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    भागलपुर में नोटिस के नाम पर फिर 'खेला' न हो जाए, सात साल पहले भी भवन किए गए थे चिह्नित

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 09:12 AM (IST)

    भागलपुर में 2018 में चिह्नित किए गए बेसमेंट के व्यावसायिक उपयोग वाले 22 भवनों को फिर से नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया है। नगर निगम की सशक्त स्थाई स ...और पढ़ें

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    पटलबाबू रोड पर मकान के नीचे पार्किंग नहीं बना हुआ, फुटपाथ पर खड़ी मोटरसाइकिल। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। सात सात पहले यानी 2018 में भी बेसमेंट का व्यावसायिक उपयोग करने वाले भवन चिह्नित किए गए थे, पर उन भवनों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई।

    बीते मंगलवार को नगर निगम के सशक्त स्थाई समिति की बैठक में नगर आयुक्त ने एक बार फिर ऐसे 22 भवनों को नोटिस भेजने का आदेश दिया है।

    अवैध निर्माण व नक्शा के विपरीत कार्य करने वाले भवन मालिकों पर डंडा चलाने की तैयारी है। पर अगर शुरुआती समय से ही सख्ती नहीं बरती गई तो एक बार फिर नोटिस के नाम पर खेला कर दिए जाने की आशंका बनी रहेगी।

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    वैसे पिछली बार और इस बार के हालात थोड़े अलग हैं। इस बार नोटिस प्राप्त होने के तीन दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। अन्यथा कार्रवाई तय है।

    भवन निर्माण में नियमों की अनदेखी

    शहरी क्षेत्र में भवन नक्शा की स्वीकृति नगर निगम द्वारा तय मानकों पर दी जाती है। लेकिन, भवन निर्माण में नियमों की अनदेखी की जा रही है। 2018 में तत्कालीन कोतवाली थानेदार ने एसएसपी के निर्देश पर मार्केटिंग कांप्लेक्स का सर्वे कर रिपोर्ट सौंपा था। इसके बाद कार्रवाई के लिए एसडीएम को सूची भेजी गई।

    निगम प्रशासन ने सूची के आधार पर जांच कर नोटिस भी भेजी। जिसमें मुख्य बाजार क्षेत्र के 22 भवन ऐसे पाए गए, जहां बेसमेंट को किराये पर लगाया गया था, या उसकी रजिस्ट्री कर दी गई थी। सात वर्ष पूर्व चिह्नित किए गए उन भवनों को निगम प्रशासन ने फिर से रडार पर लिया है।

    नगर आयुक्त ने लगाई फटकार

    इस मामले को लेकर नगर आयुक्त शुभम कुमार एक्शन मोड में हैं। मंगलवार को बैठक में उन्होंने अवैध निर्माण शाखा प्रभारी को फटकार लगाते हुए कहा कि अब तक नोटिस क्यों नहीं हुई। इसकी जिम्मेदारी टाउन प्लानर को दी गई है।

    बुधवार को नोटिस तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है। अब जल्द ही भवन के बेसमेंट का तय मानक के अनुसार उपयोग नहीं करने वालों को नोटिस भेजी जाएगी। तकनीकी टीम ने नए सिरे से सर्वे के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है।

    2018 में पटल बाबू रोड, अजंता जांच घर में भाड़े पर गोदाम, ग्रील इन रेस्टोरेंट भाड़े पर रेस्टोरेंट, हरीश टावर अक्षरम साड़ी, भागलपुर शू एक्शन, आरपी रोड, सिटी कांप्लेक्स, निशा कांप्लेक्स शानू प्लाजा, ग्रीन मार्केटिंग सर्विसेज गोदाम, सावित्री कांप्लेक्स फर्नीचर हाउस भवन को चिह्नित किया गया था।

    इसके अलावा, खलीफाबाग चौक, ओम टावर, वेरायटी चौक, उत्सव व साका लाका बूम-बूम दुकान, जालान कांप्लेक्स में बेसमेंट में कई दुकानें संचालित हो रही हैं। स्टेशन चौक के आसपास शिवानी टावर, शिवा कांप्लेक्स और एमपी द्विवेदी रोड पर शंकुतलम कांप्लेक्स के बेसमेंट में कई मेडिकल दुकानें चल रही हैं।

    सिर्फ 22 भवनों को ही नोटिस क्यों?

    शहर में कई ऐसे भवन हैं जिसके बेसमेंट का बेजा इस्तेमाल हो रहा है। पर बड़ा सवाल यह कि इनमें से सिर्फ 22 को नोटिस क्यों भेजी गई? बेसमेंट में वाहन पार्किंग नहीं होने से सड़क पर पड़ाव होता है, जिससे शहर की सड़कें संकीर्ण हो चुकी हैं।

    अवैध वाहन पार्किंग के कारण सड़क की चौड़ाई करीब 15 फीट तक कम हो गई है। नतीजा, आए दिन जाम लग रहा है। इसके कारण स्कूली बसें फंस जाती हैं, जिससे बच्चों को काफी दिक्कत होती है।

    नगर आयुक्त के निर्देश पर चिह्नित किए गए भवनों को अवैध निर्माण शाखा के माध्यम से नोटिस जारी किया जाएगा। इसकी तैयारी की जा रही है।

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    विनय यादव, पीआरओ, नगर निगम