राहुल गांधी की न्याय यात्रा: बिहार के लिए बनाया ऐसा रूट मैप; भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी, इन मुद्दों को उठाएगी कांग्रेस
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का रोडमैप इस तरह से तैयार किया गया है कि कांग्रेस के स्टैक होल्ड वाला कोई भी क्षेत्र नहीं छूटे। पूर्णिया में ही जनसभा की तैयारी प्रदेश कांग्रेस के लोग कर रहे हैं। उनके रात्रि विश्राम की व्यवस्था पूर्णिया या अररिया में होगी। उनकी सुरक्षा में लगे अधिकारी सीमांचल में पहुंचकर गहन छानबीन में लगे हुए हैं।

संजय सिंह, भागलपुर। सीमांचल के चार जिलों में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की तैयारी शुरू हो गई है। सीमांचल के दो जिलों किशनगंज और अररिया में अल्पसंख्यक वोटरों का अधिक प्रभाव है।
राहुल की यात्रा का रोडमैप इस तरह से तैयार किया गया है कि कांग्रेस के स्टैक होल्ड वाला कोई भी क्षेत्र नहीं छूटे। पूर्णिया में ही जनसभा की तैयारी प्रदेश कांग्रेस के लोग कर रहे हैं। उनके रात्रि विश्राम की व्यवस्था पूर्णिया या अररिया में होगी। उनकी सुरक्षा में लगे अधिकारी सीमांचल में पहुंचकर गहन छानबीन में लगे हुए हैं। सुरक्षा क्लीयरेंस के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि उनका रात्रि विश्राम पूर्णिया या अररिया में से कहां होगा।
राहुल की न्याय यात्रा किस रास्ते से बिहार पहुंचेगी?
बंगाल (सिलीगुड़ी) के चिकन नेक वाले रास्ते से यात्रा बिहार के किशनगंज में प्रवेश करेगी। चिकन नेक का इलाका भाजपा के लिए चुनावी मुद्दा भी रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि सीमांचल का क्षेत्र कांग्रेस का स्टैक होल्ड रहा है। विपरीत राजनीतिक परिस्थितियों में भी इस इलाके में कांग्रेस के पांच विधायक व एक सांसद हैं।
कटिहार के कदवा विधानसभा क्षेत्र के विधायक शकील अहमद खान विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं। कांग्रेस के बड़े चेहरे तारिक अनवर का इलाका कटिहार रहा है। अनवर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कई बार लोकसभा में कर चुके हैं।
यह है कांग्रेस की परंपरागत सीट
किशनगंज भी कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। आज भी डॉ. जावेद (कांग्रेस) किशनगंज का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं। कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी और राहुल गांधी पहले भी सीमांचल का दौरा कर चुके हैं। अररिया सीट पर भले उथल-पुथल होता रहा है, लेकिन पूर्णिया में वर्षों तक लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। अब इस सीट पर जदयू है।
विधानसभा में RJD को किस पार्टी से हुआ नुकसान?
पिछले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक समीकरण कुछ और था। भाजपा और जदयू एक साथ थे। उधर, कांग्रेस और राजद चुनावी तालमेल कर मैदान में उतरे थे। राजद को सबसे अधिक नुकसान ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने पहुंचाया। पांच सीटों पर ओवैसी के विधायक जीते थे। यहां एमवाई समीकरण पूरी तरह ध्वस्त हो चुका था।
एमवाई समीकरण ध्वस्त होने के कारण राजद का शीर्ष नेतृत्व चिंतित हो उठा था, लेकिन कुछ ही वर्षों बाद राजनीतिक परिस्थितियां बदलीं और ओवैसी के चार विधायक पाला बदलकर राजद के साथ आ गए। राहुल की यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है कि कांग्रेस का जो वोट बैंक क्षेत्रीय दलों के पास गया है, उसे वापस किया जाए। यदि राहुल यह कर पाने में सफल रहते हैं तो अन्य क्षेत्रों में भी उनका जनाधार बढ़ेगा।
जोर-शोर से तैयारी में जुटे विधायक-सांसद
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं, विधायकों व सांसदों ने राहुल गांधी के आगमन की तैयारी को लेकर अपना जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। उनकी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाकर राहुल गांधी को इस बात का एहसास कराएं कि उनका परंपरागत वोट उनके साथ है।
तैयारी को लेकर प्रदेश कांग्रेस संगठन के नेताओं का यहां आना-जाना शुरू हो गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य केसर कुमार सिंह का दावा है कि सीमांचल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा ऐतिहासिक होगी।
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