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    Kanwar Yatra 2025: 10 गुना अधिक कांवड़िए जा रहे बाबाधाम, पैदल से ज्यादा गाड़ियों का रेला

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 10:16 AM (IST)

    भागलपुर से बाबाधाम जाने वाले कांवड़ियों की संख्या में पैदल यात्रियों की तुलना में वाहनों से जाने वाले यात्रियों की संख्या 10 गुना अधिक है। कृष्णगढ़ बांका और देवघर में लगी मशीनों की गिनती से इसकी पुष्टि होती है। अजगैबीनाथ धाम से जल लेकर चलने वाले कांवड़ियों की संख्या कृष्णगढ़ में रोजाना पौने दो लाख से ढाई लाख तक है। तेज धूप से पैदल कांवड़ियों की संख्या कम है।

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    पैदल के मुकाबले वाहन से 10 गुना अधिक कांवड़िए जा रहे बाबाधाम।

    माधबेन्द्र, भागलपुर। पैदल के मुकाबले वाहन से 10 गुना अधिक कांवड़िए बाबाधाम जा रहे हैं। भागलपुर स्थित कृष्णगढ़, बांका और देवघर में लगी मशीन की गिनती और अजगैबीनाथ से देवघर के रास्ते पर वाहनों की रेंगती कतार इसकी पुष्टि कर रही है।

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    अजगैबीनाथ धाम स्थित गंगा तट से जल लेकर चलनेवालों कांवड़ियों की संख्या कृष्णगढ़ में लगी मशीन रोजाना पौने दो लाख से ढाई लाख तक बताती है, जबकि बांका जिला के कटोरिया स्थित नियंत्रण कक्ष में कांवड़ियों की घटकर औसतन 20 हजार में आ जाती है।

    पैदल जा रहे कांवड़िए।

    पुन: देवघर में संख्या एक लाख से अधिक हो जाती है। बांका के कटोरिया में जिला नियंत्रण कक्ष के पास लगी मशीन के अनुसार 13 से 19 जुलाई तक कुल एक लाख 45 हजार कांवड़िए पैदल बाबाधाम गए हैं, जबकि अजगैबीनाथ धाम से इतने दिनों में 12 लाख से अधिक शिवभक्तों ने गंगाजल उठाया और देवघर में करीब-करीब इतनी ही संख्या में शिवभक्तों ने जल चढ़ाया।

    बिहार में अजगैबीनाथ धाम से लेकर बांका के कटोरिया तक तीन ई पीपुल मशीन लगी हैं। इनमें दो मशीनें भागलपुर जिला स्थित अजगैबीनाथ धाम में कृष्णगढ़ मोड़ और धांधी बेलारी में है। तीसरी मशीन बांका के कटोरिया में लगी है।

    कांवड़ियों की संख्या गिनता कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी।

    बिहार में इन मशीनों का इंस्टालेशन राठौर साल्यूशंस ने किया है। इसके आइटी मैनेजर साहिल कुमार सिंह के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित यह मशीन कांवड़ियों की गिनती चेहरे की पहचान के आधार पर करती है।

    एक दिन में अगर कोई व्यक्ति दोबारा इस मशीन के नीचे से गुजरेगा तो उसकी गिनती नहीं होगी। पिछले वर्ष लगी मशीन दिल की धड़कन को सेंसर के माध्यम से पढ़कर आंकड़ा देता थी। वहीं, झारखंड में कांवड़िया पथ दुम्मा में एक और बाबा मंदिर के चारों द्वार पर चार हेड काउंटिंग मशीनें लगी हैं।

    अजगैबीनाथ धाम से बाबाधाम तक कांवड़िया पथ की कुल लंबाई लगभग 98 किलोमीटर है। डाक बम यह रास्ता एक दिन में तय करते हैं, जबकि सामान्य कांवड़िया को औसतन साढ़े तीन दिन लग जाते हैं। बाबाधाम में जलाभिषेक के लिए संर्वाधिक कांवड़िए सोमवार को पहुंचते हैं।

    इसके लिए वे शुक्रवार तड़के से अजगैबीनाथ धाम से गंगाजल उठाते हैं। दो से ढाई दिन में कटोरिया पहुंचते हैं। कांवड़िया पथ पर संख्या की शिफ्टिंग भी इसी अनुरूप होती है। बांका में सर्वाधिक 54 किलोमीटर कांवड़िया पथ है।

    कांवड़ियों की संख्या गिनने के लिए धांधी बेलारी के पास लगाई गई मशीन।

    यहां कांवड़ियों की सेवा में लगे चैंबर आफ कामर्स के जिलाध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी बताते हैं कि 11 जुलाई से श्रावणी मेला शुरू हुआ है। संभवत: तेज धूप के कारण पैदल चलने वाले कांवड़ियों की संख्या कम है। वर्षा होने पर संख्या बढ़ने की संभावना है।

    तिथि कृष्णगढ़ मोड़ कटोरिया बाबाधाम
    13 जुलाई 1,85,644 40,000 1,53,394
    14 जुलाई 1,77,301 21,836 2,26,264
    15 जुलाई 1,60,941 21,043 1,27,519
    16 जुलाई 1,96,020 16,811 1,21,876
    17 जुलाई 2,67,854 11,903 1,35,561
    18 जुलाई 2,71,571 14,332 1,66,868
    19 जुलाई 2,55,385 20,076 1,90,161

    इनपुट : आरसी सिन्हा (देवघर), विजेन्द्र राजबंधु (बांका), अभिषेक प्रकाश (भागलपुर)

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