चांदी का 10 लाख का कांवर, पटना का कांवरिया... अजगैवीनाथधाम से बाबाधाम तक मनमोहक-मनोरम छटा; रोम-रोम में शिव का वास
Kanwar Yatra Shravani Mela 2025 विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2025 में भागलपुर का अजगैवीनाथ धाम भिन्न-भिन्न प्रकृति के कांवरियों से भरा पड़ा है। पटना के कांवरिया चांदी का 14 फीट लंबा कांवर लेकर अजगैवीनाथ धाम पहुंचे हैं। ये पिछले 25 वर्षों से लगातार चांदी का कांवर लेकर बाबाधाम जा रहे हैं।

संवाद सूत्र, अजगैवीनाथ धाम। Kanwar Yatra 2025 विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर अग्रसर है। समस्त गंगाधाम यानी बाबा अजगैवीनाथ की नगरी भक्ति में सराबोर हो चुकी है। गंगाधाम से बाबाधाम के बीच कच्ची कांवरिया पथ पर बाबा की श्रद्धा में लीन कांवरियों को देखकर भक्ति का अनूठा नजारा देखने को मिल रहा है।
शिवभक्त मनोकामना पूरी कराने की आकांक्षा से अजब अनोखे कांवर लेकर 105 किलोमीटर की लंबी दूरी भुलाकर उनकी ओर चले जा रहे हैं। कोई कांवर पर अपने नन्हें बेटे-बेटियों को बिठाकर यात्रा कर रहा है तो कई कांवरिए माता-पिता को कांवर पर बिठाकर बाबा वैद्यनाथ के दर्शन कराने ले जा रहे हैं।
ऐसे ही पटना के एक कांवरिया स्वजन के साथ 14 फीट के चांदी से बने आकर्षक कांवर लेकर अजगैवीनाथ धाम पहुंचे हैं। यहां गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर उन्होंने जल का संकल्प कर बाबा वैद्यनाथधाम के लिए प्रस्थान किया।
पटना दरियापुर से आए कांवरिया परदेशी कुमार ने बताया कि 25 वर्षों से वे लगातार चांदी के कांवर लेकर अजगैवीनाथ धाम आ रहे हैं। वे यहां से गंगाजल भरकर यात्रा शुरू करते हैं और चार दिनों में यात्रा पूर्ण कर बाबा वैद्यनाथ पर जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने कहा कि इस 14 फीट लंबे कांवर का संपूर्ण भाग चांदी का है।
इस कांवर के निर्माण पर 10 लाख से ज्यादा खर्च आया है। इस कांवर में कई देवी देवता विराजमान हैं। इनमें मां काली, मां दुर्गा, राधा कृष्ण, भगवान गणेश और माता लक्ष्मी शामिल हैं। कांवर पर नाग व शिवलिंग भी हैं।उन्होंने कहा भगवान भोलेनाथ की दया से उनके घर में सभी कुछ हैं। हमारा पूरा परिवार उनका भक्त है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की पत्नी बाबाधाम के लिए हुईं रवाना
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय मंगलवार की देर रात अजगैवीनाथ धाम पहुंचीं। यहां नगर सभापति राजकुमार गुड्डू व उनकी धर्मपत्नी दीपिका ने अंगवस्त्र व बुके भेंटकर उनका स्वागत किया। रात्रि विश्राम के बाद कौशल्या साय बुधवार की सुबह नमामि गंगे घाट पहुंचीं। जहां उन्होंने उत्तरवाहिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।
गंगा पूजन एवं जल संकल्प कर कर वाहन से देवघर के लिए रवाना हुईं। इससे पूर्व उन्होंने बताया कि यह उनकी उनकी दूसरी यात्रा है। उन्होंने कहा कि कांवर यात्रा में पद का अहंकार छोड़कर चलना चाहिए। सनातनियों को संगठित होकर अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। बाबा के दर्शन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। उनके साथ लगभग दो दर्जन से अधिक कांवरियों का जत्था है।
इधर, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल मंगलवार की रात महर्षि मेंही विश्रामालय पहुंचे। बुधवार की सुबह गंगाजल भरकर बाबाधाम के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि बाबा अजगैवीनाथ और बाबा वैद्यनाथ से छत्तीसगढ़ की खुशहाली और सभी के कल्याण की कामना करता हूं। उन्होंने कहा कि विलासपुर से अजगैवीनाथ धाम के लिए सीधी ट्रेन के लिए पहल की जाएगी। श्रावणी मेला बिहार और झारखंड को जोड़ता है। इसे राष्ट्रीय मेला घोषित कराने का प्रयास करूंगा।
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