिला शिक्षक को प्रभार देने की मांग
प्राचार्य डा. रमन सिन्हा के मुताबिक ड्रेस कोड के लिए तीन सदस्यीय महिला शिक्षकों की कमेटी गठित की गई थी। जिन्होंने डे्रस कोड को लेकर निर्णय लिया था। उन्होंने कमेटी में तय प्रावधान को मानते हुए आदेश जारी किया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) के प्रदेश कार्य समिति सदस्य कुणाल पांडेय ने कहा है कि एसएम कालेज प्रशासन छात्राओं के बाल से संबंधित तानाशाही फरमान निकाला है। अभाविप अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार को कड़ा विरोध करती है। कालेज प्रशासन खुले बाल पर प्रतिबंध वाले आदेश को अविलंब वापस ले। अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
आल इंडिया स्टूडेंट यूनियन (आइसा) के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रवीण कुशवाहा ने कहा कि एसएम कालेज प्राचार्य इंटर की छात्राओं के साथ सौतेले व्यवहार करते हैं। यहीं उनके द्वारा छात्राओं के लिए बाल से संबंधित जारी आदेश महिला विरोधी कार्य को दिखाता है। उन्होंने प्राचार्य को हटाने की मांग की है। साथ महिला प्राचार्या की मांग की है। एनएसयूआइ के आर्यन कुमार ने कहा कि एसएम कालेज में महिला विरोधी कार्य प्राचार्य द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। छात्राओं के बाल से संबंधित आदेश महिला सशक्तिकरण का मजाक बनाने वाला है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।