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    Railway Job Scam: रेलवे में नौकरी का झांसा देकर दो भाइयों से ठगे थे 16 लाख, अब मिली सजा

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 02:56 PM (IST)

    भागलपुर में रेलवे में नौकरी का झांसा देकर दो भाइयों से 16 लाख रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को अब सजा मिली है। यह मामला रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम प ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, भागलपुर। प्रथम अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी धर्मेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने बुधवार को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले अभियुक्त गणेश यादव उर्फ सुमन कुमार यादव को तीन साल की कठोर सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्त को पांच हजार रुपए का अर्थदंड भी देने का आदेश दिया है।

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    न्यायाधीश ने अभियुक्त को जालसाजी और षडयंत्र रचने का दोषी पाते हुए तीन साल की सजा और अर्थदंड की राशि जमा करने का आदेश दिया है। यदि अभियुक्त अर्थदंड की राशि जमा नहीं करता है, तो उसे तीन माह की अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतनी होगी। न्यायालय ने यह भी कहा है कि अभियुक्त द्वारा जमा कराई गई राशि केस के वादी को दी जाएगी।

    अन्य तीन आरोपितों के खिलाफ अनुसंधान जारी

    इस मामले में अभियुक्तों के अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोर सजा सुनाई गई है। गणेश यादव के खिलाफ ट्रायल चल रहा था, जबकि अन्य तीन आरोपित शंभू यादव, अनोज यादव और विक्रम कुमार के खिलाफ पुलिस का अनुसंधान जारी है। ये चारों सगे भाई हैं, जिन्होंने जालसाजी और षड्यंत्र रचकर नीलेश और मिथिलेश से रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी दिलाने के नाम पर कुल 16 लाख रुपए की ठगी की थी।

    फर्जी तरीके से करा दी थी ट्रेनिंग

    नीलेश और मिथिलेश को रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर गणेश और उसके भाइयों ने उनसे आठ-आठ लाख रुपए लिए। 20 अप्रैल 2022 को नीलेश से मिलने के बाद दोनों भाइयों ने पैसे लेकर मेडिकल जांच करवाई और फिर ज्वाइनिंग लेटर दिलाने का आश्वासन दिया। इस दौरान उनकी ट्रेनिंग भी फर्जी तरीके से कराई गई। पैसे मांगने पर अभियुक्तों ने धमकी दी।

    इस घटना के बाद नीलेश ने सुल्तानगंज थाने में केस दर्ज कराया। रेलवे की ग्रुप डी की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोहों ने करोड़ों रुपए की हेराफेरी की है। इस मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाई गई थी। ऐसे गिरोहों के राजनीतिक संबंध भी रहे हैं, जिनकी सक्रियता मुंगेर, भागलपुर, खगड़िया, बांका और बरौनी में देखी गई थी।