बेलपत्र किस दिन वृक्ष से तोड़ें... इसका रखें ध्यान, तभी भगवान शिव करेंगे आपका कल्याण
बेलपत्र किस दिन वृक्ष से तोड़ें? सावन का माह चल रहा है। भगवान शिव की पूजा हो रही है। भगवान शिव को बेलपत्र ज्यादा पसंद है। इसलिए आप भी इस बात का ध्यान रखें कि किस दिन बेलपत्र को तोड़ें। पूजा के एक दिन पूर्व तोड़ना ज्यादा शुभ है।

ऑनलाइन डेस्क, भागलपुर। बेलपत्र किस दिन वृक्ष से तोड़ें? हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व है। यह माह भगवान शिव को प्रिय है। कहा जाता है कि संपूर्ण सृष्टि की जिम्मेदारी सावन माह में भगवान शिव के पास रहती है। सावन में भगवान शिव की पूजा करने पर उनकी विशेष कृपा बनती है। इसके अलावा भी शिव की पूजा वर्ष भर होती है। वर्ष भर में कई ऐसे खास दिन है, जिस दिन शिव की पूजा करने में विशेष महत्व होता है। सोमवार हो या महाशिवरात्रि में भोलेबाबा की पूजा होती है।
भगवान शिव को बेलपत्र काफी पसंद है। इसलिए लोग उनकी पूजा के दौरान बेलपत्र का काफी प्रयोग करते हैं। कहा जाता है जिस दिन शिव की पूजा बेलपत्र से करनी हो, उसके एक दिन पूर्व ही बेलपत्र को वृक्ष से तोड़ना चाहिए। अर्थात व्रत वाले दिन बेलपत्र को बिल्कुल ना तोड़ें। व्रत के दिन आप बेलपत्र भगवान को चढ़ा सकते हैं, लेकिन वृक्ष से तोड़ नहीं सकते।
व्रत के दिन के एक दिन वृक्ष तो बेलपत्र तोड़ लें। प्रयास यह करें कि जो व्यक्ति या महिला व्रत कर रहे हैं, उसी को बेलपत्र वृक्ष से तोड़ना चाहिए। हालांकि अगर यह संभव नहीं हो तो दूसरे से बेलपत्र तोड़वा लें। इसके बाद उसकी सफाई करें। बेलपत्र में मिट्टी नहीं लगा रहे। कटा-फटा नहीं हो, खंडित नहीं हो। बढि़या से साफ कर लें। इसके बाद रात भर किसी पात्र में गंगा जल में बेलपत्र को डूबाकर रखें।
कहा जाता है कि बेलपत्र रात भर गंगा जल में तपस्या करती है। बेलपत्र की भी इच्छा होती है कि वे भगवान शिव पर चढ़ें। भगवान की पूजा में उनकी भूमिका रहे। वे भगवान से तपस्या करके यह वर मांगती हैं कि जिसने मुझे तोड़कर आपके शरण में भेजा है, उसकी मनोकमना पूर्ण करो। इस कारण बेलपत्र तोड़ने से लेकर सभी कार्य व्रती को स्वयं करना चाहिए। बेलपत्र में चंदन का बिंदी लगातर चढ़ाएं, जो लाभदायक है। भोलेबाबा को इस तरह से बेलपत्र चढ़ाने से आपकी मनोकामना पूर्ण होती। खंडित बेलपत्र नहीं चढ़ाएं। नियम यह भी है अगर आप चढ़ा हुआ बेलपत्र उतारना चाहते हैं तो दिन के 12 बजे से पहले उतार लें। ओम नम: शिवाय...!
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